Tuesday 31 January 2017

प्रकाश व्यवस्था न होने से अंधेरे में डूबा रहता है राष्ट्रीय ध्वज




मंडी। यहां के पड्डल स्टेडियम में स्थापित 105 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज अकसर प्रकाश व्यवस्था फेल होने के कारण अंधेरे में डूबा रहता है। जिससे स्थानीय वासियों को तिरंगे का अपमान देख कर आहत होना पडता है। इस बारे में जिला न्यायलय में कार्यरत अधिवक्ता समीर कश्यप ने उपायुक्त मंडी संदीप कदम को ज्ञापन प्रेषित करके शीघ्रातिशीघ्र इस राष्ट्रीय ध्वज के लिए प्रकाश व्यवस्था करने की मांग की है। अधिवक्ता समीर कश्यप ने बताया कि पिछले करीब माह में वह जब भी पडडल स्टेडियम के पास से गुजरे है तो उन्हें अकसर स्डेडियम में स्थापित 105 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज प्रकाश व्यवस्था न होने के कारण अंधेरे में डूबा हुआ मिला है। राष्ट्रीय ध्वज के इस अपमान से हमेशा आहत होना पडता है। उन्होने कहा कि देश के गृह मंत्रालय ने 23 दिसंबर 2009 को 100 फुट या इससे अधिक ऊंचाई पर तिरंगा जगमगाहट के साथ रात के समय भी लहराए जाने की अनुमति दी है। गत वर्ष 8 मार्च को शिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ के समय मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी के पडडल स्टेडियम में इस राष्ट्रीय ध्वज को स्थापित किया था। हालांकि तिरंगे को रात के समय भी लहराने के लिए प्रकाश व्यवस्था का इंतजाम भी किया गया है। कुछ समय तक प्रकाश व्यवस्था सुचारू रूप से तिरंगे के लिए जगमगाहट देती रही। लेकिन पिछले करीब एक महीने से यह प्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प पड जाने और बिजली न होने पर बैक उप की सुविधा न होने से तिरंगा अंधेरे में डूबा हुआ है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को अंधेरे में नहीं लहराया जा सकता और यह फलैग कोड के तहत तिरंगे का अपमान है। लेकिन शहर के बीचों बीच हो रहे तिरंगे के इस अपमान को रोकने के लिए अभी तक प्रशासन की ओर से कोई संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है। अधिवक्ता ने उपायुक्त से मांग की है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कडी से कडी कार्यवाही अमल में लायी जाए। जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो। इसके अलावा इस राष्ट्रीय ध्वज के लिए जल्द से जल्द प्रकाश की व्यवस्था की जाए या इसे सुर्यास्त के समय उतारने का प्रबंध किया जाए। इधर, उपमंडलाधिकारी सदर डॉ. मदन कुमार ने कहा कि पड्डल स्टेडियम के राष्ट्रीय ध्वज में शीघ्रातिशीघ्र प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
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Sunday 29 January 2017

