Thursday, 30 June 2016

प्रदेश में वनाधिकार कानून हो लागू



बालीचौकी। हिमाचल प्रदेश में वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए हिमालयन निति अभियान की ओर से बालीचौकी में राज्य स्तरीय सेमीनार का आयोजन किया गया । इस सेमीनार में देश विदेश के कई जाने माने कानून के विशेषज्ञ, पर्यावरणविद, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि व वन अधिकार समितियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया । सेमीनार में आए लोगों को संबोधित करते हुए हिमाचल नीति अभियान के अध्यक्ष कुलभूषण उपमन्यु व संयोजक गुमान सिंह ने प्रशासन और आम जनता से इस काननू को लागू करने के लिए सहयोग मांगा । उन्होंने बताया कि वन अधिकार कानून 2006 लागू हुए लगभग एक दशक बीत चुका है लेकिन जमीनी स्तर पर यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है। उन्होंने ने कहा कि वन अधिकार कानून के तहत अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासियों को तीन तरह के अधिकार देता है। जिनमें वन भूमि पर इन निवासियों को व्यक्तिगत व सामुदायिक दावे का अधिकार देता है। इसके अलावा जंगल के संरक्षण से प्रबंधन तक का कार्य स्थानीय जनता को सौंपने का अधिकार भी प्रदान करता है। इसके अलावा तेरह किस्म के विकास कार्यों के लिए एक हैक्टेयर तक की वन भूमि हस्तांतरित करने का अधिकार है चाहे इस वनभूमि में 75 की संखया तक पेड क्यों न लगे हों। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य व डीएलसी सदस्य संत राम ने राज्य स्तरीय सममेलन में आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि वन अधिकार कानून के ठीक ढंग से लागू न होने से स्थानीय लोगों के विकासात्मक कार्य रूके पडे हैं। इसके अलावा जंगलों के पुराने बर्तनदारानों के खिलाफ पबलिक परमिसिस एक्ट के तहत उनकी बेदखली की जा रही है। जबकि यह कानून इन बर्तनदारानों के अधिकारों को कानूनी मान्यता देता है। लेकिन सरकार व वन विभाग इस कानून को नजरअंदाज करके दूसरे कानून की आड में उन्हे परंपरागत वन अधिकारों से वंचित करके बेदखल कर रहा है। इस अवसर पर अभियान के प्रदेश सचिव संदीप मिन्हास ने वन अधिकार अधिनियम पर विस्तार से जानकारी रखते हुए कहा कि हिमाचल सरकार, प्रशासन व जनता के सहयोग के बगैर इस कानून को इसकी आत्मा के अनुरूप लागू नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर देश के जाने माने पर्यावरणविद व इनबायरोनिक्स ट्रस्ट के निदेशक डा. श्रीधर, हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तन्वर, हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष ओपी भुरेटा, शालघाटी बचाओ संघर्ष समिति चंबा के अध्यक्ष रत्न चंद, सेवानिवृत आईएएस एस आर नेगी, सराज पंचायत समिति अध्यक्ष अमर सिंह, उपाध्यक्ष भूप सिंह, किसान बचाओ र्मोचा के संयोजक देश राज शर्मा, पुर्व बीडीसी अध्यक्ष दलीप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने वन अधिकार अधिनियम पर अपने विचार रखे । सेमिनार में नायब तहसीलदार बालीचौकी, एसडीओ लोनिवि, एसईबीपीओ सराज, वन विभाग की थाची रेंज अधिकारी सहित कई कर्मचारी भी शामिल रहे।
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शिक्षिका के खाते से शातिरों ने उड़ा लिए उन्नीस हजार



