मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से रविवार को अंतरराज्यीय बस स्टैंड में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अनिता शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होने बस अड्डा में मौजूद परिवहन कर्मियों को रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले कानूनों की जानकारी दी और इन प्रावधानों का समुचित लाभ उठाने व लोगों को जागरूक करने का आहवान किया। उन्होने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत सभी महिलाओं, अपंग, फैक्टरी मजदूरों, आपदा प्रभावितों व एक लाख रूपये की सालाना आमदनी वाले सभी लोगों को मुफत कानूनी सहायता दी जाती है। जिसके लिए सादे कागज पर प्राधिकरण के पास आवेदन करना होता है। उन्होने बताया कि यह सहायता सिर्फ केस करने के लिए ही नहीं बल्कि केस का बचाव करने के लिए भी दी जाती है। उन्होने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भरण पोषण पाने के हकदार हैं। उन्होने कहा कि जिस तरह बच्चों के भरण पोषण की जिममेवारी माता पिता पर होती है। उसी तरह माता-पिता के बुजुर्ग होने पर उनके भरण-पोषण की जिममेवारी संतानों की हो जाती है। जिसके लिए बुजुर्ग भी इस प्रावधान के तहत भरण पोषण के हकदार होते हैं। न्यायिक दंडाधिकारी ने घरेलू हिंसा, उपभोक्ता अधिनियम तथा अन्य कानूनी प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा, सूचना का अधिकार और मिडिएशन के बारे में जानकारी दी। जबकि अधिवक्ता मनीष कुमार कटोच ने विधिक प्राधिकरण, मोटर वाहन अधिनियम और ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केंद्र के बारे में बताया। शिविर में परिवहन निगम के कर्मी तथा प्राधिकरण की ओर से नवल ठाकुर व रमेश भी मौजूद रहे।
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