Thursday, 11 September 2014

गोहर सर्किट कोर्ट को यथावत रखा जाए


मंडी। प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेशों के तहत गोहर सर्किट कोर्ट बंद करने का निर्णय लिया गया है। जिससे सराज क्षेत्र की 45 और गोहर ब्लॉक की 38 पंचायतों के हजारों लोगों को न्याय हासिल करने के लिए अब जिला न्यायलय मंडी पहुंचना पड़ेगा। सर्किट कोर्ट बंद करने के फैसले पर मंगलवार को बार एसोसिएशन गोहर का एक प्रतिनिधिमंडल जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला से मिला और इसे पहले की तरह जारी रखने के लिए ज्ञापन सौंपा। वहीं पर बार एसोसिएशन ने मंगलवार को 12 बजे तक अदालत में कामकाज बंद रखा। गोहर बार एसोसिएशन के प्रधान नरेश ठाकुर और महासचिव नवनीत वशिष्ट ने बताया कि बुधवार से गोहर न्याययल में हडताल शुरू की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि पहले जहां छतरी, गाडागुशैण, चिऊणी, बगड़ाथाच और कलहनी जैसे दुर्गम क्षेत्रों के लोग सुबह अपने घर से कोर्ट के लिए निकलते थे और सुनवाई होने के बाद वापस लौट जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मंडी में पेशी होने पर अब लोगों को एक दिन पहले भारी भरकम किराया देकर मंडी पहुंचना होगा और किराए का कमरा लेकर रहना पड़ेगा। चार सिंतबर को हाईकोर्ट से जारी पत्र जन भावना के खिलाफ है। इससे न केवल लोगों को न्याय प्राप्त करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी बल्कि समय की भी बर्बादी होगी। उनका कहना था कि एक ओर कोर्ट की कोशिश लोगों को न्याय उनके घर द्वार पर देने की है जबकि दूसरी ओर इस तरह से सर्किट कोर्ट बंद करने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लाखों रुपए खर्च कर पैरालीगल वॉलंटियर, रिटेनर लॉयर और मीडिएटर को ट्रेनिंग देकर कॉलेज, स्कूल और ग्राम स्तर पर विधिक सेवा केंद्र स्थापित कर लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ऐसे में सर्किट कोर्ट बंद करने का फैसला किसी भी नजरिए से तर्कसंगत नहीं है। उन्होने बताया कि सर्किट कोर्ट शुरू हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ है, एडिशनल सेशन जज-2 के कैंप एट गोहर सर्किट कोर्ट में सर्वाधिक सेशन ट्रायल चल रहे हैं, बावजूद इसके इसे बंद किया जा रहा है। गोहर की दूरी मंडी से 36 किलोमीटर है। हाईकोर्ट की अधिसूचना के मुताबिक ऐसे सर्किट कोर्ट जो जिला मुखयालय से 20 किलोमीटर के दायरे में हो उन्हें बंद किया जाएगा। बार एसोसिएसन का कहना है कि गोहर सर्किट कोर्ट को बंद करने के फैसले का पंचायत स्तर तक विरोध किया जाएगा। गोहर में सर्किट कोर्ट चलाने के लिए लगभग सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार से सर्किट कोर्ट के लिए जरुरी संसाधन जुटाने की मांग की जाएगी। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि सर्किट कोर्ट बंद न करने के लिए हाईकोर्ट के मुखय न्यायधीश को पत्र लिखा जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया जाएगा।

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