Friday, 12 June 2015

ट्रिब्यूनल ने कृषि विभाग कर्मी के सेवा संबंधी लाभ देने का फैसला सुनाया


मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने कृषि विभाग के कर्मी को तीन माह के भीतर सभी सेवा संबंधी लाभ देने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने याचिका की पहली सुनवाई में ही इस मामले को फैसले के उपयुक्त मानते हुए विभाग को उक्त आदेश जारी किये हैं। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टीस वी के शर्मा ने याचिकाकर्ता राम लाल के पक्ष में प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के प्रधान सचिव, भू संरक्षण के निदेशक और सेंटर जोन के मंडलीय अभियंता को आदेश देते हुए कर्मी को सभी सेवा संबंधी लाभ तीन माह में जारी करने का फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता विभाग में चालीस साल के कार्यकाल के बाद बतौर जूनियर टैक्निशियन के पद से विगत 30 मार्च को सेवानिवृत हुआ था। इस मामले के तथ्यों के अनुसार याचिकाकर्ता कृषि विभाग में 18 फरवरी 1975 में बतौर मशीन मैन तैनात हुआ था। साल 1977 में याचिकाकर्ता तथा अन्यों को हिमाचल प्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन लिमिटेड को स्थानांतरित कर दिया गया। सरकार के आदेश पर 31 मार्च 1994 को उन्हे फिर से कृषि विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन याचिकाकर्ता को शुरूआती नियुक्ती से सेवा संबंधी लाभ नहीं दिये गए और विभाग में उनकी नियुक्ति की तारीख 17 सितंबर 1996 दर्शायी गई। विभाग को कई बार अनुरोध करने के बावजूद भी याचिकाकर्ता को नियुक्ति से सेवा संबंधी लाभ न मिल पाने के कारण उन्होने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। ट्रिब्यूनल ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह माना कि इस मामले में विभाग की ओर से जवाब पेश करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि विभाग की ओर से स्वीकार किए गए सभी दस्तावेज याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ संलगन किए हैं। ऐसे में ट्रिब्यूनल ने याचिका की पहली सुनवाई में ही विभाग को याचिकाकर्ता के पक्ष में तीन माह के भीतर सभी सेवा संबंधी लाभ उनकी शुरूआती नियुक्ति के समय से देने का फैसला सुनाया है।
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