Wednesday, 27 August 2014

भौर में दिनदहाड़े महिला का मकान तोड़कर लूटे 50 हजार


मंडी। सुंदरनगर तहसील के भौर (कनैड) गांव में अदालत के स्थगनादेश के बावजूद एक महिला का मकान दिनदिहाडे तोड दिया गया। मकान तोडने आए लोग इसका मलबा व अन्य सामग्री भी अपने साथ ले गये। यही नहीं मकान में रखा गया सामान और नकदी भी इन लोगों ने लूट ली है। हालांकि महिला ने सुंदरनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। लेकिन महिला ने इस मामले की निष्पक्ष अधिकारियों से उच्चस्तरीय जांच करवाने और अन्वेषण अधिकारी को बदलने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है। तहसील के भरडवाण (कनैड) गांव की नागरू देवी पत्नी सवारू राम ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि बीते कल करीब 11 बजे जब वह भौर गांव में स्थित अपने मकान के टुटे हुए हिस्से को ठीक करवा रही थी तो आरोपी मौका पर आए और पहले उसके साथ डंडों से मारपीट की। इसके बाद उक्त लोगों ने उसके एक पक्के कमरे के मकान को उखाड दिया और इसकी सारी सामग्री गाडी में डाल कर ले गए। यही नहीं आरोपियों ने मकान में रखी चारपाई, बिस्तर, बर्तन और ठेकेदार को देने के लिए रखे 50 हजार रूपये भी लूट लिये। घटना के बाद नागरू देवी घायल अवस्था में सुंदरनगर पुलिस थाना में पहुंची। नागरू देवी ने आरोप लगाया है कि थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर कोई रूचि नहीं दिखाई और करीब अढ़ाई घंटों के बाद उसका मामला साधारण धाराओं के तहत दर्ज किया। जिससे महिला को संदेह है कि पुलिस की आरोपियों से मिलीभगत है। नागरू देवी के अनुसार उसका भौर गांव में तीन कमरों का मकान था। जिनमें से दो कमरे पकी इंटों के और एक कमरा टीन की चादरों से निर्मित किया था। इस मकान में वह करीब तीन सालों से रह रही थी और चाय आदि बेचकर अपना निर्वाह कर रही थी। जबकि आरोपी गण इस जमीन पर अपना हक जमाते हैं। जिसके चलते आरोपियों ने पहले भी 29 नवंबर 2013 को उसके मकान का एक पक्का कमरा और टीन शेड वाला कमरा जेसीबी लगाकर उखाड दिया था। जिस बारे में सुंदरनगर थाना में प्राथमिक भी दर्ज की है। नारदू देवी ने बताया कि आरोपी गणों के उनकी भूमि पर हस्ताक्षेप को रोकने के लिए उन्होने सिविल जज (सीनीयर डिविजन) सुंदरनगर के न्यायलय में दिवानी मुकद्दमा किया है। इस मामले में अदालत ने प्रतिवादियों को इस भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने और इसकी प्रकृति को न बदलने के आदेश दिये हैं। लेकिन आरोपियों ने यथास्थिति के आदेशों की अवमानना कर बीते कल उनके मकान के बचे हुए एक कमरे को भी उखाड दिया है। महिला का कहना है कि हालांकि पुलिस ने बीते कल के घटनाक्रम पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। लेकिन पुलिस ने आरोपियों को बचाने की मंशा से साधारण धाराएं लगाई हैं। उन्होने जिला पुलिस अधीक्षक को इस मामले के अन्वेषण अधिकारी को बदलने और इसकी जांच किसी उच्चस्तरीय निष्पक्ष अधिकारी से करवाने की मांग की है।

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