मंडी। वल्र्ड नो टोबैको डे के अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से यहां के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव कपिल शर्मा ने की। इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर चार शिखा लखनपाल ने बताया कि विश्व स्वास्थय संगठन ने 1988 को 31 मई का दिन तंबाकु निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया था। जिसके बाद इस दिन को नो टोबैको दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होने इस मौके पर तंबाकु के प्रयोग से होने वाली हानियों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि तंबाकु को पीने व खाने से बच्चों पर बहुत बुरा प्रभाव पडता है और उन्हें अनेकों रोगों का सामना करना पडता है। इस अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर विशाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सिगरेट, बीडी, गुटखा व हुक्के के जरिये तंबाकु का प्रयोग करने से मुंह, दांत,गले के रोग, पेट, किडनी व हृदय की बीमारियां होती हैं। उन्होने बताया कि तंबाकु से शरीर में रासायनिक तत्व बनते हैं जिसके चलते इसकी लत लग जाती है। उन्होने कहा कि तंबाकू को छोडने का विकल्प मैडिटेशन, खेलकूद व व्यायाम हो सकता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने बताया कि तंबाकू पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोटपा एक्ट बनाया गया है। जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर ध्रुमपान निषेध किया गया है। इसके अलावा स्कूलों के नजदीक तंबाकु पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरस्वती विद्या मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. आर के राजू ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि तंबाकु का सेवन हमारे देश की संस्कृति नहीं रही है और इसे विदेशों से लाया गया था। उन्होने कहा कि हिरोशिमा-नागासाकी में एटम बम गिरने से ज्यादा मौतें हर साल तंबाकू के सेवन से होती है। उन्होने जिला विधिक प्राधिकरण तथा डॉक्टर विशाल सिंह का इस शिविर को आयोजित करने और जानकारी देने के लिए धन्यावाद किया। इस मौके पर मोबाइल ट्रैफिक मैजिस्ट्रेट संदीप सिंह सिहाग, स्कूल प्रबंधक कमेटी के हेम कांत कात्यायन, सुंदर गोयल, स्कूल के प्रधानाचार्य, अध्यापक तथा नवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र मौजूद थे।
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