Monday 30 November 2015

एडवोकेट पार्किंग में तोड़े आधा दर्जन वाहन


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय परिसर भवन की एडवोकेट पार्किंग में खडे किए गए करीब आधा दर्जन वाहनों से तोडफोड करके नुकसान पहुंचाने का मामला प्रकाश में आया है। इस बारे में जिला बार एसोसिएशन ने जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपकर आवश्यक कार्यवाही अमल लाने की मांग की है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने हर रोज की तरह अपने वाहन न्यायलय भवन की एडवोकेट पार्किंग में खडे किए हुए थे। शाम करीब साढे पांच बजे जब अधिवक्ता अपने घरों को जाने के लिए पार्किंग में पहुंचे तो वहां पर लगभग आधा दर्जन वाहनों से तोडफोड की गई थी। अधिवक्ताओं ने इस बारे में जिला बार एसोसिएशन को सूचित किया। जिसके चलते शनिवार को जिला बार एसोसिएशन के प्रधान नीरज कपूर, महासचिव नंद लाल, टी आर पठानिया, कमल सैनी, मोहित कौशल, प्रदीप परमार, राहुल अवस्थी, हेम सिंह ठाकुर, रवि कांत शर्मा व अन्य अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने उप जिला पुलिस अधीक्षक (मुखयालय) राजेश कुमार को इस घटना के बारे में शिकायत सौंप कर मामला दर्ज करने की मांग की है। इधर, उप जिला पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने जिला बार एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि इस मामले से जुडे लोगों के खिलाफ सखत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
पिक्चरसः- कमल सैनी एडवोकेट
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Monday 23 November 2015

ट्रिब्युनल मंडी सर्किट बैंच ने 23 मामलों को निपटाया



मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल के मंडी सर्किट बैंच के दौरान एक सप्ताह में 23 मामलों का निस्तारण किया गया। इनमें से 19 नये मामले थे जबकि चार प्रदेश उच्च न्यायलय से ट्रिब्युनल बनने के बाद भेजे गए मामले शामिल हैं। इतना ही नहीं मंडी सर्किट के इस पहले बेंच के दौरान 51 नये मामले दायर किए गये हैं। जिनमें अधिकांश सेवानिवृति के बाद सेवा लाभ न मिल पाने से संबंधित हैं। जबकि अन्य मामलों में कर्मियों को पहले दे दिए गए लाभों की वसूली और तबादला निति के नियमों की अवहेलनाओं व वरिष्ठता आदि से संबंधित हैं। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने इसी वर्ष 28 फरवरी को कार्य करना शुरू किया था। न्यायमुर्ति वी के शर्मा को ट्रिब्युनल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जिन्होने करीब पांच महीने तक अकेले ही मामलों की सुनवाई की। जुलाई माह में ट्रिब्युनल के तीन नये सदस्यों की नियुक्ति के बाद ट्रिब्युनल के दो सर्किट बेंचों ने धर्मशाला और मंडी ने भी कार्य करना शुरू कर दिया है। न्यायमुर्ति वी के शर्मा और सदस्य प्रेम कुमार के बेंच ने धर्मशाला में अक्तुबर माह में पहला सर्किट बेंच लगाया था। जबकि इस महीने केन्द्रीय जोन मंडी का सर्किट बेंच शुरू किया गया है। ट्रिब्युनल के अध्यक्ष न्यायमुर्ति वी के शर्मा ने बताया कि दिसंबर में ट्रिब्युनल का धर्मशाला सर्किट लगेगा। लेकिन जनवरी-फरवरी की छुटियों के बाद मंडी और धर्मशाला में हर महीने एक सप्ताह के लिए सर्किट बेंच बैठना शुरू कर देगा। उन्होने बताया कि मंडी सर्किट के दौरान धर्मशाला सर्किट से अधिक नये मामले दायर हुए हैं। सर्किट के अंतिम दिन जिला बार एसोसिएशन की ओर से ट्रिब्युनल के अध्यक्ष और सदस्य के सममान में चाय पार्टी का आयोजन किया गया।
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Sunday 22 November 2015

