मंडी। चंडीगढ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर मंडी से करीब 35 किमी दूर थलौट के पास स्थित हादसा स्थल अभी भी सुरक्षित नहीं है। गत वर्ष 8 जून को यहां पर व्यास नदी के जल में पर्यटन का आनंद उठा रहे हैदराबाद के इंजिनयरिंग कालेज के 24 इंजिनियरों सहित 25 लोग लारजी बांध के फ्लैश फ्लड की चपेट में आकर बह गए थे। घटना के बाद यहां पर राजमार्ग को तारों से सील करके नदी तट तक पहुंच रोक दी गई है। लेकिन स्थल से ही करीब 50 मीटर दूर खनन माफिया ने राजमार्ग से नदी तट के लिए सडक बना दी है। वैसे तो यहां भी राजमार्ग तारों से सील है। लेकिन राजमार्ग के पैरापिट के बाहर तारें नदारद हैं और इसी रास्ते नदी से रेत लाया जाता है। जो वाहनों में भर कर बिकने के लिेए जाता है। रेत के कारोबार में अवैध खनन तो जारी ही है बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी नुकसानदेह साबित हो जाता है। गत वर्ष के हादसे में भी अवैध खनन के लिए राजमार्ग से बनाई गई लिंक सडक ने पर्यटकों को नदी तट तक पहुंचने की राह दिखलाई थी। अगर राजमार्ग से नदी तट तक लिंक रोड नहीं होता तो शायद युवा इंजिनियरों को अपनी जान से हाथ न धोना पडता। गत वर्ष के बेहद दुखद हादसे की पुनरावृति होने से रोकने के लिए सरकार को खनन माफिया द्वारा बनाई गई ऐसी तमाम सडकों और रास्तों को ठीक तरह से बंद करना चाहिए। जिससे पर्यटक नदी तट तक न पहुंच सकें और उन्हें असुरक्षित पर्यटन के संभावित खतरों से बचाया जा सके।
...sameermandi.blogspot.com
No comments:
Post a Comment