मंडी। खराब टेलीफोन को बदलने में देरी बीएसएनएल को उस समय महंगी साबित हुई जब जिला उपभोक्ता फोरम ने उन्हे उपभोक्ता के पक्ष में 5000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा बीएसएनएल को उपभोक्ता के पक्ष में 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी के समखेतर निवासी लवण ठाकुर पुत्र नरपत राम की शिकायत को उचित मानते हुए बीएसएनएल के मंडी सर्किल के महाप्रबंधक और एसडीओ फोन को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया है। फोरम ने महाप्रबंधक को आरंभ में उक्त राशि का भुगतान करने के बाद इस मामले की जांच बिठा कर देरी के दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों से वसूली करने के निर्देश दिये हैं। अपनी शिकायत की पैरवी खुद कर रहे उपभोक्ता लवण ठाकुर का कहना था कि वह बीएसएनएल की टेलीफोन सेवा का कई सालों से प्रयोग कर रहे हैं। बीएसएनएल की ओर से उन्हे दिये गए टेलीफोन सेट में कुछ खराबी आने के कारण यह ठीक ढंग से कार्य नहीं कर रहा था। उपभोक्ता ने बीएसएनएल के पास इस बारे में शिकायत की थी। बीएसएनएल के लाइनमैन ने सैट को देखकर इसे बदलने के लिए एसडीओ फोन से संपर्क करने को कहा। ऐेसे में उपभोक्ता ने अपना खराब सेट एसडीओ को सौंपा, लेकिन उन्होने नया सेट देने के बजाय एक पुराना सेट उपभोक्ता को दिया। उपभोक्ता का कहना था कि वह छह महिने तक बीएसएनएल से नया सेट देने के लिए आग्रह करते रहे। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता ने 17 अगस्त 2015 को यह शिकायत दायर की थी। लेकिन अभी तक बीएसएनएल उपभोक्ता के खराब फोन को बदल कर खराबी रहित सेट देने के बारे में कोई ध्यान नहीं दे रहा है जो उनकी सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने बीएसएनएल को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया है।
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