मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को पांच साल के कठोर कारावास और 50 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने जिला कुल्लू के दुखडा (जरी) निवासी धर्म चंद पुत्र बली राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल 9 जनवरी 2010 को प्रभारी गुरदयाल सिंह की अगुवाई में दलाशनी (पनारसा) पुल के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान आरोपी पीठ पर बैग उठाए वहां आया और पुलिस दल को देखकर पीछे मुड कर भागने लगा। जिस पर पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी को काबू करके उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें एक किलोग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 10 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान आरोपी का कहना था कि यह उसका पहला अपराध है। जिसके लिए उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए।
जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में चेतावनीपूर्ण ढंग से बढौतरी हो रही है। ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि चरस तस्करी के मामलों में लगातार बढौतरी हो रही है। इन परिस्थितियों में समाज का हित देखते हुए इन मामलों के प्रति से कडाई से पेश आना जरूरी है। अदालत ने कहा कि आरोपी से बरामद चरस व्यवसायिक मात्रा से कम और लघु मात्रा से अधिक है।
जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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