अनधिकृत मकानों को नियमित करने के लिए बने नीति


मंडी। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश सरकार से शीतकालीन विधानसभा सत्र में अनाधिकृत घोषित किए गए मकानों को नियमित करने के लिए एकमुश्त निति पेश करने की मांग की है। समिति ने इस बारे में चर्चा के लिए शनिवार को यहां के विश्वकर्मा मंदिर हाल में एक बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता समिति के प्रधान अमर चंद वर्मा ने की। इस मौके पर समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत दो नवंबर को मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह के ओएसडी अमित पाल सिंह के माध्यम से एक ज्ञापन प्रदेश को प्रेषित किया गया है। समिति की मांग है कि प्रदेश सरकार इसी शीतकालीन विधानसभा सत्र में अनाधिकृत घोषित किए गये भवनों को नियमित करने के लिए एकमुश्त पालिसी लाए। जिसके तहत नक्शे के बगैर या नक्शे से हट कर अपनी मलकियत भूमि में बने मकानों को कुसुमपटी के तर्ज पर नियमित किया जाए और लोगों को बिजली-पानी की मूलभूत सुविधाएं बहाल की जाए। समिति ने मांग की है कि टीसीपी के कडे नियमों के तहत लोगों को अपने आशियाने बनाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। इन नियमों के तहत जहां लोगों को बिजली पानी की सुविधा से वंचित कर दिया गया है। वहीं पर सरकार को इन सुविधाओं को मुहैया करने से मिलने वाले टैक्स से भी वंचित रहना पड रहा है। समिति ने मांग की है कुछ फीसदी डैविएशन की जगह सौ फीसदी तक डैविएशन नियमित की जाए। बैठक में मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) के सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, संगठन सचिव प्रदीप परमार, महासचिव चंद्र मणी वर्मा, प्रेस सचिव समीर कश्यप, धर्मपाल कपूर, विमल वालिया, सुनील, कमला देवी, मुरारी लाल शर्मा, अवनिंदर सिंह तथा महिन्द्र सिंह राणा मौजूद थे।
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दुराचार के दोषी को 10 साल का कारावास


मंडी। पोकसो कानून के तहत नाबालिग बच्ची से दुराचार करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और दस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। अदालत ने पीडिता के पक्ष में पीडिता हर्जाना स्कीम के तहत 25 हजार और आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशि में से आधी राशि बतौर हर्जाना अदा करने के भी आदेश दिये हैं। जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह की विशेष अदालत ने सरकाघाट तहसील के हंसल बैहना (जमणी) निवासी लाल सिंह उर्फ लाला पुत्र भीखम राम उर्फ भीखू के खिलाफ प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फरोम सेक्सुअल आफेंस एक्ट (पोकसो) की धारा 4 भादंस की धारा 376 सहित व धारा 342 के तहत क्रमश: दस साल कठोर कारावास व एक माह साधारण कारावास तथा क्रमश: दस हजार और पांच सौ रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि को समय पर अदा न करने पर उसे क्रमश: 6 माह और एक सप्ताह की साधारण कारावास भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता की माता प्राथमिक पाठशाला में बतौर जलवाहक कार्यरत है। घटना वाले दिन 30 मई 2014 को पीडिता की माता और भाई स्कूल गए हुए थे। जबकि पीडिता अपने दादी व अंकल-आंटी के साथ घर में थी। पीडिता की माता जब स्कूल से लौटी तो उन्होने देखा कि पीडिता उल्टे कपडे पहन कर सो रही है। जब उन्होने पीडिता से इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि आरोपी ने एक कमरे में ले जाकर उससे दुराचार किया है। हालांकि पीडिता की दादी ने जब कमरा खोलने के लिए कहा तो आरोपी ने कमरा नहीं खोला और इसे बाद में खोला। जब आरोपी से कमरा बंद करने के बारे में पूछा गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। ऐसे में पीडिता के परिजनों ने पुलिस थाना में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी आर के कौशल ने 19 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ नाबालिगा से दुराचार करने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। वहीं पर पीडिता के परिजनों के माध्यम से उसके पक्ष में पीडिता हर्जाना स्कीम के तहत 25 हजार रूपये तथा आरोपी से प्राप्त होने वाली जुर्माना राशि में से 50 प्रतिशत राशि बतौर हर्जाना अदा करने के भी आदेश दिये हैं।
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आती हुई कविता



