मंडी। वोटिंग कंपार्टमेंट पर भारत निर्वाचन आयोग के लोगो से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। लोगो का रंग एक पार्टी के झंडे से मेल खाता है। जिससे पोलिंग स्टेशन में वोट देने गए मतदाताओं के प्रभावित होने की आशंका है। इस आशय की शिकायत चुनाव आयोग के मुखय चुनाव आयुक्त को जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से प्रेषित की गई है। मंडी के भगवान मुहल्ला निवासी समीर कश्यप एडवोकेट ने बताया कि जब वह 7 मई को वोट डालने के लिए अपने पोलिंग स्टेशन पहुंचे तो वहां इवीएम रखने के लिए एक डिब्बानुमा वोटिंग कंपार्टमेंट बनाया गया था।
इस वोटिंग कंपार्टमेंट के तीनों ओर केसरी, सफेद और हरे रंग में उकेरे हुए भारत निर्वाचन आयोग के लोगो बने हुए थे। यह लोगो दूर से देखने पर चुनाव लड रही एक राष्ट्रिय पार्टी के झंडे के रूप में प्रदर्शित हो रहे थे। जिसके नीचे हिंदी और अंग्रेजी में भारत निर्वाचन आयोग लिखा था। इसके बाद अधिवक्ता ने रामनगर के दो अन्य बूथों पर भी लोगो लगे होने के बारे में जानना चाहा तो वहां के पोलिंग बूथों में भी वोटिंग कंपार्टमेंट पर लोगो अंकित किये गये मिले। अधिवक्ता का कहना है कि इस लोगो से एक पार्टी को चुनावी फायदा पहुंच सकता है। उन्होने कहा कि आयोग का यह लोगो कई प्रकाशन सामग्री, कैलेंडर आदि में भी प्रकाशित किया गया है। उन्होने कहा कि देश के निरक्षर मतदाता जो अक्षर नहीं चिन्हते हैं और झंडों के रंगों का ही मतलब समझते हैं वह इससे प्रभावित हो सकते हैं। उन्हे यह लग सकता है कि यह चुनाव एक पार्टी विशेष द्वारा प्रायोजित किये जा रहे हैं। इवीएम के नजदीक किसी पार्टी की ओर प्रभावित करने और उन्हे फायदा पहुंचाने वाली सामग्री नहीं होनी चाहिए भले ही वह चुनाव आयोग की सामग्री क्यों न हो।
अधिवक्ता ने बताया कि उन्होने इस बारे में पोलिंग अधिकारी को शिकायत करनी चाही तो उन्हे उपमंडलाधिकारी से संपर्क करने को कहा गया। जिस पर उन्होने उपमंडलाधिकारी सदर शुभकरण सिंह को इस बारे में सूचित किया और उनसे इस लोगो का प्रदर्शन रोकने को कहा। लेकिन उपमंडलाधिकारी का कहना था कि यह लोगो चुनाव आयोग की ओर से लगाया गया है जिसकी शिकायत मुखय चुनाव आयुक्त को ही की जा सकती है। ऐसे में अधिवक्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी उपायुक्त मंडी देवेश कुमार को इस बारे में अवगत करवाया और उनके माध्यम से भारत चुनाव आयोग के मुखय चुनाव आयुक्त को शिकायत सौंपी।
इधर, जिला निर्वाचन अधिकारी उपायुक्त मंडी देवेश कुमार ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि लोगो के बारे में चुनाव आयोग ही कोई निर्णय ले सकता है। उन्होने बताया कि शिकायत को निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दिया जाएगा।
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