Wednesday 24 February 2016

राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित अमर सिंह सेन का देहावसान



मंडी। राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित अमर सिंह सेन का बीते कल देहावसान हो गया। वह करीब 78 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक यहां के नजदीकी गांव पंजेहटी निवासी अमर सिंह सेन का बीते कल उनके पैतृक घर में देहांत हो गया। उन्हे उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 1991 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया था। वह वर्ष 1995 में पुलिस विभाग से बतौर इंसपैक्टर सेवानिवृत हुए थे। पुलिस विभाग में कार्य करने के दौरान उन्होने कुल्लू, कांगडा और शिमला जिला में अपनी सेवाएं दी थी। वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। बीमारी के चलते सोमवार को उनका देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार यहां के व्यास नदी तट पर स्थित हनुमान घाट में किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सैंकडों लोगों ने भाग लिया। अपने पीछे वह धर्मपत्नी इंद्रा देवी, चार पुत्रों राकेश, निशीकांत, प्रदीप व गगन का भरा पूरा परिवार छोड गए हैं। पुलिस विभाग की ओर से पुलिस अधिकारियों ने भी उनकी अंतिम यात्रा में भाग लेकर उन्हे अंतिम सलाम दिया।
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मनरेगा में मनमानी पर रोक लगाई जाएः संत राम



मंडी। सराज विकास खंड में मनरेगा कानून लागू करने में हो रही मनमानी को लेकर जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की गई है। जिला परिषद के खलवाहण वार्ड से निर्वाचित सदस्य संत राम की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपा है। संत राम के अनुसार सराज विकास खंड में मनरेगा कानून के प्रावधानों के तहत कामगारों को सौ दिनों का रोजगार नहीं दिया जा रहा है। जिससे हजारों मनरेगा मजदूर रोजगार से वंचित हैं। वहीं परमनरेगा मजदूरों का वेतन भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है। आलम यह है कि सैंकडों मनरेगा मजदूरों को कार्य करने के बावजूद भी अनेकों सालों से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। इस बारे में मनरेगा मजदूर जब पंचायत में जाते हैं तो उन्हे बताया जाता है कि उनके वेतन का भुगतान बैंक में कर दिया गया है। जब मजदूर बैंक में जाकर वेतन के बारे में पता करते हैं तो उन्हे बताया जाता है कि उनके खाते में अभी तक वेतन की राशि नहीं पहुंची है। ऐसे में मजदूरों को अनेकों चक्कर पंचायत व बैकों के लगाने पड रहे हैं। इस कवायद में उनका वेतन में मिलने वाली राशि से कहीं ज्यादा खर्चा हो गया है। उन्होने बताया कि वेतन भुगतान लोगों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। जिन मजदूरों के वेतन भुगतान में देरी हुई है उनके वेतन का भुगतान ब्याज सहित किया जाए। संत राम ने बताया कि मनरेगा कामगारों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है। जो सरासर श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन है। इसके अलावा क्षेत्र के किसी भी कामगारों को काम के लिए आवेदन करते समय पावती रसीद भी जारी नहीं की जा रही है। जिसके चलते कामगारों को काम देने में मनमानी की जा रही है। उन्होने बताया कि क्षेत्र की कई पंचायतों में मनरेगा मजदूरों को जॉब कार्ड वितरित नहीं किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत थाना शिवा में मनरेगा मजदूरों को नये जॉब कार्ड साल बीत जाने के बाद भी जारी नहीं किए गए हैं। जिला परिषद सदस्य ने बताया कि क्षेत्र की अनेकों पंचायतों में मनरेगा मजदूरों को आठ घंटे काम करने के बाद उन्हें 34 व 40 रूपये दिहाडी दी जा रही है। जो न्युनतम मजदूरी के कानून की सरासर अवहेलना है। ग्राम पंचायत चिउणी व बागा चनोगी में इसी साल मजदूरों के साथ इस तरह के मामले सामने आये हैं। इसके अलावा मनरेगा कानून लागू होने के दस साल बाद भी कार्यस्थलों पर न तो फस्ट एड बॉक्स है और न मनरेगा कानून वाली अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होने मांग की है कि सराज क्षेत्र में हो रही अनियमितताओं के सिलसिले में एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करके इन तमाम मसलों का हल निकाल कर मनरेगा कानून को इसकी आत्मा के अनुरूप लागू करने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होने यह भी मांग की है कि सराज में इस कानून के क्रियान्वयन को लेकर उपरोक्त समस्याओं का शीघ्रातिशीघ्र निराकरण किया जाए। मनरेगा कानून के प्रावधानों से मनमानी करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और इसे अमली जामा पहनाने में बाधक बनने वालों पर उचित कार्यवाही अमल में लाई जाए। प्रतिनिधिमंडल में ग्राम पंचायत बुंग जहल गाड के प्रधान महेन्द्र राणा व थुनाग निवासी गोपाल सिंह सहित स्थानीय लोग मौजूद थे।
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Sunday 21 February 2016

नाबालिग से दुराचार के दोषी को 10 साल कैद


मंडी। नाबालिगा से दुराचार करने के आरोपी को अदालत ने दस साल के कठोर कारावास और दस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। इसके अलावा अदालत ने पीडिता हर्जाना स्कीम व आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशि को बतौर हर्जाना पीडिता के पक्ष में अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह की विशेष अदालत ने सरकाघाट तहसील के सरसकाण (बरोटी) निवासी कृष्ण चंद पुत्र भीखम राम के खिलाफ प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड फरोम सेक्सुअल आफेंस एक्ट (पोकसो) की धारा 6 और भादंस की धारा 376 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 जून 2014 को 13 वर्षीय पीडिता अपने स्कूल को गई हुई थी। इसी दौरान पीडिता का चाचा जब अपने दफतर को जा रहा था तो घर के नजदीक ही मंदिर के पास पीडिता उसे रोते हुए मिली। जब उन्होने पीडिता से कारण पूछा तो उसने बताया कि आरोपी ने उसके साथ दुराचार किया। जिस पर उसके चाचा ने इस बारे में पीडिता की दादी को बताया और इस संबंध में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लिया था। अदालत में चलाए गए अभियोग के दौरान जिला न्यायवादी आर के कौशल ने मामले को साबित करने के लिए 22 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से दो गवाहों के बयान कलमबंद हुए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ नाबालिगा से दुराचार करने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। जबकि पीडिता हर्जाना स्कीम और आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशि को पीडिता के पक्ष में बतौर हर्जाना अदा करने का भी आदेश दिया है।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...