मंडी। मिडिएशन (मध्यस्थता) के बारे में जानकारी देने के लिए जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से शनिवार को जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में जिला न्यायलय परिसर में आए लोगों को
मिडिएशन के बारे में जानकारी दी गई। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने बार रूम में आयोजित इस शिविर की अध्यक्षता करते हुए अधिवक्ताओं, प्रशिक्षित मिडिएटरों और लोगों से मिडिएशन के माध्यम से
मामले सुलझाने के लिए बढचढ कर आगे आने का आहवान किया। उन्होने मिडिएशन की प्रक्रिया का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करके मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करवाने को कहा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र
न्यायधीश (एक) पदम सिंह ठाकुर ने मिडिएशन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विकसित देशों में अधिकांश मामलों का निस्तारण लिटिगेशन से पहले की जाने मध्यस्थता में कर लिया जाता है। जिससे अदालतों में
काफी कम मामले पहुंचते हैं। देश भर की अदालतों में लंबित मामलों की भारी संखया को देखते हुए एडीआर सिस्टम के तहत लोक अदालतों, मिडिएशन आदि के माध्यम से मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित
किया जा रहा है। अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल ने मिडिएशन के व्यवहारिक पक्षों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से जहां लोगों का समय, धन और ऊर्जा बचती है। मिडिएशन
से हुए समझौते को साबित नहीं करना पडता बल्कि इस समझौते पर कानून की मोहर लग जाती है जबकि अन्य समझौतों को साबित करने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पडता है। इस अवसर पर प्रशिक्षित
मिडिएटर महेश चंद्र शर्मा और समीर कश्यप ने भी मिडिएशन के बारे में जानकारी और अनुभव बांटे। शिविर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) डी आर ठाकुर, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जिया लाल
आजाद, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा, कोर्ट नंबर तीन गीतिका कपिला, कोर्ट नंबर चार आकांक्षा डोगरा, विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह, प्रशिक्षित मिडिएटर दुनी चंद शर्मा,
दिनेश शर्मा, एम एल शर्मा सहित बार एसोसिएशन के सदस्य और अदालत में सुनवाई के लिए आए हुए लोग मौजूद थे।
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