Monday, 30 June 2014

अलग पंगत में बिठाने पर मामला दर्ज किया


मंडी। औट थाना के अंतर्गत आने वाली मुराह ग्राम पंचायत की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में जातिगत भेदभाव के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज करके तहकीकात शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पाठशाला की गोल्डन जुबली पूरी होने का कार्यक्रम विगत 23 जून को स्कूल परिसर में मनाया जा रहा था। लेकिन पचासवीं सालगिरह के मौके पर एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने अनुसूचित जाति के बच्चों को एक बार फिर से जातिय आधार पर सामाजिक बराबरी से वंचित कर दिया। पाठशाला में कार्यक्रम के दौरान जब भोजन परोसा जाने लगा तो वहां मौजूद पाठशाला के अध्यापकों ने अनुसूचित जाति के बच्चों को अलग पंगत में बिठा कर उन्हे भोजन वितरित किया। जिससे अनुसूचित जाति के इन बच्चों को एक बार फिर से जातिय असमानता के कारण अश्पृष्यता का सामना करके आहत होना पडा। बच्चों के साथ जातिय आधार पर हुए इस भेदभाव के खिलाफ मुराह (थाची) निवासी उतम राम पुत्र सौजू राम ने औट थाना पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने बताया कि पुलिस ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उन्होने बताया कि इस मामले की तहकीकात औट थाना प्रभारी उपनिरिक्षक अनिल ठाकुर को सौंपी गई है। उन्होने कहा कि मामले में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

चैक बाउंस पर छह माह कैद और 1,10,000 रूपये हर्जाना


मंडी। चैक बाउंस का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को छह माह के कारावास और 1,10,000 रूपये हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुवीर सिंह के न्यायलय ने बल्ह तहसील के डडौर निवासी जयदेव पुत्र नरपत सैनी की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर जिला कुल्लू की मनाली तहसील के नगर निवासी संत कुमार उर्फ संत राम पुत्र तेज राम को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता कमल सैनी के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार निजी कंट्रेक्टर के रूप में काम करने वाले आरोपी संत राम ने कुल्लू जिला में ठेकेदारी का काम लिया हुआ था। जिसके लिए आरोपी संत राम ने शिकायतकर्ता जय देव सैनी की जेसीबी एक्सकेवेटर मशीन को काम करने के लिए 1,10,000 प्रति माह के किराए पर लिया था। आरोपी ने मशीन के किराए का भुगतान करने के लिए शिकायतकर्ता को एक चैक दिया था। जब उन्होने इस चैक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया। जिसके चलते शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 15 दिनों का कानूनी नोटिस जारी करके आरोपी को राशि अदा करने को कहा था। लेकिन आरोपी के राशि अदा न करने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दायर करके अभियोग चलाया था। शिकायत की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता जय देव सैनी का देहांत हो जाने के कारण उनकी उतराधिकारी शांता कुमारी सैनी के माध्यम से मामले की पैरवी की जा रही थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चैक बाउंस का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है।

हत्या कर दी महिला की नहीं हुई शिनाख्त


मंडी। हणोगी माता मंदिर के नजदीक व्यास नदी के किनारे मिली महिला की अभी तक शिनाखत नहीं हो पाई है। पुलिस ने इस मामले में पोस्टमार्टम रिर्पोट के बाद हत्या का मामला दर्ज किया है। लेकिन महिला की शिनाखत नहीं हो पाने के कारण तहकीकात आगे नहीं बढ पाई है। जानकारी के अनुसार विगत 17 जून को कुछ लोगों ने हणोगी माता मंदिर के नीचे एक महिला का शव देखा था। जिसकी सूचना उन्होने औट थाना पुलिस को दी थी। पुलिस ने महिला का शव व्यास नदी के किनारे से अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल मंडी को भिजवाया था। जहां पर चिकित्सकों ने पोस्ट मार्टम रिर्पोट में महिला की मौत का कारण गला घोंट कर हत्या किये जाने की पुष्टि की थी।
 जिस पर औट थाना पुलिस ने विगत 26 जून को महिला की हत्या किए जाने का मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। लेकिन मृतका की पहचान न हो पाने के कारण पुलिस की तहकीकात आगे नहीं बढ पा रही है। औट थाना प्रभारी उपनिरिक्षक अनिल ठाकुर ने बताया कि महिला की उम्र करीब 17 से 25 के बीच है। उसने आसमानी नीले रंग की फूलदार सलवार और कमीज पहनी हुई है। मृतका के दोनों पैरों में झांझर हैं। उसका कद करीब 5 फुट दो इंच है। लेकिन चेहरा विकृत हो चुका है। उन्होने कहा कि इस हुलिये की अगर कोई महिला गुमशुदा चल रही हो तो उनके परिजन और जान पहचान वाले थाना में आकर महिला की शिनाखत कर सकते हैं। जिससे पुलिस महिला के शव को उनके हवाले कर सके और अपनी तहकीकात को आगे बढा सके।

Saturday, 28 June 2014

कब मिलेगी ब्यास नदी को इस गंदगी से निजात


मंडी। व्यास नदी की धारा को प्रदुषित करने के लिए भले ही उच्चतम न्यायलय के ग्रीन टिब्युनल ने कडा रूख अख्तियार किया हो। लेकिन क्या इसका असर मंडी नगर परिषद की डंपिंग साईट से बह कर व्यास नदी में जहर घोलने वाली गंदगी पर भी पडेगा। इसके बारे में अभी भी संदेह बना हुआ है। हालांकि इस बारे में अतीत में अनेकों बार घोषणाएं और कवायदें की जा चुकी हैं। लेकिन जब तक इस गंदगी से शहरवासियों को छुटकारा नहीं मिल पाता तब तक कुछ कहना हर बार की तरह जल्दबाजी ही होगी। बहरहाल, निकट भविष्य में स्थिति के सुधरने की उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आती। मंडी-कुल्लू राष्ट्रिय राजमार्ग-21 पर मंडी से करीब चार किलोमीटर दूर क्वारी से एक लिंक मार्ग मंडी नगर परिषद की डंपिंग साईट की ओर जाता है। राजमार्ग से करीब 50 मीटर उपर की ओर यह साईट स्थित है। साईट में तीन और पहाड हैं जबकि चौथी दिशा व्यास नदी की ओर खुलती है। पिछले करीब दो दशकों से इस जगह पर नगर परिषद की ओर से एकत्र की जाने वाली गंदगी खुले क्षेत्र में फैंक दी जाती है। इस गंदगी को अक्सर नगर परिषद की ओर से आग लगा दी जाती है जिससे आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को विषैले धुंए का कोप भाजन बनना पडता है। डंपिंग साईट में सभी तरह का कुडा करकट फैंका जाता है। जिनमें एक्सपायर दवाइयां भी शामिल रहती हैं। कई बार मृत पशु भी यहीं फैंक दिये जाते हैं। अक्सर यहां पर आवारा पशु गंदगी में जुगाली करते देखे जा सकते हैं। गर्मियों में यहां से उठने वाली दुर्गंध राष्ट्रिय राजमार्ग और नजदीकी गांवों तक फैल जाती है। राजमार्ग से गुजरते समय जब दुर्गंध के झोंकों की मार सहनी पडती है तब इसका अहसास होता है कि नजदीक ही डंपिंग साईट है। बारिश में साइट के तीन ओर स्थित पहाडों की ढलानों के पानी का प्रवाह नाला बनकर साइट में आता है और वहां पडी सभी तरह की गंदगी को एक नाली के रास्ते से व्यास नदीं में धकेल देता है। डंपिंग साईट से कितनी ज्यादा गंदगी व्यास नदी में पहुंचती है इसका अनुमान उस नाली को देखकर लगाया जा सकता है जो गंदगी के अरक से पीले रंग की हो गई है। यही गंदगी व्यास नदी में मिल कर इसकी धारा को जहरीला बना देती है। कुछ दूरी के बाद व्यास नदी का यही जहरीला पानी मंडी शहर की पेयजल आपुर्ति के लिए लिफ्ट किया जाता है। जिसे आईपीएच विभाग की ओर से मंडी के घर-2 में नलों के माध्यम से लोगों को मुहैया करवाया जाता है।

