मंडी। अदालत ने मारपीट के मामले में 9 आरोपियों की अपील को निरस्त करके उनकी नौ-नौ माह की कारावास की सजा बरकरार रखी है। वहीं पर आरोपियों के खिलाफ नुकीले हथियार से चोट पहुंचाने के अभियोग से धारा 324 के तहत बरी करने के आदेश को भी बरकरार रखा है। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला के न्यायलय ने बल्ह क्षेत्र के दोहांदी गांव निवासी शोभा राम, नागचला निवासी लक्ष्मण दास, भागी रथ,
चमन लाल, रमेश चंद, शकुंतला देवी, हंसु देवी और कुब्जा देवी पर इकट्ठा होकर मारपीट, गालीगलौच करने और जान से मारने की धमकी देने के अभियोग में भादंस की धारा 147,148, 323, 504, 506 के तहत क्रमश: छह, नौ, तीन और छह-छह माह की सजा के फैसले को उचित मानते हुए उनकी अपील को खारिज करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ उक्त धाराओं
के तहत अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। वहीं पर पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण आरोपियों के खिलाफ नुकीले हथियार से वार करने का धारा 324 के तहत साबित न होने के फैसले को भी सत्र न्यायलय ने उचित करार दिया है। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय ने 4 अक्तूबर 2010 को उक्त धाराओं के तहत आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। जबकि भादंस की धारा 324 के तहत
नुकीले हथियार से वार करने का अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी कर दिया था। अपनी सजा के इस फैसले को आरोपियों ने सत्र न्यायलय में चुनौती दी थी। जबकि प्रदेश सरकार की ओर से भी इस मामले में भादंस की धारा 324 के तहत आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती के लिए अपील दायर की गई थी। अदालत ने दोनों अपीलों पर सामुहिक फैसला सुनाते हुए उनकी सजा को बरकरार रखने और धारा 324
के तहत बरी करने के फैसले को अपनी सहमती दी है। इस मामले के तथ्यों के अनुसार 24 जनवरी 2005 को रात के करीब सवा नौ बजे शिकायतकर्ता भूपिन्द्र शर्मा अपने पिता, भाई और परिवार के सदस्यों के साथ नागचला स्थित अपने घर में थे। इसी दौरान उक्त आरोपी उनके आंगन में आए और उन्हे गालियां और धमकियां देनी शुरू कर दी। जब वह घर से बाहर आए तो आरोपियों ने उन्हे पकड कर पीटना शुरू कर
दिया और जब शिकायतकर्ता ने वहां से भागने की कोशीश की तो आरोपियों ने उसका पीछा करके पकडने के बाद जमीन पर फैंक कर उससे मारपीट की। पिता और भाई के बचाव करने पर आरोपियों ने उनसे भी मारपीट की। शोरगुल सुनकर खेम सिंह मौका पर आया और उनको आरोपियों के चंगुल से छुडाया। घटना की सूचना मिलने पर बल्ह थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपियों के खिलाफ मुखय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अभियोग चलाया था।
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