Saturday, 12 April 2014

झुकता हुं लेकिन उस तरह नहीं...


 मंडी।  ... झुकता हुं लेकिन उस तरह नहीं जैसे एक चापलूस की आत्मा झुकती है किसी शक्तिशाली के सामने।  प्रख्यात कवि राजेश जोशी की यह पंक्तियां मानो सुंदरनगर की शांत झील में हिलोरें उठाती चली गई। गत दिनों सुंदरनगर के देवता मेले के उपलक्ष्य में स्थानीय बीडीओ कार्यालय के सभागार हाल में एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रसिध कवि राजेश जोशी ने की। कार्यक्रम के पहले सत्र में नवोदित कवि पवन चौहान ने अपनी नौ कविताओं का पाठ किया। जिस पर विभिन्न साहित्यकारों ने अपने विचार प्रकट किये। इसके बाद हिमाचल की हिंदी कविता पर कवि समीक्षक यादवेन्द्र शर्मा ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। शोध पत्र में प्रदेश के उभरते कवियों कुलदीप शर्मा, प्रदीप सैनी, आत्माराम रंजन, हंसराज भारती, कांता शर्मा, ईशिता आर गिरिश, राजीव त्रिगर्ती, नवनीत शर्मा, गणेश गन्नी, सौरभ, अनंत आलोक, सत्यनारायण स्नेही तथा विक्रम मुसाफिर से बेहतर कविता की उममीद की गई। हिमाचल की हिंदी कविता में अपनी पहचान बना चुके कवियों मोहन साहिल, ओम भारद्वाज, सुरेश सेन निशांत तथा अजेय की प्रशंसा की गई। इस शोध पत्र पर विपाशा के भूतपूर्व संपादक तुलसी रमण व सुरेश सेन निशांत ने अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम के अगले सत्र में 30 कवियों ने कविता पाठ किया। जिनमें दीनू कश्यप, विजय विशाल, तुलसी रमण, यादवेन्द्र शर्मा, सुरेश सेन निशांत, प्रकाश पंत, रूपेश्वरी शर्मा, पवन चौहान और कृष्ण चंद महादेविया सहित अन्य कवि शामिल हुए।

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