क्या कहना है नगर परिषद के ईओ का

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजय पराशर का इस बारे में कहना है कि डंपिंग साईट से गारबेज का पानी व्यास नदी में नहीं जाता बल्कि वहां स्थित एक पानी के सोर्स से नाली में पानी जाता है। उन्होने कहा कि डंपिंग साइट में आवारा पशु न जाएं इसके लिए यहां पर फेंसिंग करवाई जा रही है और साईट को पुरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। उन्होने कहा कि अभी तक साइट में कोई अटेंडेंट नहीं होता। जिसके कारण कुडे को आग लगाने के कारणों का पता नहीं चल पाता। लेकिन अब नगर परिषद की ओर से यहां पर दो कमरों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें अब हर समय चौकीदार मौजूद रहेंगे। इसके अलावा यहां पर प्लेटफार्म और एंटी लीचिंग चैम्बर भी बनाए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि डंपिंग साईट के चारों ओर नाली बनाई जाएगी। जिससे पहाडों से आने वाला पानी साईट तक नहीं जाएगा। उन्होने कहा कि ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशों के तहत व्यास नदी में जाने वाली गंदगी को रोकने के हर संभव प्रयास किये जाएंगे।

क्या कहना है स्थानीय लोगों का

स्थानीय वासी भीम सेन और जगदीश शर्मा का कहना है कि डंपिंग साईट से गंदगी का रिसाव लगातार जारी रहता है जो नाली से बहकर सारा साल व्यास में मिलकर इसे प्रदुषित करती रहती है। उन्होने कहा कि बरसात का मौसम आने वाला है और बारिश में अब सारी गंदगी राष्ट्रिय राजमार्ग से होती हुई व्यास नदी में मिल जाएगी। उनके अनुसार अनेकों बार डंपिंग साईट की रखरखाव करने और इसे बदल कर अन्यत्र ले जाने के आश्वासन दिये जाते हैं लेकिन धरातल पर कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं आती। जबकि डंपिंग साईट की गंदगी के कारण स्थानीय लोगों को जीना दुश्वार हो गया है।

