Monday, 26 May 2014
सकरोहा में लोगों को पढाया कानून का पाठ
Sunday, 25 May 2014
मंडी शहर पर न लागू हो टीसीपी कानूनः समिति
ऐसे में मकानों का नियमितिकरण करना लोगों के लिए पहुंच से बाहर हो गया है। समिति ने टीसीपी के इन कडे कानूनों को निरस्त करने और लोगों को बिजली पानी मुहैया करने के लिए सरकार के संबंधित विभागों से पत्राचार किया था। इस बीच संबंधित विभागों ने समिति के ज्ञापनों पर आवश्यक कार्यवाही जारी होने के बारे में सूचित किया है। बैठक में समिति ने निर्णय लिया है कि एक बार फिर से सरकार के विभिन्न विभागों के साथ पत्राचार किया जाएगा। इसके अलावा टीसीपी कानून से प्रभावित लोगों की आम बैठक का आयोजन जल्द किया जाएगा। वहीं पर शहर के सभी सामाजिक और धार्मिक संगठनों का सहयोग भी इस संदर्भ में लिया जा रहा है। समिति के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि बैठक में सरकार से मांग की गई है कि टीसीपी कानून के कडे प्रावधानों की आड में बिजली पानी से वंचित लोगों को तत्काल राहत के तौर पर अनापति प्रमाण पत्र जारी किए जाएं और टीसीपी कानूनों में लोगों की जरूरतों और क्षमताओं को देखते हुए जरूरी संशोधन करके उनके मकानों का नियमितिकरण किया जाए। उन्होने बताया कि बैठक में मान सिंह ठाकुर, चंद्रमणी वर्मा, विमल वालिया, हरमीत सिंह बिट्टू, रवि सिंह राणा, लवण ठाकुर और एम एल शर्मा ने चर्चा में भाग लिया।
बीमा कंपनी को 55 हजार अदा करने के आदेश
उपभोक्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों से जाहिर होता है कि उपभोक्ता को पालिसी जारी करने से पहले कंपनी की ओर से उपभोक्ता का मेडिकल करवा कर मेडिकल आफीसर से रिर्पोट हासिल की थी। इस रिर्पोट के मुताबिक उपभोक्ता को पहले से कोई हाइपरटेंशन की बीमारी नहीं थी। ऐसे में फोरम ने मुआवजा खारिज करने को न्यायोचित न मानते हुए इसे कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
Thursday, 22 May 2014
मंडी छोटी काशी या धूल का शहर
बीमा कंपनी को एक लाख मुआवजा देने के आदेश
Wednesday, 21 May 2014
मुफ्त कानूनी सहायता के बारे विधिक शिविर आयोजित
हिमाचल में नोटा ने प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करवाई
चरस सहित पकडे आरोपी को 5 साल का कारावास
मंडी। चरस सहित पकडे जाने के आरोपी को अदालत ने पांच साल के कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने पधर तहसील के बजोट (थल्टु खोड) निवासी भगत राम पुत्र चाकू के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 24 अगस्त 2009 को जोगिन्द्रनगर पुलिस थाना का दल एएसआई धर्म चंद की अगुवाई में ऐहजू से डूघ धार मार्ग पर नाकाबंदी की हुई थी। इसी बीच एक व्यक्ति कंधे पर बैग उठाए हुए मौकास्थल की ओर आया। पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी को काबू करके उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से 850 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनिय के तहत हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 10 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। शनिवार को अदालत में सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है। ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि चरस तस्करी के मामलों में बढौतरी को देखते हुए आरोपी को कडी सजा सुनाई जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि चरस तस्करी के मामलों में बढौतरी से समाज पर दुष्प्रभाव पड रहा है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा व्यवसायिक से कम होने और लघु मात्रा से ज्यादा होने के कारण उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।div>
