मंडी। चैक बाउंस के एक मामले में अदालत ने आरोपी को एक साल के साधारण कारावास और 1,24,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह के न्यायलय ने सदर उपमंडल के गुटकर निवासी गुरप्रीत सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह की शिकायत पर चलाए गए अभियोग में चडयाणा (दुदर) स्थित मैसर्ज बाबा नमकीन इंडस्ट्री के राम लाल पुत्र सुंका राम को एक साल के साधारण कारावास और 1,24,000 रूपये हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होने अपने गुटकर स्थित भवन के भूतल को आरोपी को नमकीन इंडस्ट्री शुरू करने के लिए किराए पर दिया था। आरोपी ने भवन के किराए के बदले उन्हे एक चैक जारी किया था। लेकिन आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था। ऐसे में शिकायतकर्ता ने आरोपी को कानूनी नोटिस जारी किया था। लेकिन आरोपी ने न तो नोटिस का जवाब दिया न ही उन्होने राशि की अदायगी की। ऐसे में शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
इधर एक अन्य चैक बाउंस के मामले में अदालत ने एक आरोपी को एक साल के साधारण कारावास और 3,56,225 रूपये हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह के न्यायलय ने स्टेट बैंक आफ पटियाला मंडी शाखा की शिकायत को उचित मानते हुए गुटकर निवासी प्रदीप कुमार शर्मा पुत्र हेम चंद शर्मा को एक साल के साधारण कारावास और 3,56,225 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता किरण नरूला के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने बैंक से पर्सनल लोन लिया था। लोन की राशि को लौटाने के लिए उन्होने बैंक को चैक दिया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था। ऐसे में बैंक ने अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण माना कि आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया।
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