मंडी। पंचायती राज संस्थाओं को सुशासन की वास्तविक ईकाई बनाने के लिए दो दशक पहले से लागू 73वां संविधान संशोधन इसकी आत्मा के अनुरूप क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। असलियत यह है कि इन संस्थाओं को मजबूत बनाने के बजाय इन पर एक सुनियोजित हमला करके इन्हें पंगु बनाया जा रहा है। संस्थाओं पर हो रहे इन हमलों से प्रदेश के पंचायती राज प्रतिनिधियों में भारी रोष है। जिला परिषद के सदस्य श्याम सिंह चौहान, भूपेन्द्र सिंह और संत राम ने पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने के लिए मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल को ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्होने बताया कि हाल ही में प्रदेश में हमारी-पंचायत-हमारी योजना को पंचायती राज संस्थाओं में लागू किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की 14वें वित आयोग व अनय मदों से प्राप्त राशि के धन आबंटन के लिए इस योजना को लागू किया जा रहा है। जिला परिषद सदस्यों ने बताया कि इस योजना में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका का पूरी तरह से अव्मूल्यन किया गया है। इस योजना के तहत ग्राम-पंचायत स्तर की सहभागी विकास योजनाएं तैयार करने के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन इन दिशा निर्देशों में पंचायती राज की विभिन्न तीन स्तरीय (थ्री टायर) संस्थाओं की भूमिका की जानबूझ कर अनदेखी व अवहेलना की गई है। उन्होने कहा कि योजना को सुचारू रूप से लागू करने में सबसे ज्यादा भागीदारी पंचायती राज के प्रतिनिधियों की होनी चाहिए। लेकिन इसके ठीक उलट योजना को लागू करने में सबसे ज्यादा एहमियत नौकरशाही व अफसरशाही को दी गयी है। जो साफ तौर पर पंचायतीराज प्रतिनिधियों को पंगु बनाने की एक सुनियोजित षडयंत्र है। उन्होने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन में उप-ग्राम सभा से लेकर जिला-परिषद तक का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इसके अलावा विभिन्न 15 विभाग जो पंचायती राज संस्थाओं के अधीन किये गए हैं उनकी कार्य-योजना के बारे में भी इस योजना में कोई उल्लेख नहीं है। उन्होने कहा कि पंचायती राज विभाग के मंत्री और अफसरान, नियम और कानूनों की आड़ में इन संस्थाओं को शक्ति-विहीन कर के बार-बार नीचा दिखाने की अलोकतांत्रिक कोशिश कर रहे हैं। जिला परिषद सदस्यों ने बताया कि योजना निर्माण में संस्थाओं के प्रतिनिधियों और जनता की सहभागिता नहीं होने से जनता के धन की बर्बादी होगी और अव्यवहारिक विकास योजनायों को बढ़ावा मिलेगा। जिससे जनता के पैसे का दुरूपयोग होगा। उन्होने मांग की है कि हमारी पंचायत-हमारी योजना को लागू करने में उप-ग्राम-सभा से लेकर जिला परिषद तक की संस्थाओं की भूमिका सुनिश्चित की जाए और 15 विभागों, सांसद, विधायक निधि तथा तमाम मदों की धन राशि का आबंटन भी हमारी पंचायत-हमारी योजना के तहत किया जाए।
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