Sunday, 25 May 2014

मंडी शहर पर न लागू हो टीसीपी कानूनः समिति


मंडी। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) की बैठक शनिवार को होटल आर्यन बैंग्लो में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने की। बैठक में हिमाचल प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी और प्रदेश के पहले मंत्रीमंडल के मंत्री पंडित गौरी प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त करके उन्हे श्रद्धांजली अर्पित की गई। बैठक में उनकी याद में दो मिनट तक मौन रखा गया और शोक प्रस्ताव पारित करके उनके संतप्त परिवार को शोक संदेश प्रेषित किया गया। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने बैठक में कहा कि समिति टीसीपी अधिनियम से लोगों को आ रही समस्याओं से राहत पाने के लिए संघर्ष कर रही है। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाडी राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक टीसीपी कानून के प्रावधान न होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। पुराने समय से बसे मंडी शहर में लोगों के पास घर बनाने की पर्याप्त भूमि नहीं है। ऐसे में टीसीपी कानूनों के तहत मकान बेहद कठिन हो गया है। उन्होने कहा कि इन प्रावधानों को पुराने बसे शहरों में नहीं बल्कि नयी कलौनियों, नगरों और सरकारी कालौनियों पर लागू किया जाना चाहिए। समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने कहा कि लोगों को अपनी जमीनों पर मकान बनाना अब बेहद मुश्किल कार्य हो गया है। पहले उन्हे नक्शा पास करवाना होता है और फिर उसी के मुताबिक मकान बनाना होता है। जिसमें टीसीपी ने सैट बैक आदि रखने के लिए प्रावधान लागू किये हैं। लेकिन भूमि की कमी होने के कारण इन मापदंडों को पूरा नहीं किया जा सकता। ऐसे में लोगों को नगर परिषद और टीसीपी विभाग की ओर से बिजली- पानी के कुनेक्शन प्राप्त के लिए अनापति प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं। जिससे मंडी वासी इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बैठक में चर्चा की गई कि नक्शा पास न करवाने या नक्शे के मुताबिक मकान न बनाने पर इन मकानों का नियमितिकरण करने के लिए दंड के रूप में फीस लेने का प्रावधान किया गया है। टीसीपी नियमावली के इन प्रावधानों में 25 अप्रैल 2012 को किये गए संशोधन में दंड के रूप में ली जाने वाली साधारण फीस को बढाकर 10 गुणा कर दिया गया है। जिससे यह दंडात्मक फीस मकान के निर्माण की कीमत से भी ज्यादा हो गई है।
ऐसे में मकानों का नियमितिकरण करना लोगों के लिए पहुंच से बाहर हो गया है। समिति ने टीसीपी के इन कडे कानूनों को निरस्त करने और लोगों को बिजली पानी मुहैया करने के लिए सरकार के संबंधित विभागों से पत्राचार किया था। इस बीच संबंधित विभागों ने समिति के ज्ञापनों पर आवश्यक कार्यवाही जारी होने के बारे में सूचित किया है। बैठक में समिति ने निर्णय लिया है कि एक बार फिर से सरकार के विभिन्न विभागों के साथ पत्राचार किया जाएगा। इसके अलावा टीसीपी कानून से प्रभावित लोगों की आम बैठक का आयोजन जल्द किया जाएगा। वहीं पर शहर के सभी सामाजिक और धार्मिक संगठनों का सहयोग भी इस संदर्भ में लिया जा रहा है। समिति के महासचिव समीर कश्यप ने बताया कि बैठक में सरकार से मांग की गई है कि टीसीपी कानून के कडे प्रावधानों की आड में बिजली पानी से वंचित लोगों को तत्काल राहत के तौर पर अनापति प्रमाण पत्र जारी किए जाएं और टीसीपी कानूनों में लोगों की जरूरतों और क्षमताओं को देखते हुए जरूरी संशोधन करके उनके मकानों का नियमितिकरण किया जाए। उन्होने बताया कि बैठक में मान सिंह ठाकुर, चंद्रमणी वर्मा, विमल वालिया, हरमीत सिंह बिट्टू, रवि सिंह राणा, लवण ठाकुर और एम एल शर्मा ने चर्चा में भाग लिया। 

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