Monday, 19 May 2014
मिडिएशन पर विधिक शिविर आयोजित
Saturday, 17 May 2014
महासंघ ने चुनाव आयोग का आभार किया
मंडी। हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी बहुजन महासंघ ने भारतीय चुनाव आयोग का 2014 के लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक करवाने पर आभार व्यक्त किया है। महासंघ के चेयरमैन अमरनाथ खुराना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम, महासचिव रामलाल सुमन और कार्यकारिणी सदस्यों ने संयुक्त ब्यान में कहा कि रिकार्ड मतदान संभव करवाने के लिए चुनाव आयुक्त बधाई के पात्र हैं। जिनकी रहनुमाई में कर्मचारियों व अधिकारियों की मेहनत के कारण भारी मतदान संभव हुआ है। उन्होने मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारी मतदान का यह क्रांतीकारी कदम देश में नया इतिहास रचेगा।
परिवार नियोजन आपरेशन के बावजूद प्रसूता होने पर स्वास्थय विभाग को हर्जाना
निरंकारी मिशन का विशेष सत्संग आयोजित
Friday, 16 May 2014
Wednesday, 14 May 2014
मंडी की महिलाएं भावी सांसद की भाग्य विधाता
विस क्षेत्र कुल मत मतदान प्रतिशत
भरमौर 67699 41799 61.74
लाहौल-स्पिति 22581 14083 62.37
मनाली 63565 40830 64.23
कुल्लू 78212 47301 60.48
बंजार 63619 38264 60.15
आनी 74473 47749 64.12
करसोग 63120 33983 53.84
सुंदरनगर 70106 45014 64.21
नाचन 72513 50977 70.30
सराज 69937 45992 65.76
द्रंग 75311 45874 60.91
जोगिन्द्रनगर 86386 55052 63.73
मंडी 66320 43570 65.70
बल्ह 66953 48912 73.05
सरकाघाट 77607 46315 59.68
रामपुर 68561 43139 62.92
किन्नौर 53526 36494 68.18
कुल 1140489 725348 63.60
Sunday, 11 May 2014
नहीं थमा राष्ट्रीय ध्वज के दुरूपयोग का सिलसिला
पडते हैं।
चुनाव आयोग ने भी तिरंगे जैसा बनाया लोगो
चुनाव आयोग ने भी अपना लोगो तिरंगे के रंगों से मेल खाता हुआ बनाया है। इस बार हो रहे चुनावों में पोलिंग स्टेशनों में ईवीएम रखने के लिए वोटिंग कंपार्टमेंट बनाए हुए थे। इन कंपार्टमेंट पर चुनाव आयोग के लोगो लगे हुए थे। हालांकि चुनाव आयोग के कायदों के अनुसार पोलिंस स्टेशन से कूछ दूरी तक किसी भी राजनैतिक पार्टी के झंडों और चुनाव निशानों को लगाए जाने की अनुमति नहीं है। लेकिन यहां सवाल खडा होता है कि जब विभिन्न राजनैतिक दलों के झंडे तिरंगे के रंगों के हैं तो तिरंगे के ही रंग का चुनाव आयोग का लोगो क्या उन दलों को फायदा नहीं पहुंचाता और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करता। वोटिंग कंपार्टमेंट पर लोगो से राजनैतिक दलों को होने वाले लाभ को रोकने के बारे में शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त भारत चुनाव आयोग को प्रेषित की गई है। लेकिन क्या कार्यवाही हो पाती है यह अभी भविष्य के गर्भ में है।
गंदगी में फैंक दिये जाते हैं तिरंगे दिखते झंडे
चुनावों के बाद तिरंगे जैसे दिखने वाले राजनैतिक दलों के झंडे गंदगी और नदी नालों में फैंक दिये जाते हैं। चुनावों के दौरान भी इन झंडों को अक्सर सडकों, कीचड और गंदी जगहों पर गिरा हुआ देखा जा सकता है। जो एकबारगी राष्ट्रिय ध्वज के अपमान का अहसास करा जाता है।
-यह पिक्चर भानु वर्मा की वाल से...
