Monday, 7 April 2014

हिमाचल प्रदेश की सभी पंचायतों में स्थापित होंगे विधिक केंद्र


 मंडी। हिमाचल प्रदेश के दूर देहात में रहने वाले लोगों को अब घर द्वार न्याय सुलभ हो सकेगा। हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक प्राधिकण ने प्रदेश भर की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम विधिक संरक्षण और सहायता केन्द्र शुरू करने की पहल की है। यह केन्द्र लोगों का विधिक संस्थाओं से सीधा संवाद बनाएंगे। इन सहायता केन्द्रों में लोगों को कानून के बारे में जानकारी के अलावा न्याय हासिल करने में मदद भी दी जाएगी। पंचायतों में केन्द्रों के लिए स्थान चिन्हित किये जाने के अलावा पैरा लीगल वालंटियरों और रिटेनर लॉयर की तैनाती की कार्यवाही इन दिनों चल रही है। हिमाचल प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव वीरेन्द्र सिंह के कार्यालय से जारी पत्र से इस आशय के निर्देशों की पुष्टि हुई है। प्राधिकरण से जारी निर्देशों के अनुसार प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम विधिक संरक्षण और सहायता केन्द्र खोले जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में अभी तक चलाए जा रहे 522 पंचायत केन्द्रों की सफलता के बाद अब इन्हे सभी पंचायतों में शुरू किया जा रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी सेशन डिविजनों में पंचायतों को चिन्हित किया जा रहा है। इन पंचायतों में केन्द्रों को स्थापित करने की जगह सुनिश्चित की जा रही है। जबकि केन्द्रों में तैनात होने वाले पैरा लीगल वालंटियरस के प्रशिक्षण और रिटेनर लॉयरस नियुक्त करने के बारे में भी सत्र न्यायलयों को निर्देश जारी हुए हैं। प्राधिकरण ने इस संबंध में 11 अप्रैल तक कार्यवाही की रिर्पोट प्रेषित करने को कहा है।   इधर, जिला एवं सत्र न्यायधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एस सी कैंथला ने बताया कि सभी पंचायतों में विधिक संरक्षण और सहायता केन्द्र शुरू किये जाने की दिशा में कार्यवाही जारी है। लोगों को कानून से संबंधित जानकारी और सहायता घर द्वार प्रदान करने के लिए पंचायतों को चिन्हित किया जा रहा है। जबकि पैरा लीगल वालंटियर और रिटेनर लॉयर की तैनाती की जा रही है। उन्होने कहा कि विवादों का निपटारा लोक अदालतों के माध्यम से पंचायत स्तर पर ही सुनिश्चित किया जाएगा। इससे न्यायलयों के लंबित मामलों में कमी आएगी।

ग्राम विधिक संरक्षण और सहायता केन्द्र के कार्य

केन्द्र में लोगों को न्याय हासिल करने की जानकारी, जागरूकता और सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। विवादों का निपटारा लोक अदालतों में किया जाएगा जिससे न्यायलय में लंबित मामलों में कमी आएगी। केन्द्र में तैनात पैरा लीगल वालंटियर और रिटेनर लॉयर लोगों को विवाद के आरंभिक समय में ही ग्रास रूट पर आवश्यक जानकारी और परामर्श मुहैया करवाएंगे। लोगों को न्यायलय में दाखिल होने वाली प्राइवेट कंपलेंट, पुलिस को कंपलेंट, निगोशिएबल इंस्टु्रमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत नोटिस बनाने, कोर्ट से आदेश होने पर सीआरपीसी की धारा 357 के तहत विकटिम कंपनशेसन स्कीम के तहत विधिक सहायता उपलब्ध करवाना, वरिष्ठ नागरिकों की ओर से दरखास्तें लिखना, परित्यक्त माता पिता को गुजारा भता दिलाने में उनकी मदद करेंगे।

कौन होंगे पैरा लीगल वालंटियर

वर्तमान व पुर्व अध्यापक, स्कूल व कालेज के प्रवक्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, डाक्टर व अन्य सरकारी कर्मचारी, कानून व अन्य विषयों के छात्रों को पैरा लीगल वालंटियर के तौर पर तैनात किया जाएगा। इसके लिए जिला पंचायत अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी, तहसील कल्याण अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं और एजेसियों के माध्यम से स्थानिय स्तर पर पैरा लीगल वालंटियर तैनात किये जाएंगे। दो पैरा लीगल वालंटियर और एक रिटेनर लॉयर का पैनल सप्ताह के एक दिन केंद्र में उपलब्ध रह कर लोगों को सहायता प्रदान करेगा। जिसके लिए पैरा लीगल वालंटियर और रिटेनर लॉयर को मानदेय भी दिया जाएगा। 

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