Sunday, 22 June 2014

7 मिनट में मौत के घाट उतारा था मनोज को


 मंडी। बल्ह क्षेत्र के बैहना गांव में प्रेमी की मदद से सुपारी देकर पति की हत्या करने का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। मामले की तहकीकात के दौरान कई अन्य अनसुल­झे मामलों के बारे में भी रहस्योदघाटन हो सकता है। आरोपियों से पुलिस को अभी भी बरामदगी और तहकीकात बाकि है जिसके चलते उनका पुलिस रिमांड अदालत ने तीन दिन तक बढाने के आदेश दिये हैं। इधर, बुधवार को पुलिस ने सात दिन के पुलिस रिमांड के बाद तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया। जहां पुलिस ने आरोपियों से तहकीकात और बरामदगी अभी शेष होने के कारण उनका पुलिस रिमांड बढाने की अर्जी पेश की गई। जिसे स्वीकारते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने अपने पति की हत्यारोपी पत्नी लता देवी, प्रेमी अमर सिंह और सुपारी कीलर सतीश कुमार शेट्टी को 13 जून तक पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि बल्ह थाना पुलिस ने बैहना गांव के टैक्सी चालक मनोज कुमार की हत्या का मामला विगत 28 मई को दर्ज किया था। जिसके चलते पुलिस ने 4 जून को उक्त तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया था। जिन्हे अदालत ने मामले की तहकीकात के लिए सात दिन के पुलिस रिमांड में भेजा था। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध कबूल किया है। बल्ह थाना प्रभारी मदन कुमार के अनुसार मनोज कुमार की पत्नी लता देवी और उसका प्रेमी अमर सिंह ऊर्फ पिल्लू पिछले करीब तीन महीनों से मनोज कुमार की हत्या की वारदात रच रहे थे। जबकि पंजाब का रहने वाला सतीश कुमार शेट्टी जो ऐसी वारदातों को पहले भी अंजाम दे चुका है उनके षडयंत्र में शामिल हुआ और मनोज की हत्या करने के लिए डेढ लाख रूपये की सुपारी ली। सारा कुछ सुनियोजित षडयंत्र था। जिसके मुताबिक 18-19 मई की रात को मनोज कुमार कब सोएगा। सोने पर लता देवी ईशारा करेगी। फिर दोनों घर में प्रवेश करेंगे। योजना के अनुसार दोनों घर में घुसे एक के हाथ में दराट और दूसरे के पास डंडा था। करीब पांच से सात मिनट में तीनों आरोपियों ने मनोज कुमार को मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद सुनियोजित ढंग से मृतक के शव को पहले पलास्टिक के लिफाफे में और फिर इसके बाद इसे बोरी में डाल दिया। आरोपियों ने मृतक की ही गाडी में यह बोरी डाल दी और इसमें पत्थर पैक कर दिये। रात के समय उन्होने मृतक के शव वाली बोरी को बग्गी से अढाई किलोमीटर आगे रौ पाली पुल से बीबीएमबी की नहर में फैंक दिया। मृतक मनोज कुमार टैक्सी ड्राईवर था और शिमला जाता रहता था। सबका ध्यान भटकाने के लिए आरोपी सुपारी कीलर शेट्टी ने सुनियोजित तरीके से मृतक की गाडी को शिमला में पार्क कर दिया। लेकिन यहीं पर उससे एक चूक हो गई। उसके मोबाईल पर यहां एक फोन काल आ गई। हालांकि इसके बाद उसने अपनी मोबाइल सिम को फैंक दिया। लेकिन यही फोन काल इस मामले का खुलासा करने के लिए अहम कडी बनी। जब पुलिस ने शक के आधार पर मामला दर्ज करके तहकीकात शुरू की तो शेट्टी की काल डिटेल की लोकेशन शिमला में मिली। जबकि वाहन भी शिमला से ही बरामद हुआ। पुलिस के आरोपियों से कडाई बरतने पर सारा मामला धागे की तरह सुल­झता चला गया। बहरहाल, पुलिस आरोपियों से गहरी पूछताछ और तहकीकात कर रही है। सुपारी कीलर की पैसे लेकर हत्या करने का खुलासा होने से कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी प्रकाश पड सकने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि मंडी के ए क्लास ठेकेदार टेकचंद का सेरी बाजार के भीड भरे इलाके से दिन दहाडे अपहरण हो गया था। जिसके बाद उनका शव करीब एक माह बाद सुंदरनगर झील से बरामद हुआ था। पुलिस ने इस मामले को फिलहाल अनसुलझा घोषित कर रखा है। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी शेट्टी से इन मामलों में संलिप्तता के बारे में भी गहनता से तहकीकात कर रही है। गौरतलब है देवभूमि हिमाचल प्रदेश की शांत सुरम्य वादियों में सुपारी किलिंग का अपनी तरह का यह पहला मामला होने के कारण लोगों में बहुत चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं पर लोग अब अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं। बुधवार को स्थानीय बैहना पंचायत के प्रधान प्रकाश चंद और महिला मंडल की अगुवाई में सैंकडों लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक से इस मामले की कडी जांच करने के मांग की है। उन्होने गांव में चल रहे अवैध शराब के धंधे को बंद करवाने की मांग की। उनका कहना था कि शराब माफिया के कारण ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। 

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