मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 9500 रूपये की राशि ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य तथा सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी के अपर मंगवाईं मुहल्ला निवासी शकुंतला पाठक पत्नी हरबंस कुमार की शिकायत को उचित मानते हुए चक्कर (गुटकर) स्थित देव भूमि मोटर्स के प्रबंधक को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त 9500 रूपये की राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता एच के धीमान के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से नयी सकोडा कार खरीदी थी। इस कार का बीमा उपभोक्ता ने बजाज एलियांज बीमा कंपनी के पास करवाया था। बीमा अवधि में ही 2 फरवरी 2014 को उपभोक्ता जब ठियोग से शिमला आ रही थी तो इसी दौरान उनका वाहन एक सडक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया। कार को विक्रेता की वर्कशाप में लाया गया। जहां पर बीमा कंपनी के सर्वेयर ने कार के निरिक्षण के बाद इसकी रिर्पोट कंपनी को सौंपी थी। उपभोक्ता ने कैशलैस आधार पर वाहन का बीमा करवाया था। इसलिए उपभोक्ता को कार की मरममत करवाने में विक्रेता को कोई राशि नहीं देनी थी। लेकिन इसके बावजूद भी विक्रेता ने उपभोक्ता से 9500 रूपये वसूल कर लिए। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के जवाब में विक्रेता का कहना था कि वाहन के कुछ हिस्से बीमा में कवर नहीं थे। इसलिए यह राशि वसूल की गई है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बीमा कंपनी के सर्वेयर की रिर्पोट में यह कहीं जाहिर नहीं होता कि कार का सैंसर जिसकी कीमत 9500 रूपये थी इस बीमा पालिसी में कवर नहीं था। फोरम ने कहा कि विक्रेता का उपभोक्ता से यह राशि वसूल करना उनकी सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी व यंत्रणा के बदले उक्त हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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