मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विद्युत बोर्ड को उपभोक्ता के घर में लो वोल्टेज और डिम लाईट की समस्या को 20 दिनों में सुलझाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का फैसला सुनाया है। फोरम ने उपभोक्ता को औसत से अधिक राशि के जारी किए गए बिलों को भी निरस्त करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर बोर्ड की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने भंगरोटू निवासी कश्मीर सिंह गुलेरिया पुत्र बेसर सिंह गुलेरिया की शिकायत को उचित मानते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सचिव, मंडी के मुखय अभियंता, बिलासपुर के अधीक्षण अभियंता, सुंदरनगर के कार्यकारी अभियंता और नेरचौक के एसडीओ राज रतन शर्मा के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया है। अधिवक्ता टी आर पठानिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार विद्युत बोर्ड की ओर से उपभोक्ता के घर में बिजली का मीटर लगाया गया था।
उपभोक्ता ने कई बार बोर्ड को प्रार्थना पत्र भेज कर लो वोल्टेज और डिम लाईट की परेशानी के बारे में अवगत करवाया था। इसके अलावा उपभोक्ता को औसत से अधिक बिजली का बिल जारी किया जा रहा था। जिसके चलते उपभोक्ता ने बोर्ड को कानूनी नोटिस जारी किया था। ऐसे में उनके घर का मीटर तो बदल दिया गया लेकिन वोल्टेज और डिम लाईट की समस्या तब भी बनी रही। ऐसे में बोर्ड की ओर से उनके घर में चैक मीटर लगाया गया था। मीटर चैक करने पर पता चला था कि यह खराब है और 5.264 प्रतिशत तेजी से चल रहा है।
बोर्ड के उपभोक्ता को जारी बिल की राशि अडजस्ट न करने के कारण उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड की ओर से माना गया है कि उपभोक्ता के घर में लगाये गये मीटर में खराबी है। उपभोक्ता की ओर से सूचना के अधिकार के तहत एकत्र जानकारी से भी जाहिर हुआ है कि उनके घर में लगाए मीटर में खराबी है। क्योंकि यह मीटर खराब है ऐसे में उपभोक्ता को जारी किये गए बिल सही नहीं कहे जा सकते।
जिसके चलते फोरम ने इन बिलों को निरस्त करने और औसत के आधार पर नये बिल जारी करने का फैसला सुनाया है। वहीं पर बोर्ड को उपभोक्ता के घर की लो वोल्टेज और डिम लाईट की समस्या को सुलझाने के लिए 20 दिनों में प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा बोर्ड की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले फोरम ने हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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