
मंडी। लोक निर्माण विभाग के सडक निर्माण से वादी के रिहायशी मकान में दरारें आने पर अदालत ने 2,72,000 रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश दिये हैं। यह हर्जाना राशि सभी प्रतिवादियों को संयुक्त रूप

से अदा करनी होगी। सिविल जज कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने उपतहसील कोटली के बनौण (खलाणु) निवासी सुख राम, प्रताप चंद, गीता देवी और चिंता देवी की ओर दायर किए गए दीवानी

मामले को सफल करार देते हुए प्रतिवादी प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग सचिव, अधीक्षण अभियंता मंडी वृत, कार्यकारी अभियंता डिविजन दो और ठेकेदार कश्मीर सिंह को उनके पक्ष में 2,72,000

रूपये हर्जाना संयुक्त रूप से अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता आर के चावला के माध्यम से अदालत में दायर इस दीवानी मामले के तथ्यों के अनुसार वादी की ईलाका तुंगल के माहन मुहाल में भूमि

और मकान है। मार्च 2003 में प्रतिवादी लोनिवि ने ठेकेदार के माध्यम से उनकी बनौण स्थित जमीन में से उनकी अनुपस्थिति में धजालवाण-खलाणु मार्ग का कार्य शुरू कर दिया। यह निर्माण कार्य जेसीबी

और बलास्टिंग करके पूरी तरह से अवैज्ञानिक ढंग से किया गया जिससे वादी के मकान में दरारें आने से नुकसान पहुंचा। यही नहीं इस सडक को निकालने के लिए न तो कोई सर्वे करवाया गया और न ही
उनसे इस बारे में सहमती ली गई। सडक निर्माण से हुए नुकसाई की भरपाई करने के लिए वादी पक्ष ने अदालत में यह दीवानी मुकद्दमा दायर किया था। अदालत ने दोनों पक्षों की विस्तार से सुनवाई के बाद अपना निर्णय देते हुए लोनिवि विभाग और ठेकेदार को वादी के मकान को पहुंचे नुकसान के लिए उतरदायी माना। जिसके चलते अदालत ने विभाग को संयुक्त रूप से वादी के पक्ष में उक्त हर्जाना राशि अदा करने का फैसला सुनाया है।
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