मंडी। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बस में एसी और विडियो न चलने को सेवाओं में कमी करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 10,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 2,000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्या और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने पुरानी मंडी निवासी टेक चंद शर्मा पुत्र पुर्ण चंद की शिकायत को उचित मानते हुए हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक और कुल्लू के आरएम को उपभोक्ता के पक्ष में दस हजार हर्जाना और दो हजार रूपये शिकातय व्यय के रूप में अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता कैलाश बहल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता टेक चंद शर्मा की पत्नी मनोरमा शर्मा मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हैं। उनके उपचार के सिलसिले में उपभोक्ता को नियमित रूप से आईजीएमसी शिमला जाना पडता है। इसी के चलते उपभोक्ता 18 दिसंबर 2013 को परिवहन निगम की एसी बस में मंडी से शिमला के लिए रवाना हुए। उपभोक्ता ने दो टिकट 480 रूपये में खरीदे। उस दिन बेहद ठंड थी जिसके कारण उन्होने बस के चालक-परिचालक से एयर कंडीशर व हीटर का स्वीच आन करने को कहा। लेकिन एसी कार्य नहीं कर रहा था। जबकि बस में लगा एलईडी विडियो भी काम नहीं कर रहा था। बस का फस्र्ट एड बाक्स खाली पडा था और बस के दरवाजे के शोर से शांति भंग हो रही थी। उपभोक्ता ने हराबाग के नजदीक पहुंचने पर परिचालक से शिकायत रजिस्टर लॉग बुक मांग कर इसके पेज नंबर 17 में शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद उपभोक्ता ने निगम की सेवाओं में कमी के चलते फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि शिकायत को साबित करने के लिए उपभोक्ता और उनकी पत्नी के शपथ पत्र, टिकट और उपचार संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किये गए। जबकि निगम की ओर से आरएम ढली की ओर से एक शपथ पत्र दायर किया गया। जिसमें उन्होने माना कि लॉग बुक में शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन निगम यह साबित नहीं कर सका कि एसी व विडियो कार्य कर रहे थे। जिसके चलते फोरम ने निगम को सेवाओं में कमी का दोषी करार देते हुए उनकी कार्यप्रणाली के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया है।
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