मंडी। ऐतिहासिक नगरी छोटी काशी मंडी में टीसीपी कानून के अनुसार न बने छोटे भवनों को नियमित करने के लिए मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह से मांग की गई है। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) की बैठक शुक्रवार को यहां के भूतनाथ मंदिर परिसर में आयोजित हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि एक बार फिर से मकानों के नियमितिकरण के सिलसिले में प्रदेश सरकार को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया जाए। इस बैठक में समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, महासचिव चंद्रमणी वर्मा, सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार, लवण ठाकुर, जे एन शर्मा, बलवंत गुलेरिया, रमेश वालिया, के के महाजन, नरपत राणा, तिलक राज तथा मान सिंह ठाकुर सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। संघर्ष समिति के अनुसार इस पुराने शहर के मकानों को नियमित करने के लिए इससे पहले भी अनेकों बार प्रस्ताव पारित करके प्रदेश सरकार को प्रेषित किए गए हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही धरातल पर नहीं आ सकी है। जबकि मंडी शहर के लोग बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो शरणार्थियों की तरह जीवन बसर करने को मजबूर हैं। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार इस समस्या के निदान के लिए सामने नहीं आ रही है। कई आश्वासनों के बावजूद भी सरकार की ओर से इन भवनों के नियमितिकरण को लेकर अभी तक कोई एकमुश्त नियमितिकरण की पालिसी सामने नहीं आ पाई है। दिसंबर 2014 में बनाए गए टीसीपी नियमों का फायदा बडे बिल्डरों को हो रहा है जबकि 200 वर्ग मीटर से छोटे भूमि के पलाट मालिकों और छोटे मकानों को इनसे कोई लाभ नहीं है। समिति को यह भी पता चला है कि पैसे वाले और प्रभावशाली लोग टीसीपी नियमों के मुताबिक भवन न बनाने के बावजूद भी पानी-बिजली के कुनेक्शन की सुविधा ले रहे हैं जबकि आम नागरिकों को वंचित रखा गया है। समिति का कहना है कि अनेकों बार आग्रह करने के बावजूद एक बार फिर से प्रदेश सरकार को इस समस्या के निराकरण के लिए आग्रह किया जा रहा है। समिति ने ज्ञापन प्रेषित करके मांग की है कि इस बारे में जल्द से जल्द पालिसी लाकर छोटे भवनों का नियमितिकरण किया जाए। समिति के मीडिया प्रभारी समीर कश्यप ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि इस संघर्ष को आगे बढाते हुए प्रदेश सरकार के मुखयमंत्री, सांसदों व विधायकों को सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंप कर आम नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं जल्द-2 अंतरिम राहत के तौर पर मुहैया करवाने के लिए आग्रह किया जाएगा।
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