जीवनदायिनी नदियां बनीं हत्यारीं


मंडी। सरकारों की लापरवाही और कोताही से जीवन दायनी नदियां कैसे हत्यारी बन जाती हैं इसका सबसे ताजा उदाहरण है हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में घटित हुआ थलौट हादसा । विगत 8 जून को ब्यास नदी में बिना चेतावनी के पानी छोड देने से हैदराबाद के इंजिनियरिंग के 24 छात्र बह गए थे। यह भयावह हादसा अपनी तरह का कोई पहला हादसा नहीं है और शायद न ही आखिरी हादसा है। क्योंकि देश भर के किसी भी बांध या रिसर्वायर में सुरक्षा को लेकर कोई मापदंड निर्धारित नहीं हैं। इसका खुलासा हाल ही में सामने आई साउथ एशिया नेटवर्क फार डैमस, रिवर्स एंड पीपल (संदर्प) की रिर्पोट से हुआ है। उल्लेखनीय है कि लारजी पनबिजली परियोजना बांध के फ्लड गेट को अचानक खोल देने से आए फ्लैश फ्लड के कारण करीब 2.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित व्यास नदी के किनारे स्थित घटनास्थल थलौट में 25 लोग जिनमें से हैदराबाद के 24 छात्र थे इस फ्लड में बह गए थे। लोगों के घरों को रोशन करने वाली ब्यास नदी का प्रवाह अचानक कई घरों के चिरागों को बुजा गया। प्रसिद्ध उस्ताद राशिद खान की क्लासिकल ठुमरी बंदिश नदिया बैरी भयी मानो अब देश भर की नदियों का आलाप बनता जा रहा है। जीवन दायिनी कही जाने वाली आर्जिकिय (व्यास नदी का ऋग्वैदिक नाम) की तरह ही अब देश भर की नदियां मृत्यु दायिनी के रूप में तब्दील होती चली जा रही हैं। कुछ ऐसा ही कहना है संदर्प की परिणिता दांडेकर का। संदर्प की रिर्पोट के मुताबिक 8 अप्रैल 2014 को राधिका गुरंग (11), जो चौथी कक्षा की छात्रा थी अपनी बहन चंद्रा और माया के साथ सिक्किम में बारदांग के पास तिस्ता नदी के किनारे से जा रही थी। अचानक पलक जपकते ही 510 मेगावाट के तिस्ता बांध का पानी छोड देने से तीनों पानी की तेज धारा में बहने लग गई। हालांकि माया और चंद्रा भाग्यशाली रही और उन्हे बचा लिया गया लेकिन राधिका को नहीं बचाया जा सका। रिर्पोट के मुताबिक स्थानीय लोगों का कहना था कि बांध का नियंत्रण करने वाले एनएचपीसी की ओर से बिजली बनाने के लिए पानी छोडने से पहले कोई सायरन या चेतावनी नहीं दी जाती जिससे लोगों को नदी के कारण लगातार अपनी जिंदगियों का खतरा बना रहता है। हालांकि एनएचपीसी के खिलाफ कडी कार्यवाही की मांग भी की गई थी, लेकिन कोई कार्यवाही अम्ल में नहीं लाई गई है। गत वर्ष मार्च 28 को तमिलनाडु के 100 मेगावाट कुंडाह परियोजना के पिल्लूर बांध से 6000 क्युसिक पानी छोड देने से मेट्टूपलायना के नजदीक भवानी नदी में पांच लोग बह गए थे। जिनमें से दो बच्चे शामिल थे जिनकी आयु 2 और 3 वर्ष थी। इस हादसे में बचे प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक उनका परिवार नदी के किनारे एक चट्टान पर बैठा हुआ था लेकिन इसी बीच पानी बढना शुरू हुआ। लेकिन तेज प्रवाह के कारण वे नदी से बाहर नहीं निकल पाए। हालांकि इस मामले में अधिकारियों का कहना था कि चेतावनी दी गई थी लेकिन रिर्पोट के मुताबिक यह चेतावनी नदी तट तक नहीं पहुंची। स्थानीय लोगों का कहना था कि कोई चेतावनी इस बारे में नहीं दी गई थी। इस मामले में भी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। संदर्प की रिर्पोट के मुताबिक 8 जनवरी 2012 को सात लोगों का परिवार जिनमें एक बच्चा भी शामिल था कावेरी नदी में तमिलनाडु स्थित 30 मेगावाट की भवानी कटालाई बैराज-दो से पानी छोडने के कारण बह गया था। उसी दिन, दो युवक भी इसी पानी की चपेट में आने से बह गए थे। इस बारे में कोई रिर्पोट उपलब्ध नहीं है कि टंगेडको (जो यह परियोजना चलाती है) या बैराज अथारिटी की कोई जवाबदेही सुनिश्चित की गई हो या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही अम्ल में लाई गई हो। हालांकि इस मामले में पाया गया था कि नदी तट पर लोगों को पानी छोडने की चेतावनी देने के लिए कोई सायरन नहीं लगाया था। उतराखंड में तो पनबिजली बांधों से अचानक पानी छोड देने से होने वाली मौतों का इतिहास भरा पडा है। अप्रैल 2011 में उतराखंड के भागीरथी नदी पर बने मनेरी भाली-एक बांध से अचानक पानी छोड देने से तीन श्रद्धालु पानी में बह गए थे। वर्ष 2006 में भ मनेरी भली में तीन महिलाएं पानी में बह गई थी। हालांकि उतरकाशी के जिला दंडाधिकारी ने बांध के कार्यकारी अभियंता के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश भी दिये थे लेकिन आगे कार्यवाही नहीं हो सकी। नवंबर 2007 में उतराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की ओर से मनेरी भाली चरण-दो के गेटस को खोलने और बंद करने का परिक्षण किया जा रहा था। इसी बीच दो युवक पानी में बह गए। स्थानीय लोगों के विरोध करने पर कार्यकारी अभियंता और जिला दंडाधिकारी ने मात्र एक नोटिस जारी कर दिया जिसके मुताबिक जोशीयदा बैराज की धारा में स्थित मनेरी भाली की बिना नोटिस जारी किए कभी भी पानी छोडा जा सकता है। इसी तरह का नोटिस निपको जो रांगानदी बांध का संचालन करता है और 405 मेगावाट वाले आसाम सीमा के साथ बने अरूणाचल प्रदेश के दिकरौंग पावर हाउस ने जारी किया है। नोटिस के मुताबिक रांगानदी डायवर्जन बांध किसी भी समय खोला जा सकता है। किसी भी तरह के मानवीय, पशुओं या संपति को पहुंचने वाली हानी के लिए निपको की कोई जिम्मेवारी नहीं होगी। कर्नाटक में दिसंबर 2011 को ग्रीनको द्वारा संचालित 48 मेगावाट एएमआर परियोजना का पानी छोडने से तीन युवक बह गए थे। यह इस बांध की पहली घटना नहीं थी। लोग इस बांध के पानी से करीब सात लोगों के बह जाने का आरोप लगाते हैं। पहली अक्तुबर 2006 को मध्यप्रदेश के दतिया जिला में सिंद नदी पर बने मनीखेडा बांध का अचानक भारी मात्रा में पानी छोड देने से 39 लोगों की मौत हो गई थी। अचानक पानी छोडने के बारे में कोई चेतावनी नहीं दी गई थी जिसके कारण यह लोग बह गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने इस घटना की जांच के आदेश दिये थे और इस संबंध में उच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायधीश ने 2007 में अपनी रिर्पोट भी पेश की थी। लेकिन यह रिर्पोट दबा दी गई है और इस तक पहुंच मुश्किल हो गई है। सरकार ने इसे जारी नहीं किया है और किसी की जवाबदेही सुनिश्चित करने और कार्यवाही अम्ल में लाये जाने की बात आठ साल बाद भुला दी गई है। क्या यह ठीक है कि लापरवाही और पारदर्शिता के बगैर बांधों का संचालन करने और सैंकडों मौतों को अंजाम देने के बावजूद भी दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित न की जाए। हालांकि थलौट हादसे में भी यह ढिलमुल निती जारी रखी जा सकती थी। लेकिन इस मामले में प्रदेश उच्च न्यायलय ने पहलकदमी करके घटना का संज्ञान लिया है और घटना के मामले की जांच कर रहे मंडलायुक्त से रिर्पोट तलब की है। इससे लगता है कि थलौट हादसे से लिये गए सबक से देश भर के बांधों से होने वाली मौतों के बारे में लापरवाही और कोताही करने वालों पर निति निर्धारण की दिशा सुनिश्चित हो सकेगी।

Friday, 27 June 2014

विक्रेता को 20 हजार हर्जाना देने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 20,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विक्रेता को उपभोक्ता के वाहन के दस्तावेज 20 दिनों के भीतर मुहैया करवाने के आदेश भी दिये हैं। ऐसा न करने पर विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 100 रूपये प्रतिदिन का जुर्माना अदा करना होगा। वहीं पर फोरम ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता के वाहन का मुआवजा 30 दिनों में तय करने के भी आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सदर तहसील के दान (बग्गी) निवासी अशोक कुमार गुलेरिया पुत्र मदन सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए वाहन विक्रेता लुनापानी स्थित मैसर्ज सतलुज मोटरस को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना राशि और 3000 रूपये शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता रूपिन्द्र सिंह के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से इंडिका विस्टा कार खरीदी थी। लेकिन विक्रेता की ओर से उन्हे वाहन के असल बिल मुहैया नहीं करवाए गए। हालांकि उन्हे वाहन का कब्जा दे दिया गया। इसी बीच वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लेकिन न ही विक्रेता और न ही बीमा कंपनी की ओर से उन्हे मुआवजा अदा किया गया। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि यह तथ्य माना गया है कि उपभोक्ता ने विक्रेता से वाहन खरीदा था और इसे बीमा कंपनी के पास बीमाकृत करवाया गया था। वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। हालांकि बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि उपभोक्ता ने मुआवजे की मांग नहीं की थी। लेकिन शिकायत की सुनवाई के दौरान विक्रेता के परिसर में पार्क किये गए वाहन का निरिक्षण करने के लिए सर्वेयर की तैनाती की गई थी। सर्वेयर की रिर्पोट के मुताबिक वाहन खुले क्षेत्र में पिछले करीब 28 महीनों से पार्क होने के कारण बुरी हालत में है। इसके अलावा वाहन दुर्घटनाग्रस्त भी हुआ है और बाढ के पानी में डुबा भी रहा है। इन परिस्थितियों के चलते फोरम ने बीमा कंपनी को 30 दिनों में मुआवजा तय करने के निर्देश दिये हैं। वहीं पर विक्रेता को 20 दिनों के भीतर वाहन के दस्तावेज मुहैया करने के आदेश दिये हैं। जबकि विक्रेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले उक्त हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