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा
आजादी से ठीक पहले 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रिय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया। तिरंगे के निर्माण, उसके आकार और रंग आदि तय हैं। फ्लैग कोड आफ इंडिया के तहत झंडे को कभी भी ज़मीन पर नहीं रखा जाएगा। उसे कभी पानी में डुबोया नहीं जाएगा और किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। प्रिवेंशन आफ इन्सल्ट टु नैशनल आनर ऐक्ट-1971 की धारा-2 के मुताबिक फ्लैग और संविधान की इन्सल्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कानून हैं। अगर कोई शख्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसे कपडा बना देता हो, मुर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद हुए आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अतिरिक्त) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे की इन्सल्ट माना जाएगा। तिरंगे की यूनिफार्म बनाकर पहन लेना भी गल्त है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगा बनाकर कोई कपडा पहनता हो तो यह भी तिरंगे का अपमान है। तिरंगे को अंडरगार्मेंटस, रूमाल या कुशन आदि बनाकर भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। तिरंगे को फहराने के नियम सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। फ्लैग कोड में आम नागरिकों को सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की छूट थी। लेकिन 26 जनवरी 2002 को सरकार ने इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया और कहा कि कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडा फहरा सकता है लेकिन वह फ्लैग कोड का पालन करेगा।
Thursday, 8 May 2014
बैडिमिंटन प्रतियोगिता में यशपाल बने विजेता
वोटिंग कंपार्टमेंट पर चुनाव आयोग का लोगो हटाया जाए
Wednesday, 7 May 2014
बैडिमिंटन प्रतियोगिता में जयन बने जूनियर विजेता
Tuesday, 6 May 2014
वाहन दुर्घटना से हुई मौत के जुर्म में दो साल की कैद व जुर्माना
85वां संशोधन लागू न करने को कांग्रेस-भाजपा जिम्मेवार
मंडी। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी बहुजन महासंघ ने 85वां संविधान संशोधन प्रदेश में लागू न करने के लिए कांग्रेस और भाजपा सरकारों को जिम्मेवार ठहराया है। महासंघ के अध्यक्ष अमरनाथ खुराना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम यादव, महासचिव रामलाल सुमन, उपाध्यक्ष कश्मीर सिंह, संगठन मंत्री धर्मचंद, प्रचार सचिव मंगत राम, एससी व एसटी सैल के प्रधान राजेश अनार्य, महासचिव मंगतराम, मोहर सिंह, सुखराम और कानूनी सलाहकार नरेन्द्र कुमार ने संयुक्त ब्यान में कहा कि कांग्रेस और भाजपा की नितियां इन वर्गों की हितचिंतक नहीं है। इसी लिए 85वें संविधान संशोधन को प्रदेस में लागू किये जाने से लटकाया जा रहा है। उन्होने कहा कि संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद भारतीय संविधान में संशोधन किया गया। जिसके तहत एससी व एसटी के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अलग वरिष्ठता सूचि बनाकर इन वर्गों की पदोन्नति की जाए। हालांकि यह कानून केन्द्र, दिल्ली और कई राज्यों में लागू कर दिया गया है। जिसके लिए प्रदेश सरकार से भी इस कानून को लागू करने के लिए साल 2002 से मांग की जा रही है। लेकिन उच्चतम न्यायलय में इस संशोधन को लागू न करने पर दायर की गई अवमानना याचिका को खारिज कर दिया गया है। उन्होने कहा कि यह फैसला एससी व एसटी के मान सम्मान व संवैधानिक अधिकारों का हनन, तानाशाहीपुर्ण, मानवता और विकास विरोधी है। उन्होने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार ने चुनावों से पहले ओबीसी और महिला आरक्षण को लटकाए कहा। उन्होने कहा कि आरक्षण भीख नहीं है बल्कि यह संवैधानिक अधिकार है। उन्होने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की गरीब, पिछडा वर्ग और आरक्षण विरोधी निति है। उन्होने प्रदेश की जनता से वीरभद्र सिंह और प्रेमकुमार धूमल की परिवारवाद की निति को अपने वोटों की शक्ति से उखाड फेंकने का आहवान किया है।