मंडी। ...इंटरनेट के बढते इस्तेमाल से आन लाइन ठगी की घटनाएं लगातार बढती जा रही हैं। ऐसा ही एक नया मामला वरिष्ठ माध्यममिक पाठशाला जडोल की कंप्यूटर अध्यापिका मनीषा शर्मा के साथ घटित हुआ है। सुंदनगर के पुराना बाजार निवासी मनीषा ने इस बारे में बीबीएमबी पुलिस थाना में शिकायत दी है। उनके अनुसार 16 जून 2016 को उन्हे एक टेलीफोन से काल आई और काल पर बात करने वाले ने उनका आधार नंबर पूछा। इसके बाद काल करने वाले ने उनसे वन टाइम पासवर्ड पूछकर उनके एटीएम से 19000 रूपये की राशि निकाल ली है। उन्होने बताया कि उनके खाते में से उक्त काल करने वाले ने एसबीआई बददी को 5000 रूपये, पे टाइम मोबाइल सोलयूशन नोएडा को 4999 रूपये, एसी फ्री चार्ज को 8000 रूपये और मोबाइल प्री पेड रिचार्ज के लिए 1000 रूपये की राशि निकाल ली है। मनीषा ने बताया कि उन्होने 17 जून को ही बीबीएमबी पुलिस थाना सुंदरनगर में इस ठगी के बारे में शिकायत दी है। लेकिन अभी तक इस बारे में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है। उन्होने जिला पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि उनकी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करके आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जाए।
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Tuesday, 28 June 2016

जान जोखिम का खेल अभी भी जारी



मंडी। जान जोखिम में डालकर व्यास नदी को पार करने का भारी रिस्क भरा यह करतब लोगों को खुशी-2 नहीं बल्कि मजबूरी के चलते करना पडता है। उफनती व्यास नदी पर पैदल चलने योग्य पुल न होने के कारण लोगों को गरारी से चलने वाली इस ट्राली की रस्सी खींचते हुए दूसरे किनारे पर पहुंचना होता है। चंडीगढ-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के कारण यह ट्राली पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी होती है। लेकिन एक बार जब ऐसे ही किसी पर्यटक ने उपर की तार पकड कर नदीं पार करने की कोशीश की थी तो गरारी में उसका हाथ फंस गया। किसी तरह गरारी से हाथ निकाला तो बुरी तरह से लहुलुहान हो चुका था। किनारे पर खडे लोगों ने उसे नीचे की रस्सी खींच कर वापिस आने को कहा। किसी तरह वह जखमी हालत में किनारे पर पहुंचा। जब भी यहां से गुजरना होता है तो बेहद शर्मिंदगी महसूस होती है कि हमारी सरकारें आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी लोगों को इतना रिस्क भरा रास्ता अपनाने के लिए बाध्य रखती हैं। क्या एक अदद पैदल चलने का पुल भी नसीब करवाना सरकार का औचित्य नहीं बनता। लोगों को ऐसे रिस्क लेकर अभी और कितनी पीढियों की जान दांव पर लगानी होगी। यह सवाल हर बार कौंधते हैं जब भी इस ट्राली में से लोग नदी पार करते दिखते हैं। लेकिन सरकार व प्रशासन लोगों की जिंदगियों के बारे में संजीदा नहीं है। कई वर्ष पहले के ये हालत अभी भी क्रमश: जारी हैं। लेकिन लोगों की जिंदगी जीने के दशा में कोई परिवर्तन नहीं हो सका है। उनकी जिंदगियां अभी भी दांव पर है। उममीद है कि कुछ ऐसा हो कि नदी पार करने के इस बर्बर तरीके पर पैदल चलने योग्य पुल बना कर रोक लगाई जाए। इस बारे में जिला न्यायलय में बतौर अधिवक्ता कार्यरत समीर कश्यप का कहना है कि आदिम तकनीक का यह झूला पुल आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी करेरी पंचायत के लोगों को मुखयधारा से जोडने के लिए एकमात्र संचार का साधन है। शर्मनाक है कि एन एच 21 पर से लाखों लोग गुजरते हैं लेकिन हमारी सरकारों ने कभी यहां पर पुल बनाने की कोशीश नहीं की। हालांकि स्थानीयवासी इस बारे में सभी स्तरों पर अपनी मांग कई बार उठा चुके हैं। इस जोखिमपुर्ण झूला पुल पर कई लोग व्यास पार करते समय अपनी जान गंवा चुके हैं। इसी तरह के कई पुल व्यास नदी को पार करने के लिए बने हुए हैं। सरकार को इन झूला पुलों की बर्बर और आदिम तकनीक को तत्काल बंद करके यहां पर पुलों को निर्माण करना चाहिए। जिससे लोगों की जिंदगियों से खिलवाड बंद हो सके। अधिवक्ता समीर कश्यप ने ई मेल के माध्यम से उपायुक्त मंडी से मांग की है कि इस झूला पूल को बंद करने से पहले यहां पर जल्द से जल्द वैकल्पिक पैदल चलने योग्य पुल बनवाया जाए। जिससे आगामी बरसात के दिनों में किसी दुर्घटना को घटित होने से रोका जा सके।
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Thursday, 23 June 2016

