Sunday, 24 August 2014

चेक बाउंस होने पर एक साल की सजा


मंडी। चैक बाउंस के दो विभिन्न मामलों में अदालत ने एक आरोपी को एक-2 साल के साधारण कारावास और 4,40,000 रूपये हर्जाने की सजा के फैसले सुनाये हंै। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह के न्यायलय ने स्टेट बैंक आफ इंडिया की शिकायत पर चलाए गए दो अभियोगों के साबित होने पर भगवान स्ट्रीट निवासी जगदीश कुमार हांडा को एक-एक साल के साधारण कारावास और क्रमश: 2,90,000 और 1,50,000 रूपये हर्जाने की सजा के फैसले सुनाए हैं। अधिवक्ता अलकनंदा हांडा के माध्यम से दायर इन शिकायतों के मुताबिक आरोपी ने स्टेट बैंक आफ इंडिया की गांधी चौक ब्रांच से ऋण लिया था। इस ऋण को आरोपी ने मासिक किस्तों से चुकता करना था। लेकिन किस्तें न दे पाने के कारण आरोपी ने बैंक को दो चैक जारी किये थे। बैंक ने जब इन चैकों को भुगतान के लिए लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गए थे। जिस पर बैंक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को 15 दिनों के नोटिस जारी करके राशि का भुगतान करने को कहा था। इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर बैंक ने आरोपी के खिलाफ शिकायतें दायर की थी। अदालत ने इन शिकायतों के आधार पर आरोपी के खिलाफ निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत अभियोग चलाये थे। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी पर इन दोनों शिकायतों में चैक बाउंस का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को दोनों मामलों में उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है।

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