
मनाली को ऋषियों, विद्वानों और युग निर्माताओं ने अपनी तप व साधना स्थली बनाया है। यहां के खूबसूरत वातावरण से ऊर्जा पा कर उन्होने देश व समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया है। हिमाचल प्रदेश के पहले संस्कृति मंत्री व कूल्लूत देश की कहानी के लेखक लाल चंद प्रार्थी ने पुस्तक के आरंभ में लिखा है कि जब पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार छुट्टी करने को कहा गया तो उन्हे दुनिया भर के पर्यटन स्थलों के बारे में कहा गया। लेकिन उन्होने मनाली में छुटि्टयां बिताने का निर्णय लिया। इसके बाद भी कई बार वह मनाली आए और 1962 में चीन युद्ध के दौरान उन्होने देश की सरकार लॉग हट से ही चलाई थी। रूस के अंबैसडर और प्रसिद्ध पेंटर रोरिक से उनकी गहन दोस्ती थी और उनके पास नगर भी अक्सर जाते थे। देश के एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मनाली के नजदीक प्रीणी गांव को अपना घर बनाया है।
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