मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने शिक्षा विभाग से सेवानिवृत मुखयाध्यापिका के पक्ष में लंबित वेतन अदा करने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमुर्ति वी के शर्मा तथा प्रशासनिक सदस्य प्रेम कुमार की बेंच ने मंडी सर्किट के दौरान सुनाये फैसले में सेवानिवृत मुखयाध्यापिका एकांत प्रिया की याचिका को स्वीकारते हुए शिक्षा विभाग के सचिव, निदेशक, उपनिदेशक मंडी और बीपीई पधर को याचिकाकर्ता का तीन सप्ताह का लंबित वेतन 31 मई तक अदा करने का फैसला सुनाया है। ऐसा करने में असफल रहने पर अधिकारियों की व्यक्तिगत जिममेवारी सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिये हैं। याचिकाकर्ता एकांत प्रिया शिक्षा विभाग से 31 मार्च 2014 को मुखयाध्यापिका के पद पर सेवानिवानिवृत हुई थी। सेवाकाल के दौरान साल 2011 में उनका तबादला राजकीय प्राथमिक स्कूल चैल चौक से मझवाट (च्युणी) को हुआ था। इसके बाद मुखयाध्यापिका को छियागला में अडजस्ट किया गया था। याचिकाकर्ता कुछ समय पर मेडिकल लीव पर रही और बाद में उन्होने अडजस्ट किए गए स्टेशन में ज्वाइन किया। लेकिन उन्हें बार-2 प्रार्थना करने के बावजूद तीन सप्ताह का वेतन नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता ने विभाग को इस बाबत नोटिस भी दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी लंबित वेतन न मिल पाने के कारण उन्होने अधिवक्ता एस पी परमार के माध्यम से ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। ट्रिब्यूनल ने याचिका को सुनवाई के बाद इसे एडमिट करते हुए शिक्षा विभाग को छह सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दायर करने के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा विभाग को याचिकाकर्ता का तीन सप्ताह का वेतन 31 मई तक अदा करने के निर्देश दिये हैं। ऐसा न करने पर शिक्षा विभाग को संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिममेवारी सुनिश्चित करने के भी ट्रिब्यूनल ने आदेश दिये हैं।
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