Tuesday, 29 April 2014

खराब मशीनरी बेचने पर हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। खराब मशीनरी बेचने को विक्रेता की सेवा में कमी करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू ने उपभोक्ता के पक्ष में नयी मशीनरी 30 दिनों में देने का फैसला सुनाया है। ऐसा न करने पर विक्रेता को मशीनरी की कीमत 4,21,687 रूपये ब्याज सहित अदा करने होगी। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी और यंत्रणा के बदले 40,000 रूपये हर्जाना और 4000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों सत्याभामा व शिव सिंह ने भुंतर के पितांबर कंपलेक्स स्थित पिट शॉप कार केयर के मैसर्ज सोहेल काहोल पुत्र आर के काहोल की शिकायत को उचित मानते हुए उतर प्रदेश के नोइडा स्थित मैनमशीन (इंडिया) लिमिटेड को उपभोक्ता के पक्ष में नयी मशीनरी निश्चित अवधि में न देने पर इसकी कीमत 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता गौरव सूद के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने बेरोजगार होने के कारण जीविका कमाने के लिए विक्रेता से 4,21,687 रूपये की कीमत की मशीनरी और उपकरण खरीदे थे। इस मशीनरी की एक साल की वारंटी थी। विक्रेता के कर्मियों ने इस मशीनरी को कुल्लू में फिट किया था। उक्त कर्मियों ने उपभोक्ता को मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया था। लेकिन मशीन लगाने के एक माह में ही मशीन ने कार्य करना बंद कर दिया। उपभोक्ता के विक्रेता को संपर्क करने पर विक्रेता के कर्मियों ने मशीन की जांच में पाया था कि हॉट और कोल्ड हाई प्रेशर वाशर कार्य नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कर्मियों ने मशीन की मुरम्मत करके उपभोक्ता को आश्वस्त किया था कि अब यह खराब नहीं होगी। लेकिन इसके बाद भी कई बार मशीनरी और उपकरणों में खराबी आई। जिससे उपभोक्ता को भारी परेशानी का सामना करना पडा। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। विक्रेता के फोरम की कार्यवाही में भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि मशीनरी खरीदने के एक माह के भीतर ही इसमें खराबी आ गई। मशीनरी की सात बार रिपेयर करने और उपकरणों को बदलने के बावजूद भी इसकी खराबी को दूर नहीं किया जा सका। जिससे यही निष्कर्ष निकलता है कि उपभोक्ता को खराब मशीन विक्रय की गई है। खराब मशीनरी बेचने को विक्रेता की सेवाओं में कमी करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 30 दिनों के भीतर नयी मशीनरी निशुल्क देने के आदेश दिये। ऐसा न करने पर विक्रेता को मशीनरी की कीमत ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। जबकि विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

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