Wednesday, 25 June 2014

लो वोल्टेज और डिम लाइट पर विभाग नपा


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विद्युत बोर्ड को उपभोक्ता के घर में लो वोल्टेज और डिम लाईट की समस्या को 20 दिनों में सुलझाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का फैसला सुनाया है। फोरम ने उपभोक्ता को औसत से अधिक राशि के जारी किए गए बिलों को भी निरस्त करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर बोर्ड की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने भंगरोटू निवासी कश्मीर सिंह गुलेरिया पुत्र बेसर सिंह गुलेरिया की शिकायत को उचित मानते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सचिव, मंडी के मुखय अभियंता, बिलासपुर के अधीक्षण अभियंता, सुंदरनगर के कार्यकारी अभियंता और नेरचौक के एसडीओ राज रतन शर्मा के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया है। अधिवक्ता टी आर पठानिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार विद्युत बोर्ड की ओर से उपभोक्ता के घर में बिजली का मीटर लगाया गया था। उपभोक्ता ने कई बार बोर्ड को प्रार्थना पत्र भेज कर लो वोल्टेज और डिम लाईट की परेशानी के बारे में अवगत करवाया था। इसके अलावा उपभोक्ता को औसत से अधिक बिजली का बिल जारी किया जा रहा था। जिसके चलते उपभोक्ता ने बोर्ड को कानूनी नोटिस जारी किया था। ऐसे में उनके घर का मीटर तो बदल दिया गया लेकिन वोल्टेज और डिम लाईट की समस्या तब भी बनी रही। ऐसे में बोर्ड की ओर से उनके घर में चैक मीटर लगाया गया था। मीटर चैक करने पर पता चला था कि यह खराब है और 5.264 प्रतिशत तेजी से चल रहा है। बोर्ड के उपभोक्ता को जारी बिल की राशि अडजस्ट न करने के कारण उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड की ओर से माना गया है कि उपभोक्ता के घर में लगाये गये मीटर में खराबी है। उपभोक्ता की ओर से सूचना के अधिकार के तहत एकत्र जानकारी से भी जाहिर हुआ है कि उनके घर में लगाए मीटर में खराबी है। क्योंकि यह मीटर खराब है ऐसे में उपभोक्ता को जारी किये गए बिल सही नहीं कहे जा सकते। जिसके चलते फोरम ने इन बिलों को निरस्त करने और औसत के आधार पर नये बिल जारी करने का फैसला सुनाया है। वहीं पर बोर्ड को उपभोक्ता के घर की लो वोल्टेज और डिम लाईट की समस्या को सुलझाने के लिए 20 दिनों में प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा बोर्ड की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले फोरम ने हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

Tuesday, 24 June 2014

बीमा कंपनी को 6.64 लाख रूपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 6,64,001 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 6000 रूपये हर्जाना और 4000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों सत्याभामा व शिव सिंह ने मनाली तहसील के सियाल गांव निवासी संजीव ठाकुर पुत्र नोखू राम ठाकुर की शिकायत को उचित मानते हुए दि न्यु इंडिया एसोरेंस कंपनी लिमिटेड को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता वीरेन्द्र ठाकुर के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने ट्रक को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधि के दौरान 17 अगस्त 2006 को उन्होने अपने ट्रक को मनाली में पार्क किया हुआ था जबकि वह खुद लाहौल स्पिति गए हुए थे। अगले दिन जब वह वापिस लौटे तो ट्रक वहां से गायब था। उपभोक्ता ने इस बारे में जब अपने पिता जी से पूछा तो उन्होने बताया कि उनके ट्रक को देव राज अपने व्यक्तिगत प्रयोग के लिए ले गया है। लेकिन जब वाहन वापिस नहीं मिला तो इस बारे में उपभोक्ता ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। वाहन के बरामद न होने पर उन्होने कंपनी से मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी ने मुआवजा अदा करने से इंकार कर दिया। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर फैसला करते हुए फोरम ने कंपनी को 30 दिनों में मुआवजा तय करने के निर्देश दिये थे। लेकिन कंपनी ने मुआवजा इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मामला चोरी की परिभाषा में नहीं आता है क्योंकि पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज न करके विश्वासघात का मामला दर्ज किया था। ऐसे में उपभोक्ता ने यह शिकायत फोरम में दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ऐसा कानून बताने में असफल रही जिससे पता चलता हो कि उन मामलों में मुआवजा अदा नहीं किया जा सकता जिनमें पुलिस ने विश्वासघात के तहत चोरी का मामला दर्ज किया हो। इस मामले में यह साबित हो चुका है कि वाहन चोरी हुआ है ऐसे में यह अप्रासांगिक हो जाता है कि प्राथमिकी चोरी की धारा या विश्वासघात की धारा के तहत दर्ज की गई हो। फोरम ने कंपनी के मुआवजा खारिज करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी से उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

Sunday, 22 June 2014

वाहन विक्रेता कंपनी के प्रबंध निदेशक को 6 माह कारावास की सजा


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश की मानना न करने पर फोरम ने वाहन विक्रेता कंपनी के प्रबंध निदेशक को छह माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में 3 जुलाई तक प्रबंध निदेशक की गिरफतारी के वारंट जारी कर उन्हे सजा के लिए तलब किया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने औट निवासी यादवेन्द्र शर्मा की इजराय याचिका पर आदेश जारी करते हुए लुणापानी स्थित वाहन विक्रेता कंपनी सतलुज मोजरस के प्रबंध निदेशक को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर याचिका के अनुसार उपभोक्ता यादवेंद्र शर्मा के पक्ष में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया था कि उक्त कंपनी उपभोक्ता को 448 रूपये अदा करे और उनके वाहन को ठीक हालत में वापिस लौटाए। इसके अलावा जितने दिन यह वाहन उक्त कंपनी के पास रहा उतने दिनों का 175 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ता के पक्ष में भुगतान किया जाए। जबकि कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने को कहा गया था। कंपनी ने फोरम के फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की थी। राज्य आयोग ने जिला उपभोक्त फोरम का फैसला सही करार देकर कंपनी की अपील को खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में फैसले को लागू करवाने के लिए इजराय याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान कंपनी ने वाहन को तो उपभोक्ता को लौटा दिया लेकिन न तो वाहन के दस्तावेज उन्हे मुहैया करवाए और न ही प्रतिदिन के हिसाब से अदा की जाने वाली राशी दी गई। फोरम की ओर से कंपनी को एक सप्ताह का समय देकर फैसले की मानना करने के निर्देश देकर मामले की सुनवाई 18 जून को सुनिश्चित की थी। लेकिन इसके बावजूद भी फैसले को लागू न करने पर फोरम ने कंपनी के एमडी को छह माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। फोरम ने एमडी की गिरफतारी का वारंट जारी करके उन्हे सजा भुगतने के लिए 3 जुलाई तक तलब करने के निर्देश जारी किये हैं।

