मंडी। हिमाचल की शांत सुरम्य वादियां अब नशे की गिरफ्त में जकडती जा रही हैं। सरकार की विभिन्न एजेसियों द्वारा रोकथाम और जागरूकता के अनेकों अभियानों के बावजूद मंडी जिला में तस्करी के मामलों में इस साल के दो महिनों में ही 100 फीसदी से भी अधिक बढौतरी हुई है। यह आंकडा चौंकाने वाला है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस साल फरवरी माह तक एनडीपीए के 49 मामले दर्ज किये जा चुके हैं। साल 2013 में 82 और 2012 में 63 मामले पंजीकृत कर इनमें करीब 76 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी। साल 2012 में जहां 82 आरोपियों को हिरासत में लिया गया था वहीं 2013 में 100 आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई थी। लेकिन 2014 के आंकडे रिकार्ड तोडने वाले हैं। इस साल के मात्र दो माह में ही एनडीपीएस के मामलों में करीब 100 फीसदी से भी अधिक बढौतरी दर्ज की गई है और 49 मामलों में 72 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। वहीं पर इस वर्ष दर्ज किये गए मामलों में नशीले पदार्थ की मात्रा में भी बढौतरी हुई है। जहां साल 2012 में 34 किलो चरस और 265 ग्राम अफीम तथा साल 2013 में 50 किलो चरस और 450 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। लेकिन 2014 के मात्र दो महीनों में ही पुलिस ने 44 किलो चरस और दो किलो अफीम बरामद कर ली गई है। जिला पुलिस अधीक्षक आर एस नेगी का भी मानना है कि नशे का सेवन करने वालों की संख्या में बढौतरी हुई है। उनके अनुसार नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों नशा हासिल करने के लिए चोरी व अन्य अपराधों को भी अंजाम देते हैं। ऐसे में तस्करों की धरपकड जरूरी हो जाती है। इसके अलावा नशे के कारोबार में लगे लोगों की फाइनेंशियल इन्वेसटिगेशन भी की जा रही है। जिससे नशे के कारोबार के काले धंधे से कमाई गई संपति को कब्जे में लिया जा सके। उन्होने बताया कि यह देखने में आया है कि ढाबों, करियाना दुकानों और होटलों में नशे की सप्लाई की जा रही है। जिससे युवा पीढी बर्बाद हो रही है। उन्होने बताया कि अप्रैल महीने में नशे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसी सिलसिले में जंजैहली, थुनाग में मिनी मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस ने जिला भर में निगरानी अभियान को सघन रूप से चलाया हुआ है। पुलिस की चौकसी और माफिया पर शिकंजा कसने के कारण आरोपियों की धरपकड में बढौतरी हुई है।
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