ब्वॉयज स्कूल मंडी में छात्रों की दी कानूनी जानकारी



मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में नवीं और 11वीं के छात्रों को कानून का पाठ पढाया गया। इस शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव कपिल शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि ऐसा देखा गया है कि लोग अपने संविधान प्रदत अपने अधिकारों के बारे में तो पूरी तरह से अवगत होते हैं लेकिन वह देश के प्रति कर्तव्यों के बारे में अनभिज्ञ होते हैं। उन्होने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 51 में नागरिकों के देश के प्रति कर्तव्यों को पारिभाषित किया गया है। उन्होने कहा कि नागरिकों का कर्तव्य है कि वह देश के संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थानों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें। उन्होने कहा कि नागरिकों को स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें। नागरिकों को भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने, उसकी मर्यादा बनाए रखने व आहवान करने पर देश की रक्षा के लिए समर्पित होना चाहिए। लोगों को ऐसे भाईचारे की भावना का निर्माण करना चाहिए जो धर्म, भाषा, प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मौलिक कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझते हुए प्राकृतिक पर्यावरण, वन, झील, नदी व अन्य जीवों की रक्षा करने और उनका संरक्षण करने की जरूरत है। नागरिकों के सुधार की भावना विकसित करके सार्वजनिक संपति को सुरक्षित रखते हुए हिंसा से दूर रहना चाहिए। हमें सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट करते हुए आगे बढते रहना चाहिए जिससे देश उपलब्धियों की नयी ऊंचाइयों को छू सके। देश के सभी माता पिताओं को 6 से 14 साल तक के बच्चों को शिक्षा दिलाना एक आवश्यक कर्तव्य है जिससे देश की भावी पीढी भविष्य के कार्यभार अपने मजबूत कंधों पर उठा सके। इस मौके पर पाठशाला के कार्यवाहक प्रधानाचार्य विजय गुप्ता ने विधिक प्राधिकरण का इस शिविर को आयोजित करने पर धन्यावाद किया। इस मौके पर स्कूल की राजनैतिक शास्त्र की प्रवक्ता मिनाक्षी जोशी ने भी छात्रों को अधिकारों व कर्तव्यों से अवगत करवाया। इस शिविर में पाठशाला के प्रवक्ताओं सहित नवीं व 11वीं कक्षा के विद्यार्थी मौजूद रहे।
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सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व ट्रिब्यूनल के सदस्यों को बार ने किया सम्मानित



मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल के सदस्यों और उच्चतम न्यायलय के रजिस्ट्रार जनरल के सममान में बैठक का आयोजन किया। इस अवसर पर एसोसिएशन ने ट्रिब्युनल के न्यायिक सदस्य डी के शर्मा, सदस्य हरिन्द्र हीरा और सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल चिराग भानु सिंह मंडयाल को स्मृति चिन्ह भेंट करके सममानित किया। जिला बार एसोसिएशन को संबोधित करते हुए सर्किट बैंच के लिए मंडी प्रवास पर आए ट्रिब्युनल के न्यायिक सदस्य डी के शर्मा ने कहा कि उन्हें मंडी बार से हमेशा भरपूर सहयोग मिला है। उन्होने बताया कि उनकी कालेज स्तर की शिक्षा मंडी में हुई है और उन्हें बतौर सत्र न्यायधीश भी मंडी में कार्य करने का मौका मिला है। इस अवसर पर मंडी से संबंध रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल चिराग भानू सिंह मंडयाल ने जिला बार एसोसिएशन की प्रशंसा करते हुए इस सममान के लिए आभार व्यक्त किया। इससे पुर्व जिला बार एसोसिएशन के प्रधान नीरज कपूर ने सभी विशेष अतिथियों का बार का निमंत्रण स्वीकारने व समारोह में मौजूद होने पर उनका धन्यावाद किया। प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष देश राज शर्मा व मंडी बार के सबसे पुराने अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी विशेष अतिथियों का समारोह में आने पर धन्यावाद किया। जिला बार एसोसिएशन के सचिव नंद लाल ठाकुर ने बताया कि इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायधीश सी एल कोछर, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) कृष्ण कुमार, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी राजेश चौहान, अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल, जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव कपिल शर्मा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अनिता शर्मा, कोर्ट नंबर चार शिखा लखनपाल सहित बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।
पिक्चरस- कमल सैनी एडवोकेट
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Sunday, 19 June 2016

पत्नी के हत्यारे को उम्र कैद और बीस हजार जुर्माना



मंडी। पत्नी की हत्या के आरोपी पति को अदालत ने कठोर उम्र कैद और 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। हत्या की वारदात के सबूत मिटाने के सह अभियुक्त को भी अदालत ने दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (एक) पुने राम के न्यायलय ने करसोग तहसील के नरयारा गांव में रह रहे नेपाल के गौरी (देलग) निवासी प्रकाश चंद पुत्र भगत राम के खिलाफ भादंस की धारा 302 और 201 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: कठोर उम्र कैद और तीन साल की कठोर कारावास व क्रमश: दस-दस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि को निश्चित समय में अदा न करने पर क्रमश: तीन साल कठोर और तीन माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा मामले के सहअभियुक्त और मुखय आरोपी के भाई भीम सिंह के खिलाफ भादंस की धारा 201 के तहत सबूतों को मिटाने की कोशीस करने का अभियोग साबित होने पर 2 साल की कठोर कारावास व 5000 रूपये जुर्माना और समय पर जुर्माना अदा न करने पर तीन माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 28 मई 2014 को रात के समय शिकायतकर्ता महेन्द्र सिंह ने करसोग थाना पुलिस को फोन पर सूचित किया कि वह इस समय नरयारा गांव में स्थित प्रकाश चिकन हाउस के बाहर खडा हुआ है। आरोपी प्रकाश चंद व भीम सिंह शिकायतकर्ता के वाहन में एक बोरी रख रहे थे। उसने जब बोरी में डाले गए सामान के बारे में पूछा तो दोनों बोरी को उठाकर चिकन हाउस में ले गए और प्रकाश चंद ने चिकन हाउस का शटर बंद कर दिया। जबकि भीम सिंह मौका से फरार हो गया। महेन्द्र सिंह ने बताया कि इस बोरी में लाश या कोई संदिगध वस्तु हो सकती है। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी राजेश कुमार की अगुवाई में पुलिस दल मौका पर पहुंचा और चिकन हाउस का शटर खुलवाया तो वहां फर्श पर पडी एक बोरी में प्रकाश चंद की पत्नी नर्बदा की लाश बरामद हुई। पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी शशी कांत और नवीन चंद्र ने 17 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ हत्या करने और मामले के सबूतों को नष्ट करने के प्रयास का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपियों को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...