आती हुई कविता

देख रहा हुं
आती हुई कविता
शब्दों के रथ पर आरूढ
सबसे आगे मशाल बन
रोशनी दिखाती
देश के अंधकारमय
कोनों की शिनाख्त करवाती।

कि अब लेखनी थामे हाथों ने
लिया है निर्णय देश की
नियती की परिभाषा रचने का।
आजादी सबकी सुरक्षित रहे।
कलबुर्गी, पनसारे या
डाभोलकर विचारों की
उन्मुक्त उडान में
न कर दिए जाएं कलम।
असहिष्णुता के विषधरों
को कर सकें बेनकाब।

लौटा रहे हैं
अपनी प्रसव पीडा से
उपजी रचनाओं की
बहुमुल्य थाती
भविष्य की
कविता के लिए।

बता सकें
दुनिया से जुडा है देश का
सत्य, विज्ञान और इतिहास।

इससे पहले कि
नफरत के निर्बाध बढते
जहरीले पेडों का दानवी
जंगल सब आगोश में ले,
जंग लगी कुल्हाडी को
धार देने के लिए
लिखी जा रही है
आती हुई कविता।
....समीर कश्यप
22/11/2015

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गुम हुआ वह



गुम हुआ वह

-दीनू कश्यप

इस शहर में एक लड़का था
सुंदर, मृदुभाषी, तार्किक और जोशीला
हरे को हरा, लाल को लाल
पीले को पीला कहने वाला
अपनी पूरी ताकत के साथ
कहीं दीखता नहीं अब।

बेहद प्यासी इस दुनिया में
क्या पी गई उसे गहनों में लदी-फदी
महानगर की एेय्याश औरतें
ठंडी-मीठी बावडियों के भ्रम में
क्या वह जा डूबा
कोकाकोला या लहर पेप्सी के
अंधेरे पानी में।

उसके गुम होने की खबर
कहीं नहीं समाचार पत्रों में
न ही उसका फोटो है
दूरदर्शन पर गुमशुदा की फेहरिस्त में
सी.बी.आई. ने नहीं दी कोई हाँक
उसे तलाशने पर इनाम-इकराम की
कहां गया ?
क्यों गया ?
कौन ले गया ?
ये प्रश्न प्रासांगिक नहीं
सम्पादकीय के लिए
तथाकथित बुद्धिजीवियों की चर्चा और
सत्ता के चाटुकार जमावड़े के लिए।

सचमुच
इस शहर में
एक लड़का था
एक विचार की तरह।
क्या इस शहर के
पार्षदों-विधायकों-धार्मिकों के
सेवा भाव से उठ गया था
उसका विश्वास ?
क्या इस शहर के
कवियों-लेखकों-विचारकों के
दोगले जीवन की
कलई खुलने पर
उसने पाया था खुद को बेसहारा ?

कोई भी नहीं है परेशां
सुंदर पहने, ओढ़े
स्वादिष्ट खाते-पीते सभी
धंस चुके हैं
अपनी-अपनी खोह में
माताओं के लिए है
एक धर्मस्थल का पता
जहां सिर पटकते-पटकते
वे बढ़ सकती हैं तेजी से
एक वृहद शून्य की ओर

रंगों की इस दुनिया में
रंगों को पहचानने वाला
गुम हुआ वह रंगरेज।

इस शहर में
एक लडका था
एक विचार की तरह।

दीनू कश्यप हिमाचल प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष हैं और प्रसिद्ध कवि हैं। इनकी कविताएं देश भर की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। हालांकि इनका अभी तक कोई संग्रह प्रकाशित नहीं हुआ है। लेकिन इनकी कविताओं से पाठक वर्ग सुपरिचित है। रविवार को मंडी जिला के भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित  बहुभाषी कवि सम्मेलन में उन्होने अपनी यह कविता सुनाई। उनकी अनुमति से कविता आपके साथ शेयर कर रहा हुं।- समीर कश्यप
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Saturday 21 November 2015

