Wednesday 20 September 2017

जमीन पोते के नाम करवा वापस वृद्धाश्रम भेजी मां





मंडी। दिव्यांग महिला की जमीन हस्तांतरित करके उसे भूमिहीन बनाने का मामला प्रकाश में आया है। महिला ने इस बारे में उपायुक्त मंडी संदीप कदम को शिकायत देकर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके हस्तांतरण को खारिज करने की मांग की है। बल्ह क्षेत्र के खांदला (कुममी) गांव निवासी रत्नी विधवा दीना नाथ ने अधिवक्ता गीतांजलि शर्मा के माध्यम से उपायुक्त मंडी को बुधवार को शिकायत देकर कहा है कि वह अपने लडके व उसकी पत्नी के प्रताडनापुर्ण व्यवहार के कारण इन दिनों भंगरोटु स्थित वृद्ध आश्रम में रह रही हैं। करीब 69 वर्षीय रत्नी के अनुसार विगत 12 सितंबर को वह वृद्ध आश्रम में मौजूद थी। इसी दौरान उसका लडक़ा और बहु उसे वृद्ध आश्रम से जबरन घर ले गए। जहां पर रत्नी की इच्छा के बगैर उसकी सारी जमीन पोते के नाम पर हस्तांतरित करवाने का दबाव बनाया गया। जिसके चलते विगत 13 व 14 सितंबर को उसकी सारी जमीन बल्ह तहसील में हस्तांतरित अपने नाम करवा कर रत्नी देवी को भूमिहीन बना दिया गया। इतना ही नहीं जमीन के हस्तांतरण के बाद रत्नी देवी को घर से फिर से निकाल दिया गया। ऐसे में अब रत्नी देवी को वापिस वृद्ध आश्रम की शरण लेने को विवश होना पड रहा है। अधिवक्ता गीतांजलि शर्मा के अनुसार रत्नी देवी लगभग 40 प्रतिशत दिव्यांग महिला है और विधवा और बेसहारा है। अपने लडके की प्रताडना के कारण ही वह वृद्ध आश्रम में रह रही है। लेकिन स्थानीय प्रभावशाली लोगों व निचले राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से दिव्यांग महिला को भूमिहीन बना दिया गया है। रत्नी देवी ने उपायुक्त मंडी से शिकायत करते हुए इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और दबाव में बना दिये गए हस्तांतरण दस्तावेजों को खारिज करने के आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
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Sunday 17 September 2017

गौरी लंकेश की नृशंस हत्या के विरोध में शोकसभा का आयोजन






मंडी। मंडी शहर के विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश की नृशंस हत्या के विरोध में शोक सभा का आयोजन किया। यहां के होटल आर्यन बैंगलो में आयोजित इस शोकसभा में दो मिनट का मौन रख कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर वक्ताओं ने इस घटना की तीव्र निंदा करते हुए उनके हत्यारों की धरपकड़ शीघ्र सुनिश्चित करके उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई। वक्ताओं का कहना था कि निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या बेहद निंदनीय है और यह दिखाता है कि इस देश में सत्ता पक्ष के खि़लाफ़ लिखने वाली कलम और आलोचना करने वाली आवाज़ को बंद करने वाले सडक़ पर खुले घूम रहे हैं। जिस तरीक़े से हत्या हुई है, यह इशारा है कि किसी भी व्यक्ति को एक ख़ास विचारधारा के खि़लाफ़ अपनी राय रखने की अनुमति नहीं है। दाभोलकर, कालबुर्गी, पनसारे और अब गौरी लंकेश की हत्या लोकतंत्र में जनता को हासिल अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या है। उन्होने कहा कि हर बार हर उस आवाज़ को बंद किया गया है जो निर्भीकता के साथ ग़लत को ग़लत और सही को सही कहती थी। एक ख़ास विचारधारा के ये लोग भारत देश की सांझी संस्कृति की विरासत को नष्ट करना चाहते हैं और उनके द्वारा एक डर और भय का माहौल तैयार किया जा रहा है जिसमें कभी भी किसी का भी नंबर आ सकता है। ये वो लोग हैं जो अपनी विचारधारा और अपने आकाओं की आलोचना सहन नहीं सकते और आलोचना करने वाले की जान भी ले सकते हैं। पत्रकार गौरी लंकेश की पूरी घटना को पत्रकारिता पर हथौड़ा मारने और ख़ामोश करने की साजि़श की तरह देखा जाना चाहिए। शोकसभा को प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष दीनू कश्यप, डा. जयइन्द्र पाल सिंह, प्रकाश पंत, देशराज, रूप उपाध्याय, वीना वैद्य, रूपेश्वरी शर्मा, डा. गंगा राम राजी, कामरेड परस राम, रविकांत ठाकुर और लवण ठाकुर ने संबोधित किया। इसके बाद शहर के हृदय स्थल गांधी चौक तक एक मौन जुलुस भी निकाला गया। जहां पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने मोमबतियां जला कर गौरी लंकेश को श्रद्धांजलि दी गई। इस शोकसभा में प्रोफेसर रवि रमेश, डा. कमल प्यासा, हरिप्रिया शर्मा, कृष्णा ठाकुर, प्रशांत मोहन, अजय वैद्य, ललित ठाकुर, भूपेन्द्र सिंह, जयकुमार, जगदीप सहित इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी महिला संघ, स्वयं सहायता समूह, ज्ञान विज्ञान संिमति व विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं से जुडे लोगों ने भाग लिया।
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Wednesday 6 September 2017

