बालीचौकी। हिमाचल प्रदेश में वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए हिमालयन निति अभियान की ओर से बालीचौकी में राज्य स्तरीय सेमीनार का आयोजन किया गया । इस सेमीनार में देश विदेश के कई जाने माने कानून के विशेषज्ञ, पर्यावरणविद, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि व वन अधिकार समितियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया । सेमीनार में आए लोगों को संबोधित करते हुए हिमाचल नीति अभियान के अध्यक्ष कुलभूषण उपमन्यु व संयोजक गुमान सिंह ने प्रशासन और आम जनता से इस काननू को लागू करने के लिए सहयोग मांगा । उन्होंने बताया कि वन अधिकार कानून 2006 लागू हुए लगभग एक दशक बीत चुका है लेकिन जमीनी स्तर पर यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है। उन्होंने ने कहा कि वन अधिकार कानून के तहत अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासियों को तीन तरह के अधिकार देता है। जिनमें वन भूमि पर इन निवासियों को व्यक्तिगत व सामुदायिक दावे का अधिकार देता है। इसके अलावा जंगल के संरक्षण से प्रबंधन तक का कार्य स्थानीय जनता को सौंपने का अधिकार भी प्रदान करता है। इसके अलावा तेरह किस्म के विकास कार्यों के लिए एक हैक्टेयर तक की वन भूमि हस्तांतरित करने का अधिकार है चाहे इस वनभूमि में 75 की संखया तक पेड क्यों न लगे हों। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य व डीएलसी सदस्य संत राम ने राज्य स्तरीय सममेलन में आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि वन अधिकार कानून के ठीक ढंग से लागू न होने से स्थानीय लोगों के विकासात्मक कार्य रूके पडे हैं। इसके अलावा जंगलों के पुराने बर्तनदारानों के खिलाफ पबलिक परमिसिस एक्ट के तहत उनकी बेदखली की जा रही है। जबकि यह कानून इन बर्तनदारानों के अधिकारों को कानूनी मान्यता देता है। लेकिन सरकार व वन विभाग इस कानून को नजरअंदाज करके दूसरे कानून की आड में उन्हे परंपरागत वन अधिकारों से वंचित करके बेदखल कर रहा है। इस अवसर पर अभियान के प्रदेश सचिव संदीप मिन्हास ने वन अधिकार अधिनियम पर विस्तार से जानकारी रखते हुए कहा कि हिमाचल सरकार, प्रशासन व जनता के सहयोग के बगैर इस कानून को इसकी आत्मा के अनुरूप लागू नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर देश के जाने माने पर्यावरणविद व इनबायरोनिक्स ट्रस्ट के निदेशक डा. श्रीधर, हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तन्वर, हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष ओपी भुरेटा, शालघाटी बचाओ संघर्ष समिति चंबा के अध्यक्ष रत्न चंद, सेवानिवृत आईएएस एस आर नेगी, सराज पंचायत समिति अध्यक्ष अमर सिंह, उपाध्यक्ष भूप सिंह, किसान बचाओ र्मोचा के संयोजक देश राज शर्मा, पुर्व बीडीसी अध्यक्ष दलीप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने वन अधिकार अधिनियम पर अपने विचार रखे । सेमिनार में नायब तहसीलदार बालीचौकी, एसडीओ लोनिवि, एसईबीपीओ सराज, वन विभाग की थाची रेंज अधिकारी सहित कई कर्मचारी भी शामिल रहे।
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