Monday, 5 May 2014
कई जगह प्रत्याशियों से वाकिफ नहीं हैं मतदाता
टकोली सब्जी मंडी के नजदीक गंदगी का अंबार
मंडी। उपतहसील औट की टकोली सब्जी मंडी के साथ सटे नाले में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। स्थानीय वासियों ने इस बारे में उपमंडलाधिकारी मंडी शुभकरण सिंह को ज्ञापन देकर उचित कार्यवाही की मांग की है। कोटाधार पंचायत के इंद्र आरोडा, डोलमा, इन्द्रा देवी, प्रहलाद शर्मा, मोहिन्द्र सिंह, ऐजाज, बाली देवी, गंगा राम, कृष्ण कुमार, अमर चंद और जयराम सहित अन्य स्थानीय लोगों ने टकोली सब्जी मंडी के साथ लगते नाले में गंदगी फेंकने का विरोध किया है। उनके अनुसार कुछ लोग नाले में गंदगी फैंक रहे हैं। जिससे नाले में गंदगी का ढेर जमा हो गया है। गर्मी बढने के साथ ही इस जगह पर चारों ओर बदबू फैल रही है। जिससे यहां से लोगों का गुजरना दूभर हो गया है। यही नहीं नाले में गंदगी फैंकने से बीमारियों के फैलने का अंदेशा हो गया है। टकोली सब्जी मंडी में हर दिन सैंकडों लोगों की आवाजाही रहती है। लेकिन गंदगी और बदबू के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। उन्होने उपमंडलाधिकारी सदर से मांग की है कि इस बारे में उचित कार्यवाही शीघ्र अमल में लाई जाए। जिससे लोगों को राहत मिल सके।
Sunday, 4 May 2014
उपभोक्ता को नयी कार 30 दिनों में देने के आदेश
Saturday, 3 May 2014
मंडी के जिला न्यायलय में मनाया गया मई दिवस
Friday, 2 May 2014
न्युनतम वेतन के लिए जारी है श्रमिक आंदोलन
आल इंडिया ट्रेड युनियन कांग्रेस (एटक)
देश के सबसे पुराने 1920 में बने मजदूर संगठन एटक के प्रदेश उपाध्यक्ष और जिला सचिव मंडल के सदस्य कामरेड प्रकाश पंत का कहना है कि आज के हालातों में मई दिवस की प्रासांगिकता ज्यादा बढ गई है। इस समय तमाम पूंजीवादी पार्टियां व फासिस्ट ताकतें पूरा जोर लगा कर राजसता को कब्जाने की फिराक में है। साफ दिख रहा है कि कारपोरेट सेक्टर अपने पूरे धनबल से घोर दक्षिणपंथी शक्तियों को देश की सता दिलाना चाहता है। जिससे संसद पर अपने कब्जे से मनमानी लूट की छूट मिल सके। मई दिवस पर हिंदोस्तान के तमाम मेहनतकश अवाम से ये उम्मीद की जाती है कि इस देश में ऐसी राज व्यवस्था लाई जाए जिसमें जीने का हक तमाम लोगों को मिले। जात-पात, अल्प-बहुसंख्यक, ऊंच-नीच के सारे भेदभाव खत्म हों। प्रकाश पंत का मानना है कि स्थानीय समस्याओं के लिए राजसता जिम्मेवार है। हिमाचल प्रदेश में जेपी, अडानी और बडी-2 कंपनियों ने बिजली, सीमेंट और अन्य उद्योगों में अपनी लूट जारी रखी है और इस लूट के लिए प्रदेश की सरकारें जिम्मेवार है।
इंडियन नेशनल ट्रेड युनियन कांग्रेस (इंटक)
एटक के बाद सन 1950 में गठित हुई इंटक के प्रदेश उपाध्यक्ष और जिलाध्यक्ष योगिन्द्र पाल कपूर ने मई दिवस के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि पिछले कई सालों से देश के मजदूर वर्ग के आंदोलन को किसी सरकार ने तवज्जो नहीं दी है। मजदूर आज भी श्रम कानून लागू न होने और न्युयतम वेतन हासिल करने से वंचित हैं। कोरपोरेट सेक्टर और निजी कंपनियों में श्रमिक का शोषण जारी है और उन्हे वेतन व पेंशन से वंचित रखा जाता है। मजदूर वर्ग का अधिकांश हिस्सा असंगठित क्षेत्र में है। जिसके लिए सरकार ने हालांकि योजना भी बनाई है। लेकिन जागरूकता के अभाव में यह योजना भी मजदूरों का कोई लाभ नहीं कर पा रही है। उनका कहना है कि रोजगार विभाग को खत्म कर दिया जाना चाहिए और विभिन्न विभागों में ही सीधे तौर पर नियुक्तियां की जानी चाहिए। इंटरनेट के जमाने में इस विभाग को कोई अर्थ नहीं रह गया है। विभाग के कर्मियों को अन्य विभागों में समायोजित करके जनता का पैसा व्यर्थ खर्च किये जाने से बचाया जाए।
सेंटर फार इंडियन ट्रेड युनियन (सीटू)