खलवाहण क्षेत्र में विकास कार्य पड़े हैं ठपः संतराम


मंडी। सराज विधानसभा क्षेत्र के खलवाहण जिला परिषद वार्ड में विकास कार्य ठप्प पडे हुए हैं। क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थय और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं बुरी तरह से चरमरा गई हैं। ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष संत राम ने बताया कि हाल ही में खलवाहण जिला परिषद वार्ड की ग्राम पंचायत घाट, थाचाधार व खौली में जन संपर्क अभियान किया गया। जन संपर्क अभियान में यह सामने आया कि ग्राम पंचायत घाट में मनरेगा जैसी राष्ट्रिय महत्वाकांक्षी योजना के तहत अभी तक इस वर्ष 100 दिनों की बजाय मात्र 26 दिनों का काम ही लोगों को उपलब्ध करवाया गया है। क्षेत्र की उठाऊ पेयजल योजना गुडुगाड़ पिछले डेढ महीनों से ठप्प पडी हुई है। जिससे कांढी, खडुल, पाली, चलेहड, सुकेती, कलवाडा, छलाही आदि गांवों की पेयजल आपूर्ती पूरी तरह से बंद है। क्षेत्रवासियों को दूर-2 नालों से पानी भर कर लाना पड रहा है। उन्होने बताया कि उपरोक्त गांवों में लोगों को बिजली की लो वोल्टेज की समस्या से भी जूझना पड रहा है। शाम के समय बिजली कम होने के कारण छात्रों को पढाई करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। मंडी और कुल्लू जिला की कई पंचायतों के लिए बनाया गया गाडा गुसैणी स्थित प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बगैर चिकित्सक के चल रहा है। क्षेत्रवासियों को छोटे-2 उपचार के लिए भी बंजार, कुल्लू या मंडी आना पडता है। इसी तरह क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापकों के अनेकों पद रिक्त पडे हुए हैं। जिससे नयी पीढी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। संत राम ने बताया कि बंजार-बाहु-गाडा गुसैणी सडक क्षेत्र की सबसे पुरानी सडक है लेकिन यह अभी भी पक्की नहीं हो पाई है। इस पुरानी सडक की मुरममत न हो पाने के कारण बडे-2 गड्ढे पडे हुए हैं जिससे वाहनों को रिस्क उठाकर सडक से गुजरना पडता है। उन्होने कहा कि सरकार और प्रशासन इन तमाम समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। जबकि लोगों की बेचैनी बढती जा रही है और उनमें मौजूदा व्यवस्था के प्रति भारी आक्रोश है। संत राम ने कहा कि ग्रामीण कामगार संगठन ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्रवासियों की इन समस्याओं को हल करने के लिए शीघ्रातिशीघ्र ठोस कदम उठाए जाएं अन्यथा संगठन जनता को लामबंद करके जन आंदोलन का रूख अपनाएगा।
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Friday 20 November 2015

प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने वेतन बढ़ोतरी की वसूली के आदेश किए निरस्त


मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने शिक्षा विभाग द्वारा मुखय अध्यापिका से वेतन वृद्धियों की वसूली संबंधी आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्युनल के अध्यक्ष वी के शर्मा व सदस्य प्रेम कुमार की बेंच ने मंडी सर्किट के दौरान सुनाए फैसले में सरकाघाट तहसील के गोपालपुर खंड के बरछवाड स्कूल में तैनात मुखय अध्यापिका यशोधा देवी की याचिका को स्वीकारते हुए शिक्षा विभाग की ओर से जारी वेतन वृद्धि वसूली संबंधी आदेशों को निरस्त करने के आदेश दिये हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होने 2005 में ट्रिब्युनल में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उनका कहना था कि 1996 में उन्हें विभाग ने मुखय अध्यापिका के पद पर पदोन्नत होने पर दो वेतन वृद्धियां दी थी। लेकिन विभाग ने साल 2004 में पदोन्नति पर दी गई यह वेतन वृद्धियां वापिस लेने के आदेश दिये थे। ऐसे में याचिकाकर्ता ने इन विभागीय आदेशों को चुनौती देते हुए ट्रिब्युनल का दरवाजा खटखटाया था। अधिवक्ता आर के शर्मा के माध्यम से ट्रिब्युनल में दायर याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्हे मुखय अध्यापिका के पद पर पदोन्नत होने के बाद 22(सी) नियमों के तहत पंजाब पैट्रन पर लाभ मिलना उचित था। याचिकाकर्ता ने शिक्षा विभाग के वसूली संबंधी आदेशों को निरस्त करने की प्रार्थना की थी। ट्रिब्यूनल ने मंडी सर्किट बेंच के दौरान याचिका की सुनवाई करते हुए तथ्यों के मद्देनजर इसे उचित मानते हुए स्वीकार करने के आदेश दिये हैं। इसी के साथ टिब्युनल ने शिक्षा विभाग को याचिकाकर्ता को मुखय अध्यापिका बनने पर मिली वेतन वृद्धिों की वसूली करने के आदेशों को निरस्त करने का फैसला सुनाया है।
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Monday 16 November 2015

ट्रिब्युनल के अध्यक्ष न्यायमुर्ति वी के शर्मा के सम्मान में बार एसोसिएशन की बैठक आयोजित


मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल बहाल होने के बाद मंडी के पहले प्रवास के दौरान ट्रिब्युनल के अध्यक्ष न्यायमुर्ति वी के शर्मा के सम्मान में जिला बार एसोसिएशन ने सोमवार को एक बैठक का आयोजन किया। इस अवसर पर मुखय अतिथि के रूप में मौजूद न्यायमुर्ति वी के शर्मा ने जिला बार एसोसिएशन को संबोधित करते हुए इस आयोजन के लिए धन्यावाद किया। उन्होने कहा कि प्रशासनिक मामलों की शीघ्र निस्तारण को वह अपनी प्राथमिकता देंगे। उन्होने कहा कि प्राधिकरण के शुरू होने के बाद धर्मशाला और मंडी में भी सर्किट लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत सोमवार से मंडी में ट्रिब्युनल का पहला सर्किट शुरू हुआ है। उन्होने उममीद जताई कि कर्मियों को उनके मामलों की सुनवाई के लिए अब शिमला नहीं आना पडेगा। जिससे वह कई परेशानियों से बच जाएंगे। इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह ने कहा कि न्यायमुर्ति की कार्य कुशलता से प्रदेश उच्च न्यायलय व अन्य सभी बार एसोसिएशनों भली भांती से परिचित हैं जहां पर उन्होने बतौर न्यायधीश कार्य किया है। वह हमेशा गरीबों को शीघ्र न्याय सुलभ करवाने के पक्षधर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से इस मौके पर मौजूद अतिरिक्त उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर ने कहा कि ट्रिब्युनल के मंडी सर्किट शुरू होने से क्षेत्र के कर्मियों को घर द्वार पर न्याय प्राप्त करने की सहुलियत होगी। प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष देश राज शर्मा ने इस मौके पर कहा कि न्यायमुर्ति वी के शर्मा हमेशा वंचितों, गरीबों व जरूरतमंदों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील रहे हैं। उन्होने उममीद जताई कि ट्रिब्युनल के मंडी सर्किट से सेवा संबंधी मामलों में कर्मियों को बडी राहत मिलेगी। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान नीरज कपूर ने जिला बार एसोसिएशन की ओर से न्यायमुर्ति वी के शर्मा व ट्रिब्युनल के सदस्यों का स्वागत किया। उन्होने न्यायमुर्ति शर्मा के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उन्हे काबिल न्यायधीश बताया। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य नरेन्द्र गुलेरिया ने न्यायमुर्ति व ट्रिब्युनल के सदस्यों का मंडी में पधारने पर उनका धन्यावाद किया। बार एसोसिएशन के महासचिव नंद लाल ने बताया कि इस अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जे एल आजाद, अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अनिता शर्मा तथा बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
पिक्चरस- एडवोकेट कमल सैनी
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...