Saturday, 9 April 2016

पराशर मंदिर की संपति में हेर-फेर को दबाना ही अधिग्रहण के विरोध का मकसदः इंद्राज कमेटी



मंडी। मंडी के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल महर्षि पराशर मंदिर के अधिग्रहण को लेकर चल रहा विवाद लगातार तूल पकडता जा रहा है। पराशर मंदिर के राजस्व इंद्राज में दर्ज कमेटी ने जल्द से जल्द मंदिर का ऑडिट करने व इसके अधिग्रहण की मांग की है। मंदिर के राजस्व इंद्राज में कठैला के रूप में दर्ज सेगली पंचायत निवासी चरण सिंह ने विधायक महेश्वर सिंह के अधिग्रहण से देव परंपरा का हनन होने संबंधी ब्यान पर सवाल किया है कि क्या मंदिरों का अधिग्रहण होने से देव परंपराओं का हनन होता है। अगर ऐसा है तो वह भी पराशर मंदिर के अधिग्रहण का विरोध करते हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश में अभी तक जितने मंदिरों का अधिग्रहण हुआ है क्या उनमें भी देव परंपराओं का हनन हुआ है। उन्होने कहा कि बांधी कमेटी के प्रधान बलबीर ठाकुर ने अधिग्रहण के विरोध को लेकर ग्राम पंचायत सेगली के प्रधान से कोई विचार विमर्श नहीं किया गया। महर्षि पराशर मंदिर ग्राम पंचायत सेगली में स्थित है। मुखयमंत्री से अधिग्रहण के विरोध के सिलेसिले में मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में ग्राम पंचायत सेगली के प्रधान को जानबूझ शामिल नहीं किया गया। क्योंकि ग्राम पंचायत सेगली ने साल 2013 में मंदिर का अधिग्रहण करने के लिए प्रस्ताव पारित किया हुआ है। उन्होने कहा कि अधिग्रहण के विरोध का कारण देव परंपराओं का हनन नहीं बल्कि यह तो एक बहाना है। चरण सिंह ने बताया कि असलियत यह है कि महर्षि पराशर मंदिर की अरबों रूपये की संपति है और इस संपति में हुए हेर फेर को दबाना ही अधिग्रहण के विरोध का मकसद है। उन्होने कहा कि पराशर मंदिर का संचालन कर रही बाहंदी कमेटी को अभी तक की आय का ब्यौरा दे कर सपष्ट करना चाहिए कि मंदिर की यह आय कहां पर है और इस आय से पराशर में क्या विकास किया गया है। उन्होने कहा कि बाहंदी कमेटी ने हिंदू परंपराओं को आहत करने वाले कारनामे किए हैं। हाल ही में यहां हुई एक फिल्म दी हीरो की शूटिंग में महर्षि पराशर के मंदिर को एक बौध मठ दर्शाया गया है। जो देव परंपरा का हनन है। बाहंदी कमेटी ने हिंदू मंदिर को बौध मठ दिखाने के लिए कितनी राशी ली थी यह भी सपष्ट किया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि ग्राम पंचायत सेगली की राजस्व इंद्राज में दर्ज कमेटी ही मंदिर की सभी सालाना पांच जागें व देव कार्य इंद्राज में दर्ज पुजारी, कटवाल, मेहता, कठैला व अन्यों के माध्यम से संपन्न करवाती है। इन सभी कार्यों का सारा खर्चा भी इंद्राज कमेटी ही करती है। उन्होने बताया कि उपायुक्त मंडी को ज्ञापन देकर बाहंदी कमेटी का ऑडिट करवाने की मांग की गई है। उन्होने जिला प्रशासन से पराशर मंदिर का जल्द से जल्द अधिग्रहण करने और बाहंदी कमेटी के देव परंपराओं के हनन के नाम पर किए जाए अधिग्रहण के गैरकानूनी विरोध को अस्वीकार करने की मांग की है।
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