मंडी। हरियाणा की पंचकूला जिला अदालत ने मंडी से संबंध रखने वाले भगौडे अपराधी ठेकेदार को सात दिनों के भीतर अधिनस्थ न्यायलय के समक्ष सरेंडर करने के आदेश दिये हैं। इसके अलावा अदालत ने भगौडा अपराधी होने पर भादंस के तहत भी कार्यवाही करने के निचली अदालत को निर्देश दिये हैं। जिला एवं सत्र न्यायधीश पंचकूला रवि कुमार सोंधी के न्यायलय ने मंडी के भराडू (जोगिन्द्रनगर) निवासी ठेकेदार संजीव भंडारी की याचिका को निरस्त करते हुए उसे सात दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं। इस मामले के तथ्यों के अनुसार उक्त ठेकेदार ने अर्थ मूविंग मशीनरी खरीदने के लिए पंचकूला निवासी विवेक महाजन को एक जारी किया था। लेकिन चैक के बाउंस हो जाने पर उन्होने आरोपी को 15 दिनों का कानूनी नोटिस जारी किया था। राशि अदा न करने पर उन्होने अदालत में निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 की तहत शिकायत दायर की थी। अदालत ने शिकायत पर संज्ञान लेकर आरोपी को जमानती और गैर जमानती वारंट भेज कर तलब किया था। आरोपी के अदालत में पेश न होने के कारण उसे 19 अगस्त 2014 को भगौडा अपराधी घोषित कर दिया गया था। ऐसे में आरोपी ने इस आदेश को जिला एवं सत्र न्यायलय में चुनौती दी थी। जिला एवं सत्र न्यायलय ने अपने फैसले में कहा कि तथ्यों से जाहिर होता है कि आरोपी जानबूझ कर अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ है। जिसके चलते उसे उचित ही भगौडा अपराधी घोषित किया गया था। अदालत ने कहा कि मामले के रिकार्ड से जाहिर होता है कि भगौडा अपराधी घोषित करने के बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से संबंधित थाना को इस बारे में भादंस की धारा 174-सी के तहत मामला दर्ज करने के बारे में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। हालांकि उच्च न्यायलय ने इस बारे में सपष्ट निर्देश जारी किये हैं। ऐसे में अदालत ने ट्रायल कोर्ट को भी निर्देश दिये हैं कि उच्च न्यायलय के आदेश के तहत आरोपी के खिलाफ भगौडा अपराधी होने के बारे में भादंस के तहत कार्यवाही अमल में लायी जाए।
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