सेवानिवृत कंडक्टर के ओवर टाइम भत्ते छह माह में देने के दिए आदेश
मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने परिवहन निगम को सेवानिवृत कंडक्टर के ओवरटाइम भते छह माह में अदा करने का फैसला सुनाया है। उक्त अवधि में अदायगी न करने पर निगम को यह भुगतान छह प्रतिशत ब्याज दर सहित करना होगा। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमुर्ति वी के शर्मा और प्रशासनिक सदस्य प्रेम कुमार ने परिवहन निगम के कुल्लू क्षेत्र से बतौर कंडक्टर सेवानिवृत हुए पधर तहसील के उरला निवासी सुदर्शन कुमार की याचिका को स्वीकारते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक और क्षेत्रिय प्रबंधक कुल्लू को ओवरटाइम भत्ते की अदायगी का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता एस पी चट्टर्जी के माध्यम से ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता ने अपने सेवाकाल के दौरान 3682 घंटों का ओवरटाइम किया था। परिवहन निगम से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त हुई जानकारी में निगम ने याचिकाकर्ता द्वारा ओवरटाइम करने की बात को स्वीकार किया था। लेकिन निगम ने ओवरटाइम की अदायगी करने से इस आधार पर इंकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता के सेवाकाल के दौरान बस दुर्घटना घटित हुई थी। जिसके चलते निगम ने याचिकाकर्ता को साधारण बसों की बजाय दिल्ली जाने वाली डीलक्स बसों में ओवरटाइम की राशि नहीं देने की शर्त पर नियुक्त किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर अधिनियम की धारा 26 के तहत ओवरटाइम के लिए अतिरिक्त भत्ते के प्रावधान को निगम ने नजरअंदाज किया है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि उक्त अधिनियम की धारा 37 के वैधानिक प्रावधानों के अमल को रोका नहीं जा सकता। ऐसे में ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए परिवहन निगम को याचिकाकर्ता के पक्ष में ओवरटाइम के भत्ते 6 माह में अदा करने के निर्देश जारी किये हैं। उक्त अवधि में भत्तों का भुगतान नहीं करने पर निगम को यह राशि 6 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करनी होगी।
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