मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश की मानना न करने पर फोरम ने वाहन विक्रेता कंपनी के प्रबंध निदेशक को छह माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में 3 जुलाई तक प्रबंध निदेशक की गिरफतारी के वारंट जारी कर उन्हे सजा के लिए तलब किया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने औट निवासी यादवेन्द्र शर्मा की इजराय याचिका पर आदेश जारी करते हुए लुणापानी स्थित वाहन विक्रेता कंपनी सतलुज मोजरस के प्रबंध निदेशक को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर याचिका के अनुसार उपभोक्ता यादवेंद्र शर्मा के पक्ष में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया था कि उक्त कंपनी उपभोक्ता को 448 रूपये अदा करे और उनके वाहन को ठीक हालत में वापिस लौटाए। इसके अलावा जितने दिन यह वाहन उक्त कंपनी के पास रहा उतने दिनों का 175 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ता के पक्ष में भुगतान किया जाए। जबकि कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने को कहा गया था। कंपनी ने फोरम के फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की थी। राज्य आयोग ने जिला उपभोक्त फोरम का फैसला सही करार देकर कंपनी की अपील को खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में फैसले को लागू करवाने के लिए इजराय याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान कंपनी ने वाहन को तो उपभोक्ता को लौटा दिया लेकिन न तो वाहन के दस्तावेज उन्हे मुहैया करवाए और न ही प्रतिदिन के हिसाब से अदा की जाने वाली राशी दी गई। फोरम की ओर से कंपनी को एक सप्ताह का समय देकर फैसले की मानना करने के निर्देश देकर मामले की सुनवाई 18 जून को सुनिश्चित की थी। लेकिन इसके बावजूद भी फैसले को लागू न करने पर फोरम ने कंपनी के एमडी को छह माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। फोरम ने एमडी की गिरफतारी का वारंट जारी करके उन्हे सजा भुगतने के लिए 3 जुलाई तक तलब करने के निर्देश जारी किये हैं।
Sunday, 22 June 2014
वाहन विक्रेता कंपनी के प्रबंध निदेशक को 6 माह कारावास की सजा
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश की मानना न करने पर फोरम ने वाहन विक्रेता कंपनी के प्रबंध निदेशक को छह माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में 3 जुलाई तक प्रबंध निदेशक की गिरफतारी के वारंट जारी कर उन्हे सजा के लिए तलब किया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने औट निवासी यादवेन्द्र शर्मा की इजराय याचिका पर आदेश जारी करते हुए लुणापानी स्थित वाहन विक्रेता कंपनी सतलुज मोजरस के प्रबंध निदेशक को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर याचिका के अनुसार उपभोक्ता यादवेंद्र शर्मा के पक्ष में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाया था कि उक्त कंपनी उपभोक्ता को 448 रूपये अदा करे और उनके वाहन को ठीक हालत में वापिस लौटाए। इसके अलावा जितने दिन यह वाहन उक्त कंपनी के पास रहा उतने दिनों का 175 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ता के पक्ष में भुगतान किया जाए। जबकि कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने को कहा गया था। कंपनी ने फोरम के फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की थी। राज्य आयोग ने जिला उपभोक्त फोरम का फैसला सही करार देकर कंपनी की अपील को खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में फैसले को लागू करवाने के लिए इजराय याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान कंपनी ने वाहन को तो उपभोक्ता को लौटा दिया लेकिन न तो वाहन के दस्तावेज उन्हे मुहैया करवाए और न ही प्रतिदिन के हिसाब से अदा की जाने वाली राशी दी गई। फोरम की ओर से कंपनी को एक सप्ताह का समय देकर फैसले की मानना करने के निर्देश देकर मामले की सुनवाई 18 जून को सुनिश्चित की थी। लेकिन इसके बावजूद भी फैसले को लागू न करने पर फोरम ने कंपनी के एमडी को छह माह के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। फोरम ने एमडी की गिरफतारी का वारंट जारी करके उन्हे सजा भुगतने के लिए 3 जुलाई तक तलब करने के निर्देश जारी किये हैं।
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