मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा निगम को
उपभोक्ता
के पक्ष में 2,65,406 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के कारण
उपभोक्ता
को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी के जेलरोड निवासी मोहिन्द्र द्विवेदी पुत्र रामरखा मल की शिकायत को उचित मानते हुए जीवन बीमा निगम को उक्त मुआवजा राशि की अदायगी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता सतीश कौशल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 19 सितंबर 2011 को निगम से जीवन आरोग्य बीमा पालिसी खरीदी थी। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता बीमार हो गए और उन्हे उपचार के लिए मांडव अस्पताल में भरती करवाया गया। जहां से उन्हे बाद में मोहाली स्थित फोरटीस अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। फोरटीस में आपरेशन के बाद उनके शरीर में स्टेंटस डाले गए। उपभोक्ता ने अपने उपचार संबंधी तमाम दस्तावेज और बिल निगम को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन निगम की ओर से उन्हे मात्र 5000 रूपये का मुआवजा प्रेषित किया गया। जिसे स्वीकारने में इंकार करके उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। निगम का शिकायत के जवाब में कहना था कि पालिसी की शर्तों के मुताबिक शरीर में दो स्टेंटस डालने के बाद ही मुआवजा दिया जा सकता था जबकि उपभोक्ता के शरीर में केवल एक ही स्टेंट डाला गया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि पालिसी की शर्तों में इस बात कहीं जिक्र नहीं है जिसकी दलील निगम की ओर से दी जा रही है। ऐसे में फोरम ने निगम द्वारा उपभोक्ता को मुआवजा राशि जारी न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। जबकि निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। Saturday, 29 March 2014
बीमा निगम को 2,65,406 रूपये अदा करने के आदेश
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा निगम को
उपभोक्ता
के पक्ष में 2,65,406 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के कारण
उपभोक्ता
को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी के जेलरोड निवासी मोहिन्द्र द्विवेदी पुत्र रामरखा मल की शिकायत को उचित मानते हुए जीवन बीमा निगम को उक्त मुआवजा राशि की अदायगी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता सतीश कौशल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 19 सितंबर 2011 को निगम से जीवन आरोग्य बीमा पालिसी खरीदी थी। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता बीमार हो गए और उन्हे उपचार के लिए मांडव अस्पताल में भरती करवाया गया। जहां से उन्हे बाद में मोहाली स्थित फोरटीस अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। फोरटीस में आपरेशन के बाद उनके शरीर में स्टेंटस डाले गए। उपभोक्ता ने अपने उपचार संबंधी तमाम दस्तावेज और बिल निगम को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन निगम की ओर से उन्हे मात्र 5000 रूपये का मुआवजा प्रेषित किया गया। जिसे स्वीकारने में इंकार करके उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। निगम का शिकायत के जवाब में कहना था कि पालिसी की शर्तों के मुताबिक शरीर में दो स्टेंटस डालने के बाद ही मुआवजा दिया जा सकता था जबकि उपभोक्ता के शरीर में केवल एक ही स्टेंट डाला गया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि पालिसी की शर्तों में इस बात कहीं जिक्र नहीं है जिसकी दलील निगम की ओर से दी जा रही है। ऐसे में फोरम ने निगम द्वारा उपभोक्ता को मुआवजा राशि जारी न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। जबकि निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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