गौरी लंकेश की हत्या की सीपीआई ने की कड़ी निंदा



मंडी। धार्मिक कट्टरपन के खिलाफ लडने वाली योद्धा और निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी ने कड़ी निंदा की है। भाकपा (सीपीआई) ने पत्रकार लंकेश के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने के मांग की है। भाकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य देशराज शर्मा, सीपीआई नेता केशव शर्मा, हरदेव सिंह ठाकुर, अमर चंद वर्मा, प्रशांत मोहन, ललित ठाकुर, प्रकाश पंत, संत राम, श्याम सिंह चौहान, राज सिंह मंडयाल, नवीन शर्मा, ललित शर्मा, समीर कश्यप ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पत्रकार गौरी लंकेश की बंगलुरू के राजराजेश्वरी नगर स्थित उनके घर पर फासीवादी हत्यारों द्वारा हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होने कहा कि यह नीचतापुर्ण हत्या अंधविश्वास, कट्टरता के खिलाफ संघर्षरत कलबुर्गी, पानसारे और नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या की ही अगली कड़ी है। हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक राजनीति की कट्टर विरोधी गौरी लंकेश कर्नाटक से निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका गौरी लंकेश पत्रिके की संपादक थी और वह लगातार हिंदुत्ववादी गिरोहों के निशाने पर थी। उन्होने कहा कि यह गिरोह तर्कणा और शास्त्रार्थ की सुदीर्घ परंपरा का पुर्णतया परित्याग करके हिटलर के गुंडा गिरोहों की तरह ही काम कर रहे हैं। कहीं भीड़ बनाकर, भीड़ में शामिल होकर या भीड़ को उकसा कर हत्याओं को अंजाम दिया जा रहा है, तो कहीं गुप्त दस्ते बनाकर धर्मनिरपेक्ष, जनवादी और प्रगतिशील बुद्धिजीवियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले लोगों की बोलने की आजादी को भय और आतंक का वातावरण बनाकर हिंसा के बल पर छिना जा रहा है। सीपीआई ने मांग की है कि इन फासीवादी गिरोहों पर कडी लगाम लगाई जाए और गौरी लंकेश सहित सभी बुद्जिीवियों के हत्यारों को गिरफतार करके उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इधर, हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेसेंटेटिव एसोसिएशन के प्रदेश सचिव जगदीश ठाकुर ने भी पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की कडी निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ सखत कार्यवाही की मांग की है।
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Friday 1 September 2017

