उपभोक्ता को कुल्लू स्थित कुल्लू वैली अस्पताल में भर्ती करवाया गया और उन्हे तीन महिनों से ज्यादा समय तक बैड रेस्ट में रहना पडा। उपभोक्ता ने बीमा कंपनी के पास मुआवजे के लिए आवेदन किया था लेकिन कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि उपभोक्ता पहले से ही हाइपरटेंशन की बीमारी से पीडित था। ऐसे में उपभोक्ता ने कंपनी को कानूनी नोटिस जारी करके मुआवजा अदा करने को कहा था। लेकिन कंपनी की ओर से अदायगी न होने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी का मुआवजा खारिज करना सेवाओं में कमी को दर्शाता है।उपभोक्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों से जाहिर होता है कि उपभोक्ता को पालिसी जारी करने से पहले कंपनी की ओर से उपभोक्ता का मेडिकल करवा कर मेडिकल आफीसर से रिर्पोट हासिल की थी। इस रिर्पोट के मुताबिक उपभोक्ता को पहले से कोई हाइपरटेंशन की बीमारी नहीं थी। ऐसे में फोरम ने मुआवजा खारिज करने को न्यायोचित न मानते हुए इसे कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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