रंधाडा के छात्र-छात्राओं ने कार्यशाला में भाग लिया


मंडी। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रंधाडा के छात्र-छात्राओं ने डाईट परिसर में विज्ञान प्रसार के तहत स्थापित सैटेलाइट के माध्यम से चल रही कार्यशाला में भाग लिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रभारी सुरेश ठाकुर ने बच्चों को इस कार्यक्रम की जानकारी दी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन चल रहे इस कार्यक्रम में किशोर अवस्था विषय पर बताया गया। उन्होने बताया कि देश भर में इस तरह के पचास केन्द्र हैं और यह हिमाचल का एकमात्र केन्द्र है। बच्चों के साथ आए अध्यापक प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि रंधाडा जैसे ग्रामीण परिवेश के बच्चों के लिए यह एक अच्छा अवसर था। रावमापा रंधाडा के प्रधानाचार्य हेमराज भोपाल का इस मौके पर कहना था कि पाठशाला को आधुनिक तकनीक से जोडने के लिए ऐसे प्रयास लगातार किये जाने चाहिए। इस मौके पर पाठशाला के 20 छात्र व छात्राओं ने कार्यशाला में भाग लिया।

जिला स्कूली खेलों का कैलेंडर जारी


मंडी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (कन्या) सुंदरनगर में जिला स्कूली खेल क्रीडा संगठन की बैठक उपनिदेशक सुशील कुमार पुण्डीर की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मंडी जिला का स्कूली खेल कैलेंडर तय किया गया। जिसके तहत अंडर 19 बालक वर्ग मेजर खेल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुंदरनगर (बालक) में, अंडर 19 बालिका वर्ग की सभी खेल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हटगढ में, अंडर 19 बालक वर्ग माइनर खेलें रावमापा नगवाईं में, बालक बालिका वर्ग की सांस्कृतिक प्रतियोगिता रावमापा राजगढ में, जिला स्तर की बालक बालिका ऐथलैटिक मीट रावमापा (कन्या) मंडी में होनी निश्चित की गई है। बैठक में स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य सुंदर सिंह ठाकुर, वरिष्ठ उपप्रधान रमेश कुमार प्रधानाचार्य करसोग, उपप्रधान हेमन्त शर्मा, सचिव पवन शर्मा, डीपीईओ मंडी, उपप्रधान तेज सिंह, मुखय सलाहकार सुशील शर्मा, अनिल पठानिया, मान सिंह, मुल्ख राज शर्मा, कश्मीर सिंह तथा विभिन्न पाठशालाओं के प्रधानाचार्य, मुखयाध्यापक, डीपीई, पीईटी तथा स्थानीय पाठशाला के शिक्षकों ने भाग लिया।

43वीं हॉट वैदर फुटबाल प्रतियोगिता शुरू


मंडी। 43वीं अखिल भारतीय हॉट वैदर फुटबाल प्रतियोगिता का उदघाटन सोमवार को उपायुक्त मंडी देवेश कुमार ने किया। उन्होने इस अवसर पर कहा कि खेलों से हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उन्होने कहा कि खेल भावना का परिचय देकर हमें बढ चढ कर ऐसी गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। प्रतियोगिता के शुभारंभ से पूर्व थलौट हादसे में ब्यास नदी में बह गए इंजिनियरिंग छात्रों को श्रद्धांजली अर्पित की गई और उनकी याद में मौन रखा गया। इस प्रतियोगिता में कुल 10 टीमें भाग ले रही हैं। जिनमें सीएजी दिल्ली, गढ़वाल रेजीमेंट उतराखंड, पंजाब पुलिस जालंधर, सीमा सुरक्षा बल दार्जिलिंग, तलताला दीप्ती संघ कोलकता, रॉयल क्लब राउरकेला, कोलाबा यंग स्टार मुमबई, गढ़वाल रेजीमेंट सेंटर प्रमुख हैं। उदघाटन समारोह के इस अवसर पर टी एल वैद्या, वी एस सेन, पदम सिंह, पी एन सैनी, नरेन्द्र सैनी, युगल बैहल, हेमंत वैद्या, मित्र देव तिवारी व प्रतियोगिता के प्रभारी राजेन्द्र गुप्ता भी मौजूद थे। सोमवार को प्रतियोगिता का पहला मैच कैग दिल्ली और गढ़वाल रेजीमेंट उतराखंड के मध्य खेला गया। मध्यकाल तक कैग की टीम ने गढवाल पर एक गोल से बढत हासिल कर ली थी। खेल के तीसरे मिनट में ही कैग के खिलाडी शहनाज बशीर ने अपनी टीम के लिए यह गोल दागा। मंगलवार को प्रतियोगिता के दो मैच खेले जाएंगे।

बीमा कंपनी को 2,65,330 रूपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम लाहौल-स्पिति ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 2,65,330 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम लाहौल-स्पिति के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य राजेश शर्मा ने कुल्लू सर्किट बैंच के दौरान सुनाए फैसले में उप तहसील उदयपुर के बरदांग (त्रिलोकनाथ) निवासी राम कृष्ण पुत्र राम दास की शिकायत को उचित मानते हुए युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की ढालपुर (कुल्लू) शाखा को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता पलजोर पवनस्पा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी टाटा सूमो को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमावधि के दौरान ही उपभोक्ता का वाहन उदयपुर और त्रिलोकनाथ के बीच काला नाला के पास दुर्घटनाग्रस्त होकर पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। उपभोक्ता ने दुर्घटना की प्राथमिकि दर्ज करवा कर वाहन के तमाम दस्तावेज कंपनी को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन मुआवजा तय न करने के कारण उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि वाहन के चालक श्याम लाल के पास घटना के समय वैध और प्रभावी लाइसैंस नहीं था। जबकि उपभोक्ता का कहना था कि चालक के पास एलएमवी लाइसैंस था जो वाहन चलाने के लिए वैध था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2(21) के अनुसार लाइट मोटर व्हीकल वह वाहन होते हैं जिनका भार 7500 किलोग्राम से कम होता है। वाहन के सेल सर्टिफिकेट के मुताबिक उपभोक्ता के वाहन का भार 1820 किलोग्राम था। ऐसे में यह लाइट मोटर व्हीकल की श्रेणी में आता है। जिसके चलते उपभोक्ता के चालक के पास दुर्घटना के समय वैध और प्रभावी लाइसैंस था। ऐसे में फोरम ने कंपनी के मुआवजा खारिज करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर कंपनी के सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

बाल श्रम विरोध दिवस मनाया


मंडी। यहां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) में बाल श्रम विरोध दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य परस राम सैनी ने बच्चों को बाल श्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमें इसके निराकरण का संकल्प लेना चाहिए। उन्होने बच्चों और अभिभावकों से बाल श्रम समाप्त करने के लिए अपना योगदान देने का आहवान किया। इस मौके पर पाठशाला की प्रवक्ता मीनाक्षी जोशी, मोनिका ठाकुर और सुनीता कपूर ने भी बाल श्रम के बारे में अपने विचार बच्चों के साथ सांझा किये।

वेदांता संस्थान का परिणाम शत प्रतिशत


मंडी। राष्ट्रिय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान की दसवीं और जमा दो की परिक्षाओं में वेदांता शिक्षण संस्थान का परिणाम शत प्रतिशत रहा। संस्थान के प्रबंध निर्देशक अमित राणा ने बताया कि जमा दो में नीना, बलबीर और बलदेव अव्वल रहे। जबकि दसवीं में दीक्षा, विद्या और केशव ने बाजी मारी। संस्थान का परिणाम शत प्रतिशत रहने से अभिभावकों में खुशी की लहर दौड गई है। उन्होने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी है।