सीटू के जिलाध्यक्ष भूपिन्द्र ठाकुर का कहना है कि इस मई दिवस पर मजदूरों से आहवान है कि आने वाले 7 मई को 16वीं लोकसभा का मतदान प्रदेश में हो रहा है। सभी मजदूरों को उस सरकार के लिए मतदान करना चाहिए जो मजदूरों के हकों की लडाई लडते हैं। मजदूरों का घोर शोषण हो रहा है। श्रम कानूनों का उल्लंघन, न्युनतम वेतन 10,000 रूपये करने, सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा और सभी के लिए स्थायी रोजगार की गारंटी के लिए संघर्ष लगातार जारी है। भूपिन्द्र ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सबसे कम दिहाडी मजदूरों को दी जाती है। प्रदेश की विभिन्न परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को निति के मुताबिक रोजगार नहीं मिल रहा है। अंशकालीक कर्मियों का शोषण किया जा रहा है। प्रदेश में पिछले करीब दस सालों से कम पैसे देकर रोजगार देने की निति बनाई गई है। मिड डे और आंगनवाडी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्षरत हैं।
भारतीय मजदूर संघ (भामसं)
भामसं के पुर्व प्रदेशाध्यक्ष बलबीर शर्मा ने मई दिवस के अवसर पर सभी मजदूरों को शुभकामनाएं दी है। उन्होने कहा कि मजदूरों को आपस में छोटे मोटे भेदभाव भुलाकर एकजुटता लानी चाहिए। तभी मजदूर वर्ग शोषकों की बडी ताकत की चुनौती का सामना कर पाएगा। बलबीर शर्मा का कहना है कि न्यायलयों में मजदूरों के मामलों के निपटारे की प्रक्रिया बहुत लंबी है। इसके अलावा श्रम कानून मजदूरों के हक में कम नियोक्ता के हक में ज्यादा बन रहे हैं। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 12 लाख बेरोजगार हैं लेकिन रोजगार सृजन न के बराबर है। उन्होने कहा कि स्वीटजरलैंड की आबादी हमारे प्रदेश से पांच लाख ज्यादा है और क्षेत्रफल पांच हजार किलोमीटर कम है। लेकिन वहां पर बेरोजगारी शुन्य है। ऐसा हमारे प्रदेश में भी हो सकता है। इसके लिए प्रदेश के राजनितिज्ञ और ब्युरोक्रेट जिम्मेवार हैं। इनके पास कोई विजन नहीं है जिसका खामियाजा प्रदेशवासियों को भुगतना पड रहा है।
न्यायधीशों के सम्मान में बार एसोसिएशन की बैठक आयोजित
मंडी। जिला बार एसोसिएशन की ओर से मंडी में पदभार संभालने वाले न्यायिक अधिकारियों के सम्मान में बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने की। इस मौके पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर दो डी आर ठाकुर ने बार एसोसिएशन का बैठक आयोजन करने पर धन्यावाद किया। उन्होने कहा कि मंडी बार एसोसिएशन से उन्हे पहले भी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के पद पर कार्यकाल के दौरान बेहतर सहयोग मिला है। वह मंडी से ही पदोन्नत होकर कांगडा जिला में अतिरिक्त सत्र न्यायधीश बने थे। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के रूप में जिया लाल आजाद ने बार एसोसिएशन से बेहतर सहयोग की आपेक्षा की। उसी तरह नवनियुक्त न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर 4 आकांक्षा डोगरा ने भी बार एसोसिएशन से विधिसममत सहयोग का आग्रह किया। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान भारत भूषण शर्मा, प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज शर्मा और नरेन्द्र गुलेरिया ने भी मंडी न्यायलय में पदभार संभालने वाले न्यायिक अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होने न्यायिक अधिकारियों को बार एसोसिएशन की ओर से पूरा सहयोग मिलने के बारे में आश्वस्त किया। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि बैठक में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर एक पदम सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा और कोर्ट नंबर तीन गीतिका कपिला, विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह सहित बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
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