पंकज ठाकुर ने संभाली जिला बार एसोसिएशन की कमान



मंडी। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद की कमान अधिवक्ता पंकज ठाकुर ने संभाल ली है। पंकज ठाकुर शुक्रवार को पुर्व अध्यक्ष संजय मंडयाल से कार्यभार ले कर इस पद पर आसीन हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जिला बार एसोसिएशन के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए संजय मंडयाल और पंकज ठाकुर को बराबर मत मिलने के कारण टाई हो गया था। जिसके चलते दोनों विजयी अध्यक्षों को आधे-2 कार्यकाल तक अध्यक्ष बनाए जाने की सहमती बनी थी। कार्यकाल के पहले छह महीनों के लिए संजय मंडयाल ने अध्यक्ष पद संभाला था। उनके कार्यकाल का समय पूरा हो जाने पर उन्होने अपना कार्यभार छोड दिया है। जबकि अब अगले छह माह के बचे हुए कार्यकाल के लिए पंकज ठाकुर अध्यक्ष पद पर आसीन हुए हैं। उन्होने बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों का अपने निर्वाचन के लिए आभार प्रकट किया है। उन्होने कहा कि वह अधिवक्ताओं की समस्याओं को निपटाने में अपनी ओर से पूरी कोशीशें करेंगे।
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बॉलीवुड फिल्म शुभमंगल सावधान में मंडी के नीरज सूद की दमदार भूमिका





