मंडी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल नयी दिल्ली की प्रिंसिपल बेंच ने जिला मंडी की औट उपतहसील के टकोली गांव में स्थित हॉट मिक्सर प्लांट और क्रैशर यूनिट का संचालन रोक दिया है। ट्रिब्युनल ने उपायुक्त मंडी और प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है।
ट्रिब्युनल के चेयरपर्सन न्यायमुर्ति स्वतंत्र कुमार, न्यायिक सदस्य न्यायमुर्ति एम एस नांबियार, विशेषज्ञ सदस्य डा. डी के अग्रवाल और डा. आर सी त्रिवेदी की बेंच में शिमला सर्किट के दौरान ज्ञान चंद बनाम स्टेट मामले में उक्त आदेश पारित किये हैं।
टकोली पंचायत के उपप्रधान ज्ञान चंद ने पंचायत में लगाए गए हॉट मिक्सर प्लांट और क्रैशर से फैल रहे प्रदुषण को रोकने के लिए ग्रीन टिब्युनल में अर्जी दी है। जिस पर कार्यवाही करते हुए ग्रीन टिब्युनल की बेंच ने आदेश पारित करते हुए कहा कि इस मामले में प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया है। इस शपथ पत्र को भारी असंतुष्टिजनक पाया गया है। बेंच ने प्रार्थी को दो सप्ताह में जवाब, शपथ पत्र और उनके पास उपलब्ध अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करके रिकार्ड में लाने को कहा है।
ग्रीन ट्रिब्युनल ने प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिया है कि इस हॉट मिक्सर प्लांट को सेट अप करने की सही तिथी और इसे स्थापित करने और संचालित करने की सहमती कब दी गई थी के बारे में जानकारी देने को कहा है। उसी तरह स्टोन क्रशर को स्थापित करने और संचालित करने की सहमती बोर्ड ने कब दी थी के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। ट्रिब्युनल ने कहा कि यह हैरानीजनक है कि प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने यह नोटिस किया है कि स्टोन क्रशर ब्यास नदी के किनारे से 119 मीटर दूर स्थित है और हॉट मिक्सर प्लांट नदी किनारे से 19 मीटर दूर है। यह सदमे से भरा हुआ है कि इस तरह के प्लांट को संचालित करने की अनुमति किस तरह से दी गई।
जबकि यह दूरी 1000 मीटर और कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए। ग्रीन ट्रिब्युनल ने अपने आदेश में कहा कि प्रार्थना पत्र के साथ संलगन पिक्चरों से यह सपष्ट होता है कि यह प्रदुषण करने वाला यूनिट है और आदिम होने के बावजूद अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए है।
बेंच ने इस बारे में बोर्ड को पूरी रिर्पोट रिकार्ड में लाने को कहा है। यूनिट का निरिक्षण प्रार्थी की उपस्थिति में किया जाएगा और इसके रिजल्ट भी रिकार्ड में लाए जाएं और तब तक यूनिट का संचालन बंद रहेगा।
जिला के उपायुक्त और प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड इस आदेश की अनुपालना को सुनिश्चित करेंगे। ट्रिब्युनल ने अब इस मामले की सुनवाई 16 अक्तूबर को सुनिश्चित की है।
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