कनैड स्कूल में स्वच्छता अभियान मनाया गया


मंडी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कनैड में स्वचछता अभियान मनाया गया। एक सप्ताह तक चले इस अभियान के समापन पर पाठशाला के प्रधानाचार्य इन्द्र सिंह चौहान ने इसकी सफलता पर बच्चों की सराहना की और भविष्य में भी इसी प्रकार बढ चढ कर कार्यक्रमों में भाग लेने के उन्हे प्रोत्साहित किया। इको क्लब की प्रभारी पूनम गुलेरिया ने बताया कि अभियान के दौरान मनाए गए स्वच्छता प्रहरी दिवस पर बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। जबकि पर्यावरण और स्वच्छता से संंबंधित पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें जूनियर वर्ग में शिवप्रिया, कोमल व नीरज ने पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में सीमा, रमनद्वीप व अंजली ने बाजी मारी। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बच्चों ने कनैड गांव में रैली का आयोजन किया। रैली के दौरान बच्चों ने नारों से लोगों का स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। गुलेरिया ने बताया कि भाषण प्रतियोगिता में मनीषा प्रथम, आरती सकलानी द्वितिय और दिव्या तृतीय रही। स्लोगन लेखन में साक्षी, सिद्धार्थ और सीमा अव्वल रहे।

7 मिनट में मौत के घाट उतारा था मनोज को


 मंडी। बल्ह क्षेत्र के बैहना गांव में प्रेमी की मदद से सुपारी देकर पति की हत्या करने का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। मामले की तहकीकात के दौरान कई अन्य अनसुल­झे मामलों के बारे में भी रहस्योदघाटन हो सकता है। आरोपियों से पुलिस को अभी भी बरामदगी और तहकीकात बाकि है जिसके चलते उनका पुलिस रिमांड अदालत ने तीन दिन तक बढाने के आदेश दिये हैं। इधर, बुधवार को पुलिस ने सात दिन के पुलिस रिमांड के बाद तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया। जहां पुलिस ने आरोपियों से तहकीकात और बरामदगी अभी शेष होने के कारण उनका पुलिस रिमांड बढाने की अर्जी पेश की गई। जिसे स्वीकारते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने अपने पति की हत्यारोपी पत्नी लता देवी, प्रेमी अमर सिंह और सुपारी कीलर सतीश कुमार शेट्टी को 13 जून तक पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि बल्ह थाना पुलिस ने बैहना गांव के टैक्सी चालक मनोज कुमार की हत्या का मामला विगत 28 मई को दर्ज किया था। जिसके चलते पुलिस ने 4 जून को उक्त तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया था। जिन्हे अदालत ने मामले की तहकीकात के लिए सात दिन के पुलिस रिमांड में भेजा था। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध कबूल किया है। बल्ह थाना प्रभारी मदन कुमार के अनुसार मनोज कुमार की पत्नी लता देवी और उसका प्रेमी अमर सिंह ऊर्फ पिल्लू पिछले करीब तीन महीनों से मनोज कुमार की हत्या की वारदात रच रहे थे। जबकि पंजाब का रहने वाला सतीश कुमार शेट्टी जो ऐसी वारदातों को पहले भी अंजाम दे चुका है उनके षडयंत्र में शामिल हुआ और मनोज की हत्या करने के लिए डेढ लाख रूपये की सुपारी ली। सारा कुछ सुनियोजित षडयंत्र था। जिसके मुताबिक 18-19 मई की रात को मनोज कुमार कब सोएगा। सोने पर लता देवी ईशारा करेगी। फिर दोनों घर में प्रवेश करेंगे। योजना के अनुसार दोनों घर में घुसे एक के हाथ में दराट और दूसरे के पास डंडा था। करीब पांच से सात मिनट में तीनों आरोपियों ने मनोज कुमार को मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद सुनियोजित ढंग से मृतक के शव को पहले पलास्टिक के लिफाफे में और फिर इसके बाद इसे बोरी में डाल दिया। आरोपियों ने मृतक की ही गाडी में यह बोरी डाल दी और इसमें पत्थर पैक कर दिये। रात के समय उन्होने मृतक के शव वाली बोरी को बग्गी से अढाई किलोमीटर आगे रौ पाली पुल से बीबीएमबी की नहर में फैंक दिया। मृतक मनोज कुमार टैक्सी ड्राईवर था और शिमला जाता रहता था। सबका ध्यान भटकाने के लिए आरोपी सुपारी कीलर शेट्टी ने सुनियोजित तरीके से मृतक की गाडी को शिमला में पार्क कर दिया। लेकिन यहीं पर उससे एक चूक हो गई। उसके मोबाईल पर यहां एक फोन काल आ गई। हालांकि इसके बाद उसने अपनी मोबाइल सिम को फैंक दिया। लेकिन यही फोन काल इस मामले का खुलासा करने के लिए अहम कडी बनी। जब पुलिस ने शक के आधार पर मामला दर्ज करके तहकीकात शुरू की तो शेट्टी की काल डिटेल की लोकेशन शिमला में मिली। जबकि वाहन भी शिमला से ही बरामद हुआ। पुलिस के आरोपियों से कडाई बरतने पर सारा मामला धागे की तरह सुल­झता चला गया। बहरहाल, पुलिस आरोपियों से गहरी पूछताछ और तहकीकात कर रही है। सुपारी कीलर की पैसे लेकर हत्या करने का खुलासा होने से कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी प्रकाश पड सकने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि मंडी के ए क्लास ठेकेदार टेकचंद का सेरी बाजार के भीड भरे इलाके से दिन दहाडे अपहरण हो गया था। जिसके बाद उनका शव करीब एक माह बाद सुंदरनगर झील से बरामद हुआ था। पुलिस ने इस मामले को फिलहाल अनसुलझा घोषित कर रखा है। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी शेट्टी से इन मामलों में संलिप्तता के बारे में भी गहनता से तहकीकात कर रही है। गौरतलब है देवभूमि हिमाचल प्रदेश की शांत सुरम्य वादियों में सुपारी किलिंग का अपनी तरह का यह पहला मामला होने के कारण लोगों में बहुत चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं पर लोग अब अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं। बुधवार को स्थानीय बैहना पंचायत के प्रधान प्रकाश चंद और महिला मंडल की अगुवाई में सैंकडों लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक से इस मामले की कडी जांच करने के मांग की है। उन्होने गांव में चल रहे अवैध शराब के धंधे को बंद करवाने की मांग की। उनका कहना था कि शराब माफिया के कारण ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। 

