मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में नवीं और 11वीं के छात्रों को कानून का पाठ पढाया गया। इस शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव कपिल शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि ऐसा देखा गया है कि लोग अपने संविधान प्रदत अपने अधिकारों के बारे में तो पूरी तरह से अवगत होते हैं लेकिन वह देश के प्रति कर्तव्यों के बारे में अनभिज्ञ होते हैं। उन्होने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 51 में नागरिकों के देश के प्रति कर्तव्यों को पारिभाषित किया गया है। उन्होने कहा कि नागरिकों का कर्तव्य है कि वह देश के संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थानों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें। उन्होने कहा कि नागरिकों को स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें। नागरिकों को भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने, उसकी मर्यादा बनाए रखने व आहवान करने पर देश की रक्षा के लिए समर्पित होना चाहिए। लोगों को ऐसे भाईचारे की भावना का निर्माण करना चाहिए जो धर्म, भाषा, प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मौलिक कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझते हुए प्राकृतिक पर्यावरण, वन, झील, नदी व अन्य जीवों की रक्षा करने और उनका संरक्षण करने की जरूरत है। नागरिकों के सुधार की भावना विकसित करके सार्वजनिक संपति को सुरक्षित रखते हुए हिंसा से दूर रहना चाहिए। हमें सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट करते हुए आगे बढते रहना चाहिए जिससे देश उपलब्धियों की नयी ऊंचाइयों को छू सके। देश के सभी माता पिताओं को 6 से 14 साल तक के बच्चों को शिक्षा दिलाना एक आवश्यक कर्तव्य है जिससे देश की भावी पीढी भविष्य के कार्यभार अपने मजबूत कंधों पर उठा सके। इस मौके पर पाठशाला के कार्यवाहक प्रधानाचार्य विजय गुप्ता ने विधिक प्राधिकरण का इस शिविर को आयोजित करने पर धन्यावाद किया। इस मौके पर स्कूल की राजनैतिक शास्त्र की प्रवक्ता मिनाक्षी जोशी ने भी छात्रों को अधिकारों व कर्तव्यों से अवगत करवाया। इस शिविर में पाठशाला के प्रवक्ताओं सहित नवीं व 11वीं कक्षा के विद्यार्थी मौजूद रहे।
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