मंडी। जिला परिषद के खलवाहण वार्ड के सदस्य संत राम ने वन अधिकार कानून 2006 को सही ढंग से लागू करके समुदायों को मान्यता पत्र जारी करने की मांग की है। इस बारे में उन्होने उपायुक्त मंडी संदीप कदम को वीरवार को ज्ञापन सौंपा है। संत राम ने बताया कि सराज क्षेत्र के तमाम निवासी वन अधिकार कानून 2006 के तहत परंपरागत वन निवासी की श्रेणी में आते हैं। लगभग पूरा क्षेत्र वन और वन संपदा पर अपनी आजिविका के लिए निर्भर है। उन्होने बताया कि वन अधिकार कानून के तहत आने वाले क्षेत्र के सभी वन व सांझा वन संसाधन वहां के समुदायों को सौंपे जाने के लिए प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले प्रक्रिया शुरू की है। जिसके तहत हालांकि वन अधिकार समितियों का गठन भी किया जा चुका है। लेकिन जानकारी का अभाव होने के कारण अधिकतम ग्राम सभाएं इन वन अधिकार समितियों को अपने वन अधिकार के दावे प्रेषित नहीं कर पाए हैं। उन्होने बताया कि 30 मई 2015 को क्षेत्र की 31 वन अधिकार समितियों ने साझा वन संसाधन के लिए सामुदायिक वन अधिकार के दावे उप मंडल स्तरीय समिति गोहर को प्रेषित किए हैं। लेकिन जिला व उपमंडल स्तर की समितियों ने अभी तक कार्यवाही नहीं की है। उन्होने बताया कि इस कानून को ठीक ढंग से लागू ना करने से क्षेत्र के तमाम तरह के विकास कार्य वन भूमि के हस्तांतरण न होने के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। उन्होने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए और ग्राम सभा में जानकारी पहुंचाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं। इसके तहत वन अधिकार के दावे ग्राम सभा में आमंत्रित करने व प्राप्त हुए दावों पर जिला स्तरीय समिति के माध्यम से मान्यता पत्र जारी किए जाएं। जिससे क्षेत्र के लंबित पडे विकास कार्यों को गति दी जा सके।
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