बिजणी पंचायत को मिलेगा आईएसआई स्टैंडर्ड का पानी




मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग को बिजणी वासियों को आईएसआई स्टैंडर्ड का पानी मुहैया करवाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा फोरम ने विभाग को विश्व स्वास्थय संगठन के दिशा निर्देशों की अनुपालना करने के भी आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य और सदस्यों विभूती शर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी के समखेतर मुहल्ला स्थित हिमाचल प्रदेश उपभोक्ता संघ की शिकायत को उचित मानते हुए सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग को लोगों को आईएसआई स्टैंडर्ड का पानी मुहैया करवाने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता बी आर जसवाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार बिजणी पंचायत निवासी जगदीप पुत्र लालमन ने अनेकों बार विभाग के कार्यालयों में शिकायतें दी थी कि उन्हें पिछले कई सालों से गंदला पानी मुहैया करवाया जा रहा है। उन्हें यह पानी थाटनाला से लिफट करके आपुर्ती किया जाता है। लेकिन इस पेयजल स्कीम में कोई इनटेक नहीं है और न ही कोई फिल्टर टैंक लगाया गया है। जिसके चलते लोगों को सीधे स्त्रोत से पेयजल आपुर्ती की जा रही है। विभाग के इन शिकायतों पर कोई कार्यवाही न करने पर जगदीप ने उपभोक्ता संघ के समक्ष इस समस्या को उठाया था। जिसके चलते उपभोक्ता संघ ने फोरम में शिकायत दायर करके प्रार्थना की थी कि विभाग को बिजणी निवासियों को तत्काल स्वच्छ पानी मुहैया करवाने के निर्देश दिये जाएं। फोरम ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपने फैसले में विभाग को निर्देश दिये हैं कि इस स्कीम में स्टोरेज टैंक का निर्माण जल्द से जल्द शुरू करने के गंभीर प्रयास किये जाएं। इसके अलावा विभाग को टैंक का निर्माण कार्य पूरा होने पर हर 15 दिनों के बाद पानी के टैंक का निरिक्षण करके पानी की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किये गए हैं। फोरम ने विभाग को निर्देश दिये हैं कि बिजणी वासियों को आईएसआई स्टैंडर्ड का पानी मुहैया करवाया जाए। इसके अलावा विश्व स्वास्थय संगठन के दिशानिर्देशों के मुताबिक स्वास्थय आधारित पेयजल आपुर्ती करने, पेयजल सुरक्षा को नियंत्रित और सुनिश्चित करने, इस स्कीम की संचालन व्यवस्था की स्वतंत्र निगरानी रखने, पानी का समय-2 पर निरिक्षण करने, परीक्षण की रिर्पोट को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित करने तथा पुरानी, जंग लगी और टूटी हुई पाईपलाईनों को समय-2 पर बदलने के भी आदेश पारित किये हैं।
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Wednesday 25 January 2017

पहले एफआरए को अमलीजामा पहनाओ फिर कब्जे हटाओ





मंडी। हिमाचल प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम 2006 (एफआरए) को अमली जामा पहनाए जाने तक वन व राजस्व विभाग के कब्जा हटाओ अभियान व वन भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इस बारे में जिला परिषद तथा वन अधिकार जिला स्तरीय समिति के सदस्य संत राम ने प्रदेश सरकार के मुखय सचिव व राज्य स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष को उपायुक्त मंडी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया है। संत राम ने मांग की है कि सभी वन निवासियों के वन अधिकारों के दावों को वन अधिकार कानून के अनुसार अमली जामा पहनाया जाए। उन्होने कहा कि इस बीच अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए तथा लोगों के घरों के बिजली पानी के काटे गए कनेक्शनों को बहाल किया जाए। संत राम ने मांग की है कि वन अधिकार कानून की जागरूकता के लिए अभियान चलाया जाये तथा सरकार के संबद्ध विभागों को सक्रियता के साथ इस पूरे अभियान में शामिल किया जाए। उन्होने कहा कि उप मण्डल, जिला स्तर की समितियों व वन अधिकार समितियों को प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा प्रदेश में जिन वन अधिकारों को बर्तनदारी के रूप में वन तथा राजस्व दस्तावेजों में दर्ज किया गया है उन्हें वन अधिकार कानून के तहत मान्यता दी जाए। वहीं पर ग्राम सभाओं से दावे पेश करने की प्रक्रिया को भी तीव्र किया जाए। उन्होने कहा कि आदिवासी व गैर आदिवासी क्षेत्रों में प्रस्तुत दावों के सत्यापन व मान्यता की प्रक्रिया अभी तक लंबित पड़ी है, जिसे तुरंत पूरा किया जाए। संत राम ने कहा कि इस प्रक्रिया का कानूनन संचालन न होने व वन विभाग के दबाव के कारण प्रदेश के सभी वन अधिकार के दावेदार अपने दावे पेश नहीं कर पाए हैं। दावा पेश करने के लिए भय मुक्त वातावरण का निर्माण किया जाए तथा पूरे प्रदेश में फिर से वन अधिकार के दावे लेने की प्रक्रिया शुरू की जाए और लंबित पड़े दावों को निपटा कर वन अधिकार पत्र वन निवासियों को सौंपे जाएं। उन्होने कहा कि वन संरक्षण व प्रबंध समितियों का गठन किया जाए। इन समितियों द्वारा वन प्रबंधन व संरक्षण के लिए नियम कायदे बनाए जाएँ तथा वन प्रबंध की योजना बनाई जाए । इसके अलावा वन अधिकार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने व वन अधिकार प्रदान करने में अवरोध करने वाले अधिकारियों पर वैधानिक अवहेलना की कार्यवाही की जाए। संत राम ने कहा कि मंडी जिला प्रशासन की ओर से वर्ष 2014-15 में जिला में कोई दावे न होने के ग्राम सभा के पारित प्रस्तावों की जांच की जाए। प्रदेश में आदिवासी विकास विभाग जो इस कानून को लागू करने की नोडल एजेंसी है की पहुंच पुरे प्रदेश में न होने के कारण राजस्व विभाग को इस कानून को लागू करने का कार्य सौंपा जाए। इसके अलावा एफआरए कानून लागू करने के संदर्भ में सहमति बनाने के लक्ष्य से आम जनता, सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों से चर्चा की जाए।
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Saturday 21 January 2017

