
उपभोक्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों से जाहिर होता है कि उपभोक्ता को पालिसी जारी करने से पहले कंपनी की ओर से उपभोक्ता का मेडिकल करवा कर मेडिकल आफीसर से रिर्पोट हासिल की थी। इस रिर्पोट के मुताबिक उपभोक्ता को पहले से कोई हाइपरटेंशन की बीमारी नहीं थी। ऐसे में फोरम ने मुआवजा खारिज करने को न्यायोचित न मानते हुए इसे कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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