
मंडी। प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित तोयद कांत चटर्जी की माता इन्द्रामणी का देहांत हो गया। वह 86 वर्ष की थी और पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी। उनका अंतिम संस्कार व्यास नदी के किनारे हनुमान घाट में

किया गया। इन्द्रामणी जी को सनातन धर्म सभा मंदिर में नियमित रूप से रामायण पाठ शुरू करने का श्रेय जाता है। जिन धुनों में वह रामायण, गीता, दुर्गा सप्तशति और अन्य ग्रंथों का पाठ करती थी। वह आज

भी लोगों में प्रचलित है। इन्द्रामणी को धर्म सभा मंदिर में बच्चों को संस्कृत और उर्दु की शिक्षा से संस्कारित करने का श्रेय भी जाता है। सनातन धर्म सभा मंडी के सोहन लाल गुप्ता, भूतनाथ मंदिर, भगवाहन युवा

मंडल तथा अन्य संस्थाओं ने उनके निधन पर विनम्र श्रद्धांजली अर्पित की है।
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