जिला बार एसोसिएशन में प्रधान पद पर टाई, संजय मंडयाल और पंकज ठाकुर बनेंगे 6-6 माह के लिए प्रधान




डी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव में प्रधान पद का परिणाम पहली बार टाई हुआ है। इस पद पर संजय मंडयाल और पंकज ठाकुर को बराबर मत मिले हैं। वह दोनों ही छह-2 महीने के लिए प्रधान पद पर आसीन होंगे। बार एसोसिएशन के चुनाव आयुक्त ललित कपूर, हितेश बहल, प्रितम ठाकुर और खेम राज ने शनिवार देर शाम को चुनाव परिणामों की घोषणा की। उन्होने बताया कि प्रधान पद पर संजय मंडयाल और पंकज ठाकुर के 96-96 मत लेने से मुकाबला बराबरी पर छूटा है। जबकि दिनेश सकलानी (172) ने विखयात गुलेरिया (143) को हरा कर चौथी बार उपाध्यक्ष पद जीता है। महासचिव पद पर अंशुल गुलेरिया (164) ने रूपेश उपाध्याय (153) को पराजित किया है। वहीं पर सहसचिव पद पर संजय कुमार (183) ने स्मृति संदल (134) को शिकस्त दी है। चुनाव आयुक्त ललित कपूर ने बताया कि बार एसोसिएशन के इन पदों के लिए शनिवार सुबह करीब साढे दस बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। एसोसिएशन के करीब साढे चार सौ अधिवक्ताओं में से तीन सौ तीन सदस्यों ने मतदान में भाग लिया। देर शाम को मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतगणना के बाद इन पदों के परिणामों को घोषित कर दिया गया है। उन्होने बताया कि आगामी 1 मार्च को नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इधर, नवनिर्वाचित प्रधान संजय मंडयाल व पंकज ठाकुर और सभी पदाधिकारियों ने कहा कि वह अधिवक्ता सदस्यों की आपेक्षाओं पर पूरा उतरने की कोशीश करेंगे। उन्होने कहा कि बार और बेंच के बीच समन्वय बना कर कार्य किया जाएगा। उन्होने एसोसिएशन के सभी सदस्यों को अपना समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया है। इधर, नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के परिणामों के बाद में उल्लास का माहौल है। चुने गए पदाधिकारियों के समर्थक नारेबाजी और पटाखेबाजी से जीत का जश्न मना रहे हैं।
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Friday 20 January 2017