Tuesday, 10 June 2014

रोशन करने वाली ब्यास ने बुझा दिए कई चिराग


 थलौट (मंडी)। ...यह किसी ने नहीं सोचा था कि लोगों के घरों को रोशन करने वाली व्यास नदी की धारा करीब दो दर्जन घरों के चिरागों को बुझा देगी। लारजी बांध से अचानक व्यास नदी का पानी छोडने से बढे जलस्तर में बह गए इंजिनियरिंग के 24 छात्रों की तलाश सोमवार को दिन भर जारी रही। इस ब्यास नदी से कई मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है लेकिन अब यह पर्यटन के आकर्षण के बीच खूनी खेल से जुड गई है। पानी में बह गए छात्रों के बचाव का कार्य अब सेना ने संभाल लिया है।
पंडोह बांध से करीब 20 किलोमीटर दूर थलौट के मौकास्थल तक सेना के जवान व्यास नदी के प्रवाह पर लगातार नजर रख रहे हैं। इसी के चलते चार शवों की बरामदगी हो चुकी है। इनमें दो शव हणोगी के नजदीक मिले हैं जबकि दो अन्य पंडोह झील के नजदीक से बरामद हुए हैं। दरअसल व्यास में पानी का प्रवाह ज्यादा होने के कारण बचाव कार्यों में ज्यादा प्रगति नहीं हो पाई है। लेकिन सेना के मोर्चा संभाल लेने के बाद नौकाओं द्वारा पंडोह ­झील से लेकर थलौट तक के क्षेत्र से बह गए छात्रों की तलाश की जा रही है। सोमवार को थलौट स्थित मौकास्थल का केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी, प्रदेश के मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह और तेलंगाना के गृह मंत्री नरसिन्हा रेड्डी सहित कई राजनेताओं और अधिकारियों ने दौरा किया। मौकास्थल पर पहुंचे तेलंगाना के गृह मंत्री नरसिन्हा रेड्डी ने बताया कि कैबिनेट बैठक के दौरान उन्हे तेलंगाना सरकार की ओर से राहत कार्यों के लिए दल सहित भेजा है। उन्होने अभी•ाी तक चार शव बरामद होने की पुष्टि की है। उन्होने बताया कि मृतकों के शवों को तेलंगाना ले जाने के लिए सेना की ओर से परमिशन मांगी जा रही है। जबकि दल के अन्य सदस्यों और परिजनों को वापिस •ोजने की तैयारी की जा रही है। रेड्डी ने इसे दुखद घटना मानते हुए इसे लापरवाही का मामला करार दिया है। उन्होने कहा कि पानी छोडने से पहले चेतावनी दी जानी चाहिए थी और नदी के किनारे के लोगों को हटाया जाना चाहिए था। अचानक पानी बढ जाने से छात्र निकल नहीं पाए और यह बेहद दुखद हादसा सामने आया। रेड्डी के साथ तेलंगाना से डीसीपी कार्तिकेय और एएसपी श्रीनिवास की अगुवाई में एक राहत दल यहां पहुंचा है। मौकास्थल का जायजा लेने के बाद वह मंडी में दल के सदस्यों से मुलाकात के लिए रवाना हो गये हैं। घटनास्थल थलौट कस्बा से करीब आधा किलोमीटर दूर मंडी की ओर है। यहां पर राष्ट्रिय राजमार्ग से एक लिंक व्यास दरिया की ओर बना है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हैदराबाद के इंजिनियरिंग छात्रों के दल ने अपने वाहन नदी के उपर पार्क किये और खुद नदी के किनारे की ओर उतर गए। नदी का जलस्तर कम होने के कारण कुछ छात्र अपनी चप्पलें किनारों पर खोल कर पर्यटन का आनंद उठाने लगे। इसी बीच मौकास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित लारजी बांध से पानी छोड देने के कारण वह बढे जलस्तर की चपेट में आ गए। इधर लारजी बांध में जलस्तर सोमवार को •ाी बढा हुआ है। जिसके कारण बांध से लगातार पानी छोडा जा रहा है। पानी न छोडने से बांध को •ाी खतरा हो सकता है। लेकिन बढे हुए पानी के कारण बचाव कार्य तेजी से नहीं हो पाया है। लेकिन सेना के मोर्चा सं•ााल लेने के बाद अब राहत कार्य तेज होने की उम्मीद है। सेना के जवान और पुलिस कर्मी लगातार नदी के प्रवाह पर निगाह रख रहे हैं। जबकि वायु सेना के जहाजों पर राहत सामग्री मंडी पहुंचाई जा रही है। उम्मीद है कि मंगलवार तक राहत कार्यों में तेजी आ सकेगी। 

लोक कलाकार ही लोक संस्कृति के सच्चे संरक्षक


 मंडी। हिमाचल प्रदेश के लोक कलाकार ही लोक संस्कृति के सही मायने में संरक्षक हैं। ऐसा अनेक अवसरों पर साबित होता आया है। जहां आधुनिकता चारों ओर तेजी से अपने पैर पसार रही है वहीं इन लोक कलाकारों की वजह से संस्कृति का स्वरूप अभी भी जीवित दिखता है। वक्त ने भले ही लोक त्योहारों और पर्वों की चमक को फीका कर दिया हो। लेकिन लोक कलाकार अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का निर्वहन अपनी सामर्थ्य के अनुसार अभी भी कर रहे हैं। इस बार भी जबकि आज निर्जला एकादशी का पर्व है जो भले ही शहरी क्षेत्रों में आधुनिकता के चलते ज्यादा उत्साह से नहीं मनाया जाता हो। तब भी मंगलाचारी हेशी समुदाय के शहनाई वादक बजंतरी घर-2 में मंगलाचरण करके अपने उतरदायित्वों को पूरा करते देखे जा सकते हैं। छोटी काशी मंडी में निर्जला एकादशी में मंगलाचरण बजाने की अपनी प्राचीन परंपरा का निर्वहन करता टेक चंद मानो इस त्योहार के आगमन का सूचक है। भले ही शहरवासी खासकर युवा पीढी इस पर्व को मनाने की रस्मों और तौर तरीकों को नहीं जानती होगी। लेकिन जिला के बल्ह क्षेत्र में नेरचौक कस्बे के नजदीक स्थित कसारला गांव के लोक कलाकार टेक चंद अपनी शहनाई की मचलती आवाज के मंगलाचरण से इस त्योहार की सूचना देने के अपने सरोकारों को नहीं भूला है। यही नहीं कादसी के अलावा चैत्र में छींज, सौण महिने में सौण, साजे-बेजे और सैर बजाना भी उसके दायित्वों का अहम हिस्सा है। टेकचंद की शहनाई शादी ब्याह के अलावा साल भर देवता के समर्पित रहती है। लोक कलाकार टेक चंद बताते हैं कि वह अपने परिवार में अब अकेला शहनाई वादक है। उनके पिता धनी राम भी शहनाई वादक थे। लेकिन उनका बेटा पढा लिखा होने के कारण और अन्य व्यवसाय करने के कारण शहनाई वादन का काम नहीं करता। उन्होने बताया कि पढ लिख न पाने के कारण और मंगलाचारी (हेशी) समुदाय से होने के कारण अपने परंपरागत कार्य को ही कर रहे हैं। लेकिन उन्हे लोक कलाकार होने के नाते मात्र एक बार ही शिवरात्रि में पडडल में कार्यक्रम करने का मौका मिला है। टेक चंद बताते हैं कि शहनाई वादकों की संख्या अब बहुत कम रह गई है। उनके अलावा बल्ह क्षेत्र के बडसू गांव में शेरू और टिल्लू, देवधार में चमारू, चच्योट में श्यामू, लाल सिंह, परमा और टारना मुहल्ले में मंगलाचारियों का एक परिवार ही इस समय शहनाई वादन का कार्य कर रहा है। मंडी के घरों की परौलों में एक खास अंदाज में बैठकर शहनाई से लोक गीतों घणे-2 जंगला बिज रैंहदी माता मेरिये और सुन कांगडे रेया लोका की जब मधुर आवाज शहनाई की फूंक से गूंजती है तो ऐसा लगता है मानो लोक संस्कृति के अनेकों बंद दरवाजे खुलते चले जा रहे हैं। वहीं पर ऐसा भी आभास होता है कि अगर इन पर्वों-त्योहारों के सूचक यह लोकधर्मी कलाकार संरक्षण के अभाव में लुप्त हो गए तो लोक संस्कृति के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में सरकार को प्राथमिकता मानते हुए लोक कलाकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे आना चाहिए। जिससे लोक संस्कृति के विद्यमान तत्वों को बचाया जा सके।

