मंडी। चैक बाउंस के दो मामलों में अदालत ने आरोपियों को कारावास की सजा के फैसले सुनाये हैं। इसके अलावा उन्हे शिकायतकर्ताओं के पक्ष में हर्जाना राशि भी अदा करनी होगी। अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल के न्यायलय ने सदर तहसील के पंजेहट (तल्याहड) निवासी प्रेम राज परमार पुत्र नत्था सिंह की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर बैंक आफ बडौदा में बतौर
लिपिक तैनात चेत राम जसवाल पुत्र लीलाधर को तीन माह के साधारण कारावास और 90,000 रूपये हर्जाना राशि अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता कैलाश बहल के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने उधार चुकाने के लिए शिकायतकर्ता प्रेम राज को एक चैक जारी किया था। जब उन्होने इस चैक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने
के कारण यह बाउंस हो गया था। जिसके चलते शिकायतकर्ता ने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में शिकायत दायर की थी। इधर, एक अन्य मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने सदर तहसील के कोट (चुनाहण) निवासी मुरारी लाल पुत्र देवकी नंदन की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर भयारटा (चुनाहण) निवासी रूप लाल पुत्र बंगाली राम को
6 माह के साधारण कारावास और 40,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता नीरज शर्मा के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने मार्च 2013 में शिकायतकर्ता से पच्चीस हजार रूपये की राशि उधार ली थी। इस उधार को चुकाने के लिए आरोपी ने एक चैक जारी किया था। शिकायतकर्ता के चैक को भुगतान के लिए लगाने पर यह बाउंस हो गया। ऐसे में उन्होने
अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को 15 दिनों का नोटिस जारी करके भुगतान के लिए कहा था। लेकिन राशि अदा न करने पर उन्होने आरोपी के खिलाफ अदालत में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियोग चलाया था। अदालतों ने इन शिकायतों के फैसलों में कहा कि शिकायतकर्ताओं की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुए हैं। जिसके
चलते आरोपियों को उक्त कारावास की सजा और हर्जाना राशि अदा करने के फैसले सुनाए गए हैं।
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