मंडी। चरस बरामद होने पर अदालत ने एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने जिला कांगडा के नूरपूर के वार्ड नंबर 5 निवासी हेम राज पुत्र अमीर चंद के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 जनवरी 2011 को सदर थाना की पंडोह चौकी पुलिस का दल अतिरिक्त उप निरिक्षक राम लाल की अगुवाई में राष्ट्रिय राजमार्ग 21 पर खोतीनाला के पास नाकाबंदी पर तैनात था। इसी दौरान औट की तरफ से आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर पीछे की ओर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने उक्त व्यक्ति को काबू किया और संदेह के आधार पर उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान आरोपी की दोनों टांगों में नी कैप से बांधी हुई एक किलो 600 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने बरामदशुदा चरस को अपने कब्जे में लेकर आरोपी को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत हिरासत में लिया था। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने गवाहों और साक्ष्यों के माध्यम से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। सजा की अवधि के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि जिला न्यायवादी का कहना था कि इस तरह के मामलों में भारी बढौतरी हो रही है जिसके चलते आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। एनडीपीएस के चेतावनीपूर्ण ढंग से बढ रहे इन मामलों से समाज पर पड रहे दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अदालत ने आरोपी से बरामद चरस की मात्रा व्यवसायिक होने के कारण उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। इधर, एक अन्य मामले में चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को चार साल के कठोर कारावास और 25 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने जोगिन्द्रनगर तहसील के योरा (डोहग) निवासी विनय कुमार पुत्र राजमल के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियिम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 9 अप्रैल 2010 को पधर थाना पुलिस का दल उपनिरिक्षक सुंदर सिंह की अगुवाई में एक वाहन पर बरधान गांव की ओर जा रहा था। इसी दौरान फियुण गलू के पास पुलिस को टिक्कन से झटींगरी की ओर आता हुआ एक व्यक्ति पैदा दिखाई दिया। पुलिस के उक्त व्यक्ति के पास वाहन को रोकने पर वह पुलिस दल को देखकर घबरा गया। पुलिस ने आरोपी की शक की आधार पर तलाशी ली तो उसकी पेंट में छिपाए एक पालीथीन लिफाफे में 400 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 10 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। सजा की अवधि पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है ऐसे में उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि जिला न्यायवादी का कहना था कि इस तरह के मामलों में भारी बढौतरी हो रही है जिसके चलते आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। एनडीपीएस के चेतावनीपूर्ण ढंग से बढ रहे इन मामलों से समाज पर पड रहे दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में अदालत ने आरोपी से बरामद चरस की मात्रा व्यवसायिक से कम और लघु मात्रा से अधिक होने के कारण उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
क्या होती है चरस की व्यवसायिक मात्रा
नारकोटिक ड्रगस एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांस एक्ट (एनडीपीएस), 1985 के अनुसार एक किलो ग्राम या इससे अधिक चरस की मात्रा को व्यवसायिक मात्रा कहा जाता है और 100 ग्राम तक की मात्रा को लघु मात्रा कहा जाता है।
कितनी सजा होती है व्यवसायिक मात्रा की चरस में
एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के अनुसार व्यवसायिक मात्रा में चरस बरामद होने पर 20 साल तक और कम से कम दस साल की कठोर कारावास की सजा तथा एक लाख से दो लाख रूपये तक जुर्माना हो सकता है। व्यवसायिक मात्रा से कम और लघु मात्रा से अधिक चरस बरामद होने पर 10 साल तक कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माना हो सकता है। जबकि लघु मात्रा की चरस बरामद होने पर छह माह तक के कठोर कारावास और 10 हजार रूपये तक जुर्माने के प्रावधान है।
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