मंडी। तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाकर एक व्यक्ति की मौत को अंजाम देने के आरोपी चालक को अदालत ने दो साल के साधारण कारावास और 1500 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने सदर तहसील के रठोल (बाल्ट) निवासी विजय कुमार उर्फ विजू पुत्र इंद्र सिंह के खिलाफ भादंस की धारा 304-ए, 279 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 के तहत चलाया गया अभियोग साबित होने पर उसे क्रमश: दो साल, छह माह और 15 दिन के साधारण कारावास और क्रमश: 1000 और 500 रूपये के जुर्माने की सजा सुनायी है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे क्रमश: एक माह और पंद्रह-2 दिनों के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 जनवरी 2008 को औट पुलिस थाना में सूचना मिली कि थलौट के पास जीप ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी है। सूचना के आधार पर एएसआई सीता राम की अगुवाई में पुलिस का एक दल मौकास्थल पर पहुंचा। जहां पर दुकानदार टिक्कम राम ने पुलिस को बताया कि घटना के समय वह दूकान में बैठा था। जबकि साथ लगती बैल्डर की दुकान का नौकर बेसर सिंह उनकी दुकान के बाहर लगे हैंडपंप से पानी भर रहा था। इसी दौरान औट की ओर से एक जीप ने पहले एक कार को टक्कर मारी। इसके बाद जीप बेसर सिंह को हैडपंप से उठाकर करीब 6-7 फुट तक घसीटती हुई ले गई। इस घटना में उसे कान, मुंह और सिर पर गंभीर चोटें आई। घटना के बाद आरोपी जीप चालक घटना के मौका से फरार हो गया। वहां मौजूद टिक्कम राम व अन्य लोग उसे उपचार के लिए ले जा रहे थे। लेकिन इसी बीच हनोगी मंदिर के पास घायल बेसर सिंह ने दम तोड दिया। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे हिरासत में लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक नितिन शर्मा ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद करके आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ तेज रफतारी और लापरवाही से वाहन चला कर व्यक्ति की मौत को अंजाम देने और इसके बाद मौका से फरार हो जाने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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