मंडी। बॉलीवुड में शुक्रवार को रिलीज हो रही कॉमेडी ड्रामा फिल्म शुभ मंगल सावधान में मंडी के नीरज सूद ने दमदार भूमिका निभायी है। निर्माता आनंद एल राय और क्रिशिका लुल्ला की इस फिल्म का निर्देशन आर. एस प्रसन्ना ने किया है। फिल्म में अभिनेता आयुष्मान खुर्राना और अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने मुखय भूमिका निभाई है तो मंडी से संबंध रखने वाले अभिनेता नीरज सूद भी प्रभावशाली भूमिका में हैं। वैसे तो नीरज सूद का परिवार मूल रूप से जिला कांगड़ा के भवारना से संबंध रखता है लेकिन उनका जन्म और पढाई मंडी में ही हुई है। यहां के वल्लभ महाविद्यालय में प्रोफेसर कृपाल सिंह और रवि शर्मा के निर्देशन में नीरज ने अपनी प्रतिभा को अभिव्यक्ति देते हुए थियेटर करना शुरू किया। बेहतरीन अभिनय के कारण उन्हे अंतरमहाविद्यालय यूथ फेस्टीवल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में भी नवाज़ा गया था। मंडी कालेज में ग्रेज्युएशन के बाद वर्ष 1996 में उनका चयन दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (एनएसडी) के लिए हुआ। एनएसडी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई करने के बाद नीरज ने वर्ष 1999 में माया नगरी मुंबई का रुख किया। नीरज ने बड़े और छोटे पर्दे पर कई दमदार रोल निभा कर अपनी पहचान बनाई है। शुक्रवार को रिलीज हो रही बॉलीवुड हिंदी फीचर फिल्म शुभ मंगल सावधान को नीरज अपने कैरियर का टर्निंग पॉइंट मान रहे हैं। मुम्बई में फिल्म के रिलीज होने से पूर्व दूरभाष पर नीरज के साथ फिल्म से सिलसिले में विस्तृत बातचीत हुई। जिसमें नीरज ने फिल्म निर्माण के कुछ यादगारी पलों के बारे में बताते हुए कहा कि इस पूरी फिल्म के दौरान कमाल का आनंद आया है क्योंकि फिल्म की स्क्रिप्ट अपने आप में बहुत शानदार थी और इंडिविजुअल वर्क के लिए कोई जगह न होने के कारण यह पूरी तरह से टीम वर्क पर निर्भर थी। फिल्म से जुड़े एक रोचक प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होने बताया कि फिल्म में जहां पर आयुष्मान खुराना मेरे बड़े भाई बृजेंद्र काला की पप्पी ले रहे हैं। इस सीन में जिस तरह से भाई साहब हम को देखते हैं तो मेरा और सीमा जी का हंस हंस के बुरा हाल हो गया था। जिसके कारण वह टेक नहीं हो पा रहा था लेकिन बाद में डायरेक्टर साहब के सख्ती करने पर बड़ी मुश्किल से हम लोगों ने सीन किया। इस सीन में आप देखेंगे कि हम विजेंद्र भाई की तरफ नहीं देख रहे हैं क्योंकि उस शॉर्ट में उनका चेहरा इतना फनी था कि हम उसको देखे नहीं पाए तो वह एक ऐसा मोमेंट है जो मुझे अभी तक याद है। हिंदी फि़ल्म उद्योग में करीब दो दशक के अपने संघर्ष और अनुभव से उन्होने यह सीखा है कि हर स्क्रिप्ट की और हर कहानी की कुछ डिमांड होती हैं वह आपको नए सिरे से काम करने के लिए मजबूर करती हैं। फिल्म में अपने करेक्टर को लेकर अपनी सोच को बताते हुए नीरज का कहना है कि मेरा मानना है कि कैरेक्टर स्टैंड आउट होना एक अच्छी बात नहीं है क्योंकि वह स्क्रिप्ट से अलग चला जाता है और बतौर अभिनेता वह कभी नहीं चाहते कि कैरेक्टर स्क्रिप्ट से अलग हो जाए। उनके अनुसार अगर कहानी से अलग चला गया तो कहानी का कोई महत्व नहीं रहेगा। इसलिए वह कहानी में रहकर ही अपने करैक्टर को विकसित करते हैं। हिंदी फिल्म उद्योग के बारे में अपने अनुभव बांटते हुए उन्होने कहा कि कभी-कभी ऐसी सोच आती है कि साल 1999 से इस लाइन में काम कर रहा हूं और काफी कुछ अनुभव भी हुआ है पर साथ ही ऐसा भी लगता है कि हर चीज का एक समय होता है और शायद वह समय मेरे लिए अभी आया है। इसके अलावा मैं अपने काम में विश्वास रखता हूं और जो भी काम मैंने आज तक किया है उसके लिए मुझे हमेशा सराहना ही मिली है। मुझे यह लगता है कि इस लाइन में हम लोगों को अपने आप को पॉजिटिव बनाकर रखना होता है क्योंकि नेगेटिविटी अच्छी चीज नहीं है और इससे आदमी की अपनी ग्रोथ रुक जाती है। इसलिए आज जहां मैं हूं वहां बहुत अच्छा हुं क्योंकि मैं अपने मनमुताबिक काम कर पाता हुं। नीरज का कहना है कि ऐसा नहीं है कि करेक्टर एक्टर के पास हर फिल्म में एक जैसा काम होता है या फिर उनके पास कुछ नया करने की संभावना नहीं रहती। जहां तक कैरेक्टर्स की बात है अभी तक आपने देखा होगा जितना भी काम मैंने किया है शायद वह एक दूसरे से मेल नहीं खाता, क्योंकि मेरी कोशिश यही रहती है कि जो मैंने किया है उसको मैं रिपीट ना करूं वह मेरे लिए भी अच्छा रहता है और जिसके लिए मैं काम कर रहा हूं उसके लिए भी अच्छा रहता है। इससे नई-नई चीजें ईजाद होती हैं और काम करने का मजा आता है। नीरज का कहना है कि जब वह फिल्म में काम नहीं कर रहे होते हैं तो वह अपने दोस्तों के साथ घूमने फिरने का शौक पूरा करते हैं या फिर अच्छी-अच्छी फिल्में देखते हैं। अपने भविष्य के प्रोजेक्ट्स के बारे में उन्होने बताया कि उनकी आने वाली फिल्मों में दिल फिरे, यहां सभी ज्ञानी हैं, फुलेना नाइट्स और डीएनए में गांधी जी आदि शामिल हैं। इसके अलावा अभी दो अन्य प्रोजेक्ट ऑन फ्लोर हैं। शुभ मंगल सावधान के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि इस फिल्म का उन्हें बड़ी बेसब्री से इंतजार है। इसलिए नहीं कि इसमें मेरा कैरेक्टर बहुत बढिय़ा है बल्कि इसलिए कि फिल्म की कहानी व स्क्रिप्ट बहुत अच्छी है और सबसे बड़ी बात कि सब लोगों ने बहुत मेहनत की है।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...