Wednesday, 6 April 2016

आरटीआई सूचना में देरी पर एक्सईएन को 7 हजार जुर्माना



मंडी। हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता गोहर को देरी से सूचना देने पर 7000 रूपये जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है। आयोग ने अभियंता को अपीलकर्ता के पक्ष में 2500 रूपये हर्जाना भी अदा करने के आदेश दिये हैं। राज्य सूचना आयोग के मुखय सूचना आयुक्त भीम सेन ने जिला की बालीचौकी उपतहसील के सुधराणी (खलवाहण) निवासी आरटीआई कार्यकर्ता संत राम की अपील को स्वीकारते हुए लोनिवि के अधिशाषी अभियंता गोहर एन एल चौहान के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया है। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि जन सूचना अधिकारी अधिशाषी अभियंता गोहर ने अपीलकर्ता को सूचना देरी से देने के कारण अपने जवाब में नहीं बताए हैं और उन्होने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का भी पालन नहीं किया। अभियंता ने सूचना देने में 28 दिनों की देरी की है। जिसके लिए आयोग ने उन्हे सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 20 के तहत 250 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना अदा करने के आदेश दिये हैं। खलवाहण वार्ड के जिला परिषद सदस्य व आरटीआई कार्यकर्ता संत राम ने बताया कि उन्होने बालीचौकी से सुधराणी सडक निर्माण में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में लोनिवि के मुखय अभियंता को शिकायत दी थी। उन्होने इस शिकायत पर हुई कार्यवाही के बारे में मुखय अभियंता से सूचना मांगी थी। मुखय अभियंता कार्यालय से यह अर्जी अधीशाषी अभियंता के कार्यालय को स्थानांतरित हुई थी। लेकिन अधीशाषी अभियंता ने 28 दिनों की देरी से यह सूचना मुहैया करवाई थी। जिसके चलते उन्होने प्रथम अपील दायर की थी। संत राम ने बताया कि उनके पक्ष को नजरअंदाज कर देने पर उन्होने राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील दायर की थी। आयोग ने अपील को स्वीकारते हुए जन सूचना अधिकारी दवारा देरी से सूचना मुहैया करने पर उन्हे उक्त जुर्माना राशि व हर्जाना राशि अदा करने का फैसला सुनाया है।
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