Monday, 9 June 2014

भाषण प्रतियोगिता में चिन्मया प्रथम


मंडी। डीएवी आर्य समाज स्कूल में पर्यावरण दिवस धूमधाम से मनाया गया। पाठशाला की मुखयध्यापिका रचना ने बताया कि इस अवसर पर पर्यावरण बचाओ विषय पर बच्चों की भाषण प्रतियोगिता, चार्ट मेकिंग, मॉडल और स्लोगन लेखन की गतिविधियां आयोजित हुई। जिनमें बच्चों ने बढचढ कर भाग लिया। उन्होने बताया कि भाषण प्रतियोगिता में पांचवीं कक्षा की चिन्मया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जबकि त्रिकाक्षी ने दूसरा स्थान अर्जित किया।

उपायुक्त का आभार जताया


मंडी। भगवान मुहल्ला चौक में सीवरेज लीकेज को ठीक कर देने पर स्थानिय वासियों ने आभार व्यक्त किया है। भगवान मुहल्ला निवासी धनदेव भारद्वाज, धर्म चंद, समीर कश्यप, जितेन्द्र, कुलदीप, तिलक राज, कृष्ण चंद, हेम राज और पंकज मोदगिल ने बताया कि सीवरेज टैंक लिकेज को ठीक कर दिया गया है। उन्होने बताया कि उपायुक्त महोदय को ज्ञापन देने और सभी समाचार पत्रों में इस समस्या के बारे में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित होने के बाद संबंधित विभाग हरकत में आया है। वीरवार को विभाग की ओर से भेजे गए अधिकारियों और कर्मचारियों ने टैंक से फैल रही गंदगी की समस्या को सुलझा लिया है। भगवान मुहल्ला निवासियों ने उपायुक्त मंडी देवेश कुमार, आईपीएच विभाग और मीडिया का इस समस्या को सुलझाने के लिए आभार व्यक्त किया है।

चौहट्टा में शनिवार को बहाल की जाए ट्रैफिक व्यवस्था


मंडी। भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी की शहरी इकाई ने मंडी व्यापार मंडल की चौहट्टा में शनिवार को ट्रैफिक बहाल करने की मांग का समर्थन किया है। सीपीआई के महासचिव समीर कश्यप ने कहा कि पार्टी ने इस मांग को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर इस फैसले पर आपत्ती जताई थी। उन्होने कहा कि चौहट्टा में टैफिक बंद कर देने का खामियाजा चौहट्टा बाजार के साथ लगते मुहल्लों को भुगतना पड रहा है। उन्होने कहा कि ट्रैफिक बंद कर देने से दोपहिया वाहनों, रेहडियों और तिपहिया वाहनों की भीड इन मुहल्लों की प्राचीन समय में बनी तंग और संकरी गलियों में घुस आती है। जिससे इन रिहायशी इलाकों में लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड रहा है। विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को इस टैफिक के कारण कई परेशानियां उठानी पड रही हैं। वाहनों की भारी तादात इन गलियों में आ जाने के कारण लोगों को हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। वहीं पर इन मुहल्लों में स्थित दुकानों के व्यापारियों पर भी विपरीत प्रभाव पड रहा है। भाकपा ने मांग की है कि चौहट्टा के सौन्दर्यीकरण के नाम पर शहरवासियों के अमन चैन से खिलवाड न किया जाए और इस तुगलकी फरमान को तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने चौहट्टा को सुंदर बनाने की दलील देकर प्रत्येक शनिवार को सायं 6 बजे से 8 बजे तक ट्रैफिक बंद करने की अधिसूचना जारी की है।

भगवान मुहल्ला में सीवरेज चैंबर लीकेज से परेशानी


मंडी। भगवाहन मुहल्ला चौक में सीवरेज टैंक की गंदगी के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। स्थानीय वासियों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उपायुक्त मंडी को ज्ञापन सौंपा है। भगवान मुहल्ला निवासी धनदेव भारद्वाज, धर्म चंद, समीर कश्यप, जितेन्द्र, कुलदीप, तिलक राज, कृष्ण चंद, हेम राज व अन्यों ने बताया कि आईपीएच विभाग के सीवरेज विंग की ओर से मुहल्ला में पानी की टंकी के नजदीक एक सीवरेज टैंक बनाया गया है। लेकिन यह टैंक आए दिन निकासी न होने के कारण गंदगी से भर जाता है। टैंक से निकलने वाली गंदगी सारी मुहल्ले में फैल जाती है। उन्होने बताया कि इस बारे में अनेकों बार विभाग और संबंधित ठेकेदार को उन्होने सूचित किया है। लेकिन इसे ठीक करने के बाद यह फिर से दूसरे या तीसरे दिन गंदगी से भर जाता है और इसमें शौच निकलनी शुरू हो जाती है। उन्होने बताया कि गंदगी सारे मुहल्ले में बिखर रही है। जिससे स्थानीय वासियों में अपने स्वास्थय को लेकर आशंका व्यापत है। उन्होने बताया कि इस टैंक से अगले टैंक के बीज में ज्यादा दूरी है। जिससे सीवरेज ठीक तरह से दूसरे टैंक तक नहीं पहुंच पाता। उन्होने मांग की है कि भगवाहन मुहल्ला चौक से आगे वाले टैंक के बीच में एक नये टैंक का निर्माण किया जाए। जिससे सीवरेज की निकासी ठीक ढंग से हो सके। उन्होने बताया कि डिभा बावडी के पास भी एक सीवरेज पाइप फट जाने के कारण गंदगी खुले में बिखर रही है। स्थानीय वासियों ने उपायुक्त मंडी से आग्रह किया है कि सीवरेज टैंक से लोगों को आए दिन हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं और भागवाहन मुहल्ला चौक के इस टैंक को जल्द से जल्द ठीक करने के निर्देश दिये जाएं।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...