जिला बार एसोसिएशन मंडी के चुनाव कल होंगे





मंडी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव आगामी 21 जनवरी को आयोजित होंगे। इस बार प्रधान पद के लिए पांच उममीदवार चुनाव मैदान में है। बार एसोसिएशन के चुनाव आयुक्त ललित कपूर, हितेश बहल, प्रितम ठाकुर और खेम राज ने बताया कि एसोसिएशन के चुनाव शनिवार को आयोजित होंगे। जिसमें प्रधान पद के लिए बिमल शर्मा, पंकज ठाकुर, विजय भंडारी, मयूर प्रकाश शर्मा और संजय मंडयाल ने अपनी दावेदारी जताई है। जबकि उपप्रधान पद के लिए दिनेश सकलानी और विखयात गुलेरिया चुनाव मैदान में हैं। महासचिव पद के लिए रूपेश उपाध्याय और अंशुल गुलेरिया के बीच मुकाबला होगा। वहीं पर सहसचिव पद के लिए संजय कुमार और समृति संदल ने नामांकन भरे हैं। चुनाव आयुक्त ललित कपूर ने बताया कि विभिन्न पदों के लिए नामांकन वापिस लेने की तारीख 18 जनवरी को थी। लेकिन प्रत्याशियों में सहमति न बन पाने के कारण अब 21 जनवरी को बार रूम में साढे दस बजे से तीन बजे तक मतदान करवाया जाएगा। उन्होने बताया कि मतदान प्रक्रिया के बाद शनिवार को ही चुनाव के परिणाम घोषित कर दिये जाएंगे।
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Thursday 19 January 2017

रिवालसर में युवक मौत मामले की हो निष्पक्ष जांच





मंडी। रिवालसर में युवक की संदिगध मौत के मामले में स्थानीय वासियों ने जिला पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है। घौड पंचायत के स्थानीय वासियों के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा को सोमवार को इस बारे में एक ज्ञापन सौंपा है। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार इस मामले में पुलिस ने घौड गांव निवासी किशोरी लाल पुत्र पदमनाभ को पुलिस हिरासत में लिया है। जबकि किशोरी लाल विगत 9 जनवरी की शाम को रिवालसर में अपने कार्य से घर लौट रहा था। इसी बीच रास्ते में कनवालू नाला के नजदीक लोगों की भीड खडी देखकर वह वहां पर रूका तो पता चला है कि कोई हादसा हुआ है। जब किशोरी लाल ने मृतक को देखा तो उसने पुलिस के सामने उसकी शिनाखत अपने दोस्त बंटी के रूप में की थी। जिसके बाद पुलिस उसे पुछताछ के लिए रिवालसर चौकी ले गई थी। जहां पर बाद में संदेह के आधार पर उसे हिरासत में ले लिया गया था। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि किशोरी लाल का इस मामले में कोई संबंध नहीं है और उसे गल्त तरीके से हिरासत में रखा गया है। उनके अनुसार अगर किशोरी लाल की इस मामले में कोई गल्त मंशा या संलिप्तता होती तो वह स्वयं मौकास्थल पर मृतक की शिनाखत अपने दोस्त के रूप में नहीं करता। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार किशोरी लाल आपराधिक प्रवृति का नहीं है और उसका चरित्र भी अच्छा है। ऐसे में उसे गल्त तरीके से हिरासत में लिया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस से मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जाए और संदेह के आधार पर गल्त तरीके से हिरासत में लिए गए किशोरी लाल को तत्काल रिहा किया जाए और इस मामले के असली दोषियों पर शिकंजा कसा जाए। प्रतिनिधिमंडल में घौड पंचायत के प्रधान दत्त राम, पदमनाभ, नागेश्वरी, भावना देवी, विश्वनाथ, इंद्र देव, शकुंतला देवी, रेखा देवी, लीला देवी, रमा देवी, रूप लाल, सुशील कुमार, नर्वदा देवी, दुर्गा देवी, बिमला देवी, पप्पू, प्रेमदेई, देविन्द्र, दिनेश, दुनीचंद, कुसुमा व चंपा सहित अन्य स्थानीय वासी शामिल थे। इधर, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन देते हुए इस मामले को सुलझाने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया है।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...