Saturday, 20 June 2015

शांत वादियों में घुला हिंसा का ज़हर


मंडी। हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों में अब हिंसा का जहर घुलना शुरू हो गया है। ठेकेदारी प्रथा की विकृतियों का एक और वीभत्स मंज्ज़र शनिवार सुबह जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर निर्माणाधीन आईआईटी कमांद परिसर में सामने आया है। पिछले दो माह से अपनी मांगों को लेकर शांतीपूर्वक हडताल कर रहे सीटू के मजदूरों पर ठेकेदार के बाउंसरों ने रिवालवर से ताबडतोड गोलीयां बरसा दी। इस गोलीबारी में तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना के उबाल से मजदूरों और स्थानीय वासियों ने प्रतिक्रिया स्वरूप कुछ वाहनों को जला दिया। भीड के जलाए गए एक वाहन में से जली हुई पिस्तौल भी मिली है। पुलिस के मुताबिक करीब 250 लोगों की भीड ने बाउंसरों का पीछा किया। यह बाउंसर नाले और खेत की ओर दौड रहे थे। भीड ने उनमें से दो को काबू करके पीट-पीट कर मौका पर मृत कर दिया। जबकि दो अन्यों ने पहाडियों से नालों में छलांगे लगा दी जिससे उनकी मौत हो गई। कुल नौ बाउंसरों में से चार की मौत हो गई है जबकि पांच अन्य उपचाराधीन हैं। इधर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की मंडी जिला इकाई ने इस घटना की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।
पिक्चर-एक्सप्रैस फोटो से साभार

आईआईटी कमांद एक साल बाद...
एक साल बाद के हालात यह हैं कि करीब डेढ दर्जन मजदूर व सीटू नेता कामरेड परस राम व राजेश अभी भी जेल में हैं। हालांकि सीटू नेता उस दिन मौका स्थल पर मौजूद भी नहीं थे। इसके अलावा जिन मजदूरों को बाउंसरों की गोलियों ने घायल किया उन्हें भी जमानत नहीं मिल पा रही है। सिर्फ दो महिलाओं को ही जमानत मिली है। यह केस अदालत में विचाराधीन है। जबकि बाउंसरों का केस भी लंबित है लेकिन वह जमानत पर छूट जाने के बाद आलिशान कारों में पेशी के लिए आते हैं। इधर, आईआईटी कमांद के मजदूरों के इपीएफ समेत अन्य समस्याएं अभी तक सुलझ नहीं सकी हैं,,
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