Tuesday, 1 April 2014

जेबीटी शिक्षक ने गुरू-शिष्य परंपरा को किया शर्मशार


 मंडी। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में गुरू-शिष्य परंपरा उस समय शर्मशार हो गई जब एक जेबीटी अध्यापक ने चौथी कक्षा की छात्रा को अपनी हवश का शिकार बनाया। पुलिस ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ भादंस और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षक अधिनियम 2012 (पोकसो) के तहत मामला दर्ज करके हिरासत में ले लिया है। जिसे अदालत ने तीन दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार सदर तहसील की प्राथमिक पाठशाला महीगलू की चौथी कक्षा की 9 वर्षिय छात्रा विगत 22 मार्च को पर्यावरण विषय की परीक्षा देने के लिए गई हुई थी। इसी दौरान पाठशाला में तैनात जेबीटी अध्यापक गांव काहरा (कमांद) गांव निवासी पुने राम उर्फ पुनु पुत्र धनी राम ने छात्रा के साथ पाठशाला परिसर में ही अश्लील हरकतें और दुराचार किया। इस घृणित कुकृत्य के बाद उक्त आरोपी अध्यापक ने छात्रा को परीक्षा में फेल कर देने की धमकी देकर इस बारे में किसी को न बताने के लिए कहा। छात्रा ने अपने घर आकर परिजनों को इस बारे में बताया। जिस पर परिजनों ने गांव वालों और कमांद व नवलाये पंचायत के प्रधान को सूचित किया। वहीं पर स्कूल प्रबंधन कमेटी के प्रधान की अध्यक्षता में एक बैठक भी आयोजित की गई और घटना की सूचना पुलिस को देने का निर्णय लिया गया। इसके बाद परिजन और पीडित छात्रा पधर स्थित पुलिस थाना में पहुंचे। पुलिस ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ भादंस की धारा 354, 376, 506 व 509 तथा लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षक अधिनियम 2012 (पोकसो) अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लिया। जिसे शनिवार को अदालत में पेश किया। जहां न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर चार गीतिका कपिला के न्यायलय ने आरोपी से पुलिस तहकीकात और पूछताछ शेष होने के कारण उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड में •ोज दिया है। पुलिस ने पीडित छात्रा का मेडिकल भी करवाया है लेकिन अभी तक मेडिकल रिर्पोट नहीं मिल पाई है। शनिवार को ही पीडित छात्रा ने अपने आरोपों के बारे में अदालत के समक्ष आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत ब्यान दर्ज करवाया है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक आर एस नेगी ने मामला दर्ज होने की पुष्टि करते हुए बताया कि पधर थाना प्रभारी भीम सेन की अगुवाई में मामले की तहकीकात की जा रही है। उन्होने बताया कि आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ व छानबीन जारी है।

क्या है लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षक अधिनियम 2012 (पोकसो)

लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीडन और अश्लील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों पर विचार करने के लिए विशेष न्यायलयों की स्थापना और उनसे संबंधित या जुडे हुए विषयों के लिए उपबंध करने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है।

क्या है धारा 4

जो कोई प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा उसे